शुभेंदु अधिकारी भी करेंगे घर वापसी. . .?

शुभेंदु अधिकारी भी करेंगे घर वापसी. . .?

प्रेषित समय :22:53:40 PM / Sat, Jun 12th, 2021

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल में भाजपा के सबसे बड़े तुरुप के पत्ते शुभेंदु अधिकारी भी घर वापसी करने वाले हैं. मुकुल रॉय के दबे पांव तृणमूल कांग्रेस में जाने के बाद यह सवाल उठने लगा है. कारण, ये दोनों नेता दिल्ली आए थे. भाजपा आलाकमान से मिले और मौन साधे लौट गए. लौटने के तत्काल बाद रॉय के भाजपा से नाता तोड़ते ही साफ हो गया कि इन नेताओं को संरक्षण का भरोसा नहीं मिला. लिहाजा, अब अधिकारी के कदम पर सबकी नजरें टिक गई हैं.

वैसे मुकुल रॉय के भाजपा छोड़ने के बाद तत्काल दो और विकेट गिरने की संभावना बढ़ गई है. भाजपा सांसद राजीव बनर्जी का तृणमूल से बढ़ाई जा रही नजदीकी और विधायक सुनील सिंह का भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष द्वारा बुलाई गई बैठक से दूरी बनाना कुछ इसी तरह के संकेत दे रहे हैं. ममता बनर्जी की सत्ता में वापसी के बाद जो नेता तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए थे, वह वापस तृणमूल कांग्रेस में वापसी की कवायद में जुट गए हैं. पलायन करने वाले नेताओं की वापसी के कई निहितार्थ हैं. सूत्र बताते हैं कि अधिकांश वह नेता वापसी कर रहे हैं, जो बड़े नेताओं के साथ पार्टी छोड़े थे. बड़े नेताओं के साथ वह फिर भाजपा छोड़ रहे हैं. कुछ वह नेता भी भाजपा छोड़कर तृणमूल में आ रहे हैं, जिन्हें भाजपा के सत्ता में आने की उम्मीद थी और उन्हें लग रहा था कि सत्ता के साथ रहने से उनके ऊपर चल रहे केस में राहत मिल जाएगी, लेकिन तृणमूल की सत्ता में वापसी के साथ उन्हें जेल जाने का डर सताने लगा है, ऐसे में वह फिर तृणमूल में वापस आ रहे हैं. मुकुल रॉय के बाद अब भाजपा सांसद राजीव बनर्जी के भी तृणमूल जाने के संकेत मिल रहे हैं. बनर्जी तृणमूल नेता कुणाल घोष से मुलाकात के बाद चुप्पी साध लिए हैं. वहीं कृणाल घोष की तरफ से यह कहना कि कोई राजनीतिक बात नहीं है से यह आशंका और बढ़ गई है.

उधर उत्तर 24 परगना में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष द्वारा बुलाई गई बैठक में पार्टी के तीन विधायक  शामिल नहीं हुए. ये वह विधायक हैं जो मुकुल रॉय के साथ भाजपा में शामिल हुए थे. अब जब रॉय तृणमूल में चले गए हैं तो साफ है कि यह विधायक भी भाजपा का साथ छोड़ सकते हैं. वैसे विधायक सुनील सिंह रॉय के सबसे वफादार साथी हैं. 2009 में रॉय के साथ वह कांग्रेस छोड़कर तृणमूल में आए थे और उन्हीं के साथ भाजपा में गए थे. सुनील सिंह ने साफ कहा है कि समय आने पर वह कोई भी निर्णय ले सकते हैं. मतलब साफ है कि बंगाल में भाजपा से भगदड़ तेज होने वाली है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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