पूजाघर में मूर्तियां कभी भी प्रवेश द्वार के सम्मुख नहीं होनी चाहिए

पूजाघर में मूर्तियां कभी भी प्रवेश द्वार के सम्मुख नहीं होनी चाहिए

प्रेषित समय :20:04:56 PM / Mon, Jul 12th, 2021

पूजा घर कभी भी धातु का ना हो, यह लकड़ी, पत्थर और संगमरमर का होना शुभ माना जाता है.

*पूजा का कमरा खुला और बड़ा होना चाहिए. पूजा घर को सीढ़ियों के नीचे बिलकुल भी नहीं बनवाना चाहिए. यह हमेशा ग्राउंड फ्लोर पर होना ही श्रेष्ठ माना गया है , इसे कभी भी तहखाने में भी नहीं बनाना चाहिए .

*पूजा घर कभी भी शयन कक्ष में नहीं बनाना चाहिए लेकिन यदि स्थानाभाव के कारण बनाना भी पड़े तो पूजा स्थल में पर्दा अवश्य ही होना चाहिए . दोपहर और रात में पूजास्थल को परदे से अवश्य ही ढक दें .*

*पूजाघर में मूर्तियां कभी भी प्रवेश द्वार के सम्मुख नहीं होनी चाहिए .

*पूजाघर में बड़ी, वजनी और प्राण प्रतिष्ठित मूर्तियाँ नहीं रखनी चाहिए . घर के मंदिर में क़म वजन की मूर्तियाँ और तस्वीरें ही रखनी चाहिए. इन्हें दीवार से कुछ दूरी पर रखना चाहिए दीवार से टिका कर नहीं .

*पूजाघर में देवताओं की मूर्तियां / तस्वीरें एक दूसरे के सामने चाहिए अर्थात देवताओं की दृष्टि एक-दूसरे पर भी नहीं पड़नी चाहिए.

*पूजाघर में एक ही भगवान की कई सारी मूर्तियाँ एकसाथ नहीं रखनी चाहिए.

*पूजा घर में भगवान की मूर्तियों के साथ अपने पूर्वजों की तस्वीरें कतई नहीं रखनी चाहिए.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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