बीजेपी को घेरने लोकसभा में नया नेता लाएगी कांग्रेस, राहुल गांधी का नाम सबसे आगे

बीजेपी को घेरने लोकसभा में नया नेता लाएगी कांग्रेस, राहुल गांधी का नाम सबसे आगे

प्रेषित समय :09:31:46 AM / Mon, Jul 5th, 2021

विधानसभा चुनाव में हार और कई विपक्षी दलों के एकजुट होकर कांग्रेस को अलग-थलग करने की कोशिशों के बीच पार्टी अपनी रणनीति बदल रही है. विपक्ष को एकजुट रखने के लिए पार्टी तृणमूल कांग्रेस के साथ रिश्तों को फिर से बेहतर बनाना चाहती है. कांग्रेस संसद के मॉनसून सत्र से पहले अपने संगठन में कई बड़े बदलाव करना चाहती है और इसी के तहत लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी को इस पद से हटा सकती है. इसके बाद सबसे बड़ा सवाल यही था कि लोकसभा में यह कमान कांग्रेस किसे देगी. सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी का नाम सदन में विपक्ष के नेता के तौर पर सबसे आगे चल रहा है.

हालांकि, इन नेताओं ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल इस मसले पर ज्यादा कुछ बताने के लिए नहीं है क्योंकि राहुल गांधी अभी तक इस जिम्मेदारी के लिए तैयार नहीं हुए हैं. बहरहाल, एचटी को मिली जानकारी के मुताबिक सोनिया और प्रियंका गांधी दोनों ही यह चाहती हैं कि राहुल गांधी यह भूमिका स्वीकार कर लें और इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.

अगर राहुल गांधी यह पद स्वीकार कर लेते हैं तो इसके बाद कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष का पद परिवार से बाहर के किसी सदस्य को मिल सकता है. अगर ऐसा होता है तो इससे जी-23 नेताओं की मांग भी पूरी हो जाएगी, जो पार्टी में चुनाव की मांग कर रहे थे. हालांकि, कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर फैसला बाद में किया जाएगा क्योंकि मौजूदा ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी का कार्यकाल 2022 तक है.

हालांकि, राहुल गांधी को सदन में कांग्रेस पार्टी का नेता बनाए जाने को लेकर पार्टी के ही कई नेता खुश नहीं है. एक सांसद ने पहचान न जाहिर करने की शर्त पर बताया, 'इससे राहुल गांधी सिर्फ संसद के होकर रह जाएंगे और कुछ वजहों से तो यह कांग्रेस अध्यक्ष के पद संभालने से भी ज्यादा मुश्किल है.'

लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष भी है. चौधरी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के धुर विरोधी माने जाते हैं. इसलिए चुनाव के दौरान उन्होंने ममता पर निशाना साधने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. इस सबके बावजूद पार्टी चुनाव में अपना खाता तक खोलने में नाकाम रही. कांग्रेस ने लेफ्ट के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. प्रदेश कांग्रेस के दबाव के बावजूद पार्टी का कोई बड़ा नेता प्रचार के लिए नहीं गया. पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सिर्फ एक दिन प्रचार किया, पर तृणमूल कांग्रेस खासकर ममता बनर्जी पर हमला करने से परहेज किया.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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