1 धन धान्य वृद्धि के लिए
श्रावण के महीने में 108 बिल्व पत्रों पर चन्दन से नमः शिवाय लिखकर इसी मंत्र का जप करते हुए शिवजी को अर्पित करें. 31 दिन तक यह प्रयोग करें, घर में सुख-शांति एवं सम्रद्धि आएगी, रोग, बाधा, मुकदमा आदि में लाभ एवं व्यापार में प्रगति होगी व नया रोजगार मिलेगा. यह एक अचूक प्रयोग है.
भगवान् को भोग लगाई हुई थाली अंतिम आदमी के भोजन करने तक ठाकुरजी के सामने रखी रहे तो रसोई बीच में ख़त्म नहीं होती है.
2 प्रतिष्ठान में बिक्री बढ़ाने के लिए
आप अपने व्यापार में अधिक पैसा प्राप्त करना चाहते हैं और चाहते हैं की आपके व्यापार की बिक्री बढ़ जाए तो आप वट वृक्ष की लता को शनिवार के दिन जाकर निमंत्रण दे आएं. (वृक्ष की जड़ के पास एक पान, सुपारी और एक पैसा रख आएं) रविवार के दिन प्रातः काल जाकर उसकी एक जटा तोड़ लाएं, पीछे मुड़कर न देखें. उस जटा को घर लाकर गुग्गल की धूनी दें तथा 101 बार इस मंत्र का जप करें-
ॐ नमो चण्ड अलसुर स्वाहा.
3 छोटे बच्चों को नजर लगने पर
अगर आप चाहते हैं की छोटे बच्चों को नजर न लगे इसके लिए हाथ में चुटकी भर रक्षा लेकर ब्रहस्पतिवार के दिन 'ॐ चैतन्य गोरखनाथ नमः मंत्र का 108 बार जप करें. फिर इसे छोटी-सी पुडिया में डालकर काले रेशमी धागे से बच्चे के गले में बाँधने पर बुरी नजर नहीं लगती.
4 अपने व्यापार में करें मनोवांछित उन्नति पाने के लिए
अगर आप अपने व्यापार में मनोवांछित उन्नति करना चाहते हैं तो सोमवार को प्रातः नवनिर्मित अंगूठी को गंगाजल में धोकर गाय के दूध में डुबो दें, उसमें थोड़ी-सी शक्कर, तुलसी के पत्ते और कोई भी सफ़ेद फूल डाल दें. इसके पश्चात स्नान ध्यान से निवृत्त होकर अंगूठी को पहन लें. ऐसा करने से व्यापार में मनोवांछित उन्नति प्राप्त होगी.
5 कन्या के विवाह में विलम्ब होने पर
अगर आपकी कन्या के विवाह में विलम्ब हो रहा हो या कन्या के लिए योग्य वर की तलाश पूरी नहीं हो रही हो तो किसी भी गुरूवार के दिन प्रातःकाल नहा धोकर बेसन के लड्डू स्वयं बनाएं. उनकी गिनती 109 होनी चाहिए. फिर पीले रंग की टोकरी में पीले रंग का कपड़ा बिछाकर उन लड्डूओं को उसमें रख दें तथा अपनी श्रद्धानुसार कुछ दक्षिणा रख दें. पास के किसी शिव मंदिर में जाकर विवाह हेतु प्रार्थना कर घर आ जाएं.
6 कार्य असफल होने पर
आप चाहते हैं की आपके द्वारा किये गए कार्य सफल हो लेकिन कार्य के प्रारम्भ होते ही उसमें विध्न आ जाते हैं और वह असफल हो जाते हैं इसके लिए आप यह करें: प्रातःकाल कच्चा सूत लेकर सूर्य के सामने मुंह करके खड़े हो जाएं. फिर सूर्य देव को नमस्कार करके 'ॐ हीं घ्रणि सूर्य आदित्य श्रीम' मंत्र बोलते हुए सूर्य देव को जल चढ़ाएं. जल में रोली, चावल, चीनी तथा लाल पुष्प दाल लें. इसके पश्चात कच्चे सूत को सूर्य देव की तरफ करते हुए गणेशजी का स्मरण करते हुए सात गाँठ लगाएं. इसके पश्चात इस सूत को किसी खोल में रखकर अपनी कमीज की जेब में रख लें, आपके बिगड़े कार्य बनाने लगेंगे.
