चंडीगढ़. पंजाब की तलवंडी साबो के पावर प्लांट की दूसरी यूनिट भी रविवार को खराब होने के कारण 660 मेगावाट बिजली उत्पादन ठप हो गया, जिससे सूबे में बिजली का संकट और बढ़ गया है. इस संकट से बिजली के उपयोग पर उद्योगों पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने पर भी सवालिया निशान लग गए है. मध्य और उत्तरी क्षेत्रों में स्थित औद्योगिक इकाइयां तीन दिनों से बंद हैं और आज बिजली उत्पादन की स्थिति बिगड़ने के साथ अब प्रतिबंधों को और बढ़ाया जा सकता है.
राज्य भर में घरेलू और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं ने भी दो से चार घंटे तक की अनिर्धारित बिजली कटौती की शिकायत की है. पीएसपीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि इस कटौती का कारण तलवंडी साबो में 660 मेगावाट के संयंत्र के बॉयलर ट्यूब में रिसाव है और संयंत्र को चालू होने में दो से तीन दिन लगेंगे. एक अन्य इकाई (660 मेगावाट) खराबी के कारण कुछ समय के लिए बंद पड़ी है और इस महीने के अंत तक ही उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है. जैसे-जैसे कृषि क्षेत्र में मांग बढ़ती जा रही है पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने मांग को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है.
वर्तमान में राज्य में कुल बिजली की मांग 12280 मेगावाट है. भारत सरकार द्वारा राज्य की खरीद क्षमता को 400 मेगावाट बढ़ाकर 7800 मेगावाट करने के बाद राज्य ने पावर एक्सचेंज से क्रय शक्ति में वृद्धि की है. पिछले साल राज्य की खरीद क्षमता 6400 मेगावाट थी, जिसे इस साल बढ़ाकर 7400 मेगावाट कर दिया गया है.
तलवंडी साबो पावर लिमिटेड उत्तर भारत का सबसे बड़ा थर्मल पावर प्लांट है, जिसे निजी भागीदारी के तहत मानसा के पास गांव बनावाला में वेदांता कंपनी द्वारा स्थापित किया गया है. इसकी कुल क्षमता 1980 मेगावाट और प्रत्येक में 680 मेगावाट की तीन इकाइयां हैं. फिलहाल थर्मल पावर प्लांट नॉर्थ ग्रिड को करीब 1178 मेगावाट बिजली की आपूर्ति कर रहा है.
सूत्रों के मुताबिक ताप विद्युत संयंत्र की यूनिट नंबर ने आधी रात को अचानक ट्रिप कर दी और जैसे ही शीर्ष प्रबंधन को सूचना मिली उन्होंने इसे सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाए. थर्मल पावर प्लांट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यूनिट नंबर एक में तकनीकी खराबी थी. उन्होंने कहा कि इसके जल्द ठीक होने और बिजली पैदा करने की उम्मीद है.
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