रायपुर. छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में 11 दिनों से हाथियों का उत्पात जारी है. मरवाही के रुमगा गांव में रविवार देर रात घुसे हाथियों ने कई कच्चे मकान तोड़ दिए और अंदर रखा राशन का खा गए. वहीं फसलें भी तहस-नहस कर दीं. इस दौरान ग्रामीणों ने वहां से भागकर अपनी जान बचाई. हाथियों के डर से सारी रात ग्रामीण स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र में शरण लिए रहे. सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम सुबह गांव पहुंची है.
जानकारी के मुताबिक मरवाही के रूमगा गांव में रविवार देर रात तीन हाथियों का दल घुस आया. हाथियों ने आते ही वहां बने मकानों पर धावा बोल दिया. शोर सुनकर लोग बाहर निकले तो हाथियों को देख भगदड़ मच गई. हाथियों ने रूमगा के धनुहार मोहल्ला, भटियार मोहल्ला और छिड़मडबरा में 8 घरों को नुकसान पहुंचाया है. हाथी घर के अंदर रखा राशन और धान चट कर गए. हाथियों का उत्पात देखकर ग्रामीण शोर मचाते हुए जान बचाकर भागने लगे.
सूचना मिलने पर रात में ही वन विभाग और पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई. इस दौरान प्रभावित ग्रामीणों के ग्राम पंचायत, स्कूल और आंगनबाड़ी सहित दूसरे सुरक्षित स्थानों पर रहने की व्यवस्था कराई गई. पंचायत की ओर से ग्रामीणों को खाने-पीने, रहने लाइट की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. वहीं ग्रामीणों की सहायता से हाथियों को भगाने का प्रयास किया गया. इसके बाद हाथी कोरबा जिले के पसार रेंज के खोडरी जंगल की ओर चले गए.
रूमगा गांव में पिछले 5 दिनों से हाथियों के उत्पात मचाने का सिलसिला जारी है. रोज रात में हाथी का दल गांव में धावा बोल देता है. वन विभाग के अधिकारी जरूर हाथियों के मूवमेंट पर नजर रखने की बात करते हैं. ग्रामीणों की सहायता से हाथियों को भगाने का प्रयास भी किया जा रहा है, लेकिन कोई सफलता नहीं मिल पा रही है. बताया जा रहा है कि 11 दिनों से हाथियों ने डेरा डाल रखा है. वह रूमगा और मटियाडांड़ गांवों में आवाजाही कर रहे हैं.
Source : palpalindia
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प्रेषित समय :13:33:37 PM / Mon, Jul 12th, 2021
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