7 गर्भ धारण करने के लिए
अगर आपको किसी कारणवश गर्भ धारण नहीं हो रहा हो तो मंगलवार के दिन कुम्हार के घर आएं और उसमें प्रार्थना कर मिट्टी के बर्तन वाला डोरा ले आएं. उसे किसी गिलास में जल भरकर दाल दें. कुछ समय पश्चात डोरे को निकाल लें और वह पानी पति-पत्नी दोनों पी लें. यह क्रिया केवल मंगलवार को ही करनी है अगर संभव हो तो उस दिन पति-पत्नी अवश्य ही रमण करें. गर्भ की स्थिति बनते ही उस डोरे को हनुमानजी के चरणों में रख दें.
8 अपने घर-गृहस्थी को बनाएं सुखी
अक्सर हम गृहस्थ जीवन में देखते हैं तो गृहस्थ का सामान टूट-फूट जाता है या सामान चोरी हो जाता है. जो भी आता है असमय ही ख़त्म हो जाता है. रसोई में बरकत नहीं रहती है तो ऐसी स्त्रियाँ भोजन बनाने के बाद शेष अग्नि को न बुझाएं और जब सब जलकर राख हो जाए तो राख को गोबर में मिलाकर रसोई को लीप दें. फर्श हो तो उस राख को पानी में घोलकर उसी पानी से फर्श डालें. यह क्रिया कई बार करें. घर-गृहस्थी का छोटा-मोटा सामान, गिलास, कटोरी, चम्मच आदि सदैव बने रहेंगे.
9 इच्छा के विरूद्ध कार्य करना पड़ रहा हो तो-*
अगर आपको किसी कारणवश कोइ कार्य अपनी इच्छा के विपरीत करना पड़ रहा हो तो आप कपूर और एक फूल वाली लौंग एक साथ जलाकर दो-तीन दिन में थोड़ी-थोड़ी खा लें. आपकी इच्छा के विपरीत कार्य होना बंद हो जाएगा.
10 दाम्पत्य जीवन में शान्ति के लिए
अगर आपका दाम्पत्य जीवन अशांत है तो आप रात्री में शय न करते समय पत्नी अपने पलंग पर देशी कपूर तथा पति के पलंग पर कामिया सिन्दूर रखें. प्रातः सूर्यदे के समय पति देशी कपूर को जला दें और पत्नी सिन्दूर को भवन में छिटका दें. इस टोटके से कुछ ही दिनों में कलह समाप्त हो जाती है.
11 बेरोजगारी दूर करने हेतु
अगर आपको नौकरी या काम नहीं मिल रहा है और आप मारे-मारे फिर रहे हैं तो एक दागरहित बड़ा नीबूं लें और चौराहे पर बारह बजे से पहले जाकर उसके चार हिस्से कर लें और चारों दिशाओं में दूर-दूर फेंक दें. फलस्वरूप बेरोजगारी की समस्या समाप्त हो जाएगी.
12 भाग्योदय करने के लिए करें यह उपाय
अपने सोए भाग्य को जगाने के लिए आप प्रात सुबह उठकर जो भी स्वर चल रहा हो, वही हाथ देखकर तीन बार चूमें, तत्पश्चात वही पांव धरती पर रखें और वही कदम आगे बाधाएं. ऐसा नित्य-प्रतिदिन करने से निश्चित रूप से भाग्योदय होगा.
13 त्वचा रोग होने पर यह करें
त्वचा संबंधी रोग केतु के दुष्प्रभाव से बढ़ते हैं. यदि त्वचा संबंधी घाव ठीक न हो रहा हो तो सायंकाल मिट्टी के नए पात्र में पानी रखकर उसमें सोने की अंगूठी या एनी कोइ आभूषण दाल दें. कुछ देर बाद उसी पानी से घाव को धोने के बाद अंगूठी निकालकर रख लें तथा पाने किसी चौराहे पर फेंक आएं. ऐसा तीन दिन करें तो रोग शीघ्र ठीक हो जाएगा.
