क्‍या वाकई पर्यावरण और जानवरों के लिए खतरनाक है 5जी सर्विस, क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट

क्‍या वाकई पर्यावरण और जानवरों के लिए खतरनाक है 5जी सर्विस, क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट

प्रेषित समय :11:05:24 AM / Sat, Jun 5th, 2021

बॉलीवुड एक्‍ट्रेस जूही चावला ने दिल्‍ली हाई कोर्ट में 5जी सेवा को शुरू करने के खिलाफ एक याचिका दायर की थी. जूही ने 5जी को पर्यावरण और जानवरों के लिए खतरनाक बताते हुए इसे कैंसिल करने की मांग की. हाई कोर्ट ने उनकी याचिका को यह कहते हुए ठुकरा दिया कि ये सिर्फ एक पब्लिसिटी स्‍टंट था जिसमें मीडिया का ध्‍यान अपनी तरफ खींचने की कोशिश की गई थी. लेकिन क्‍या वाकई 5जी पर्यावरण के लिए खतरनाक है और इस पर पर्यावरणविद क्‍या सोचते हैं?

क्‍या होगा 5जी का फायदा

दुनिया के कई देशों में इस समय 5जी सर्विस को लॉन्‍च किया जा रहा है. कई रिसर्चर्स की तरफ से बात को लेकर चिंता जताई गई है कि 5जी इंसानों और पर्यावरण के लिए खतरा हो सकती है. कई वैज्ञानिकों और डॉक्‍टरों की तरफ से अपील की गई है कि 5जी को रोका जाना चाहिए. 5जी को 4जी की तुलना में 1000 गुना ज्‍यादा तेज बताया जा रहा है. कहा जा रहा है कि 5जी के आने के बाद आप अपने फोन में 100 जीबी प्रति सेकेंड की रफ्तार से 4 हजार वीडियोज देख सकेंगे.

कई फेक स्‍टोरीज चलन में

जब से 5जी की लॉन्चिंग का ऐलान किया गया है तब से ही पब्लिक का रवैया इसके लिए काफी उदासीन है. इस सर्विस के साथ सुरक्षा को लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं. एक रिपोर्ट में तो ये तक कहा गया था कि 5जी की वजह से नीदरलैंड्स में सैंकड़ों चिड़‍िया मर गई थीं. हालांकि बाद में ये खबर सिर्फ एक अफवाह साबित हुई. इस तरह की कई और फेक स्‍टोरीज मीडिया में आ चुकी हैं. 5जी को लेकर जो चिंता जताई जा रही है वो इसकी अत्‍यधिक हाई फ्रिक्‍वेंसी की वजह से है. बताया जा रहा है कि इसकी फ्रिक्‍वेंसी 30 गिगाहर्ट्ज से लेकर 300 गीगाहर्ट्ज तक होने वाली है.

5जी की वजह से एंटेना का जाल

ऐसा बताया जा रहा है कि 5जी सर्विस में हर 100 से 200 मीटर की दूरी पर एक एंटेना होगा. ऐसे में वैज्ञानिकों की मानें तो एंटीना का जाल बिछा होगा. लेकिन इस सर्विस का जानवरों और पर्यावरण पर कोई प्रभाव होगा इसे लेकर दो तरह के मत हैं. वायरलेस कंपनियों और अमेरिकी संस्‍था सीडीसी की तरफ से जनता को भरोसा दिलाया गया है कि 5जी नेटवर्क पूरी तरह से सुरक्षित है.

दूसरी तरफ वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गनाइजेशन के तहत आने वाली इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) ने अमेरिका की नेशनल टॉक्‍सीकोलॉजी प्रोग्राम (NTP) की तरफ से हुई स्‍टडी में इस बात के सुबूत मिले हैं कि सेलफोन की ज्‍यादा फ्रिक्‍वेंसी कैंसर के खतरे को बढ़ाती है. लेकिन इस तरफ अभी कोई सुबूत नहीं मिले हैं कि 5जी की वजह से जानवरों को कोई नुकसान पहुंचता है.

अभी तक नहीं साबित हुआ कुछ

साल 2019 और 2020 में कुछ स्‍टडीज हुईं लेकिन इस बात को साबित नहीं किया जा सका कि इस सेवा का जानवरों पर कोई असर पड़ेगा. बेंगलुरु के इंडियन इंस्‍टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) से एनवायरमेंटल साइंस में पीएचडी कर चुकीं मधुरा आंबडेकर की मानें तो अभी तक इसे साबित करने के लिए कई देशों में स्‍टडीज हो रही हैं. रेडिएशन 4जी हो या 5जी हो, हर तरह से खतरनाक है. लेकिन जब तक कोई ठोस सुबूत नहीं मिल जाते हैं तब तक 5जी पर कुछ भी कहना सही नहीं होगा. मधुरा का कहना है कि ये सेवा जानवरों और पर्यावरण के लिए खतरा है, इसे जानने के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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