14 व्यवसाय में मंदी से छुटकारा पाने के लिए
अगर आपके व्यापार में मंदी आ गयी है या नौकरी में मंदी आ गयी है तो यह करें. किसी साफ़ शीशी में सरसों का तेल भरकर उस शीशी को किसी तालाब या बहती नदी के जल में डाल दें. शीघ्र ही मंदी का असर जाता रहेगा और आपके व्यापार में जान आ जाएगी.
15 भय से मुक्ति के लिए
अगर आपको बिना कारण भय रहता हो या सांप-बिच्छू या वन्य पशुओं का भय रहता हो तो यह करें : बांस की जड़ जलाकर उसे कान पर धारण करने से भय मिट जाता है. निर्गुन्डी की जड़ अथवा मोर पंख घर में रख देने से सर्प कभी भी घर में प्रवेश नहीं करता. रवि-पुष्य योग में प्राप्त सफ़ेद चादर की जड़ लाकर दाईं भुजा पर बाँधने से वन्य पशुओं का भय नहीं रहता है साथ ही अग्नि भय से भी छुटकारा मिल जाता है. केवड़े की जड़ कान पर धारण करने से शत्रु भय मिट जाता है.
16 परिवार से रोग भगाने के लिए
अगर स्वास्थ्य में सुधर न होता हो तो यह उपाय करें: एक देशी अखंडित पान, गुलाब का फूल और कुछ बताशे रोगी के ऊपर से 31 बार उतारें तथा अंतोक चौराहे पर रख दें. इसके प्रभाव से रोगी की दशा में शीघ्रता से सुधार होगा.
17 पारिवारिक सुख-शांति के लिए
अगर आपके परिवार में अशांति रहती है और सुख-चैन का अभाव है तो प्रतिदिन प्रथम रोगी के चार भाग करें, जिसका एक गाय को, दूसरा काले कुत्ते को, तीसरा कौवे को तथा चौथा टुकड़ा किसी चौराहे पर रखवा दें तो इसके प्रभाव से समस्त दोष समाप्त होकर परिवार की शांति तथा सम्रद्धि बढ़ जाती है.
18 सुखी रहने के कुछ नुस्खे
ब्रहस्पतिवार या मंगलवार को सात गाँठ हल्दी तथा थोड़ा-सा गुड इसके साथ पीतल का एक टुकड़ा इन सबको मिलाकर पोटली में बांधें तथा ससुराल की दिशा में फेंक दें तो वहां हर प्रकार से शांति व सुख रहता है.
कन्या अपनी ससुराल में रहते हुए यह करें. मेहँदी तथा साबुत उरद जिस दिशा में वधु का घर हो, उसी दिशा में फेंकने से वर-वधु में प्रेम बढ़ता है.
किसी विशेष कार्य के लिए घर के निकलते समय एक साबुत नीबू लेकर गाय के गोबर में दबा दें तथा उसके ऊपर थोड़ा-सा कामिया सिन्दूर छिड़क दें तथा कार्य बोलकर चले जाएं तो कार्य निश्चित ही बन जाता है.
सावन के महीने में जब पहली बरसात हो तो बहते पानी में विवाह करने से दुर्भाग्य दूर हो जाता है.
19 अविवाहित व अधिक उम्र की कन्या के विवाह के लिए
अगर आपकी लडकी अविवाहित है या उसकी उम्र बहुत ज्यादा हो चुकी है इसके कारण विवाह होने में रूकावटें आ रही हो तो इसके लिए एक उपाय है: देवोत्थान एकादशी कच और देवयानी की मिट्टी की मूरतें बनाकर उन मूर्तियों में हल्दी, चावल, आते का घोल लगाकर उनकी पूजा करके उन्हें एक लकड़ी के फट्टे से ढक लेते हैं. फिर उस फट्टे पर कुमारी कन्या को बिठा दिया जाता है तो उसका विवाह हो जाता है.
20 स्वप्न सिद्धि के लिए
अगर आप स्वप्न में भविष्य की बात मालूम करना चाहते हैं तो जंगल में जाकर जिस वृक्ष पर अमर बेल हो, उसकी सात परिक्रमा कर अमर बेल्युक्त एक लकड़ी को तोड़ लाएं. फिर उस लकड़ी को धुप देकर जला दें तथा लता को सिरहाने रखकर विचार करते हुए सो जाएं तो स्वप्न में आपको ज्ञात हो जाता है.
Astro nirmal
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