शत्रुहंता योग
#इस योग से होता है शत्रुओं का नाश, भगवान श्रीकृष्ण की कुंडली में था ये योग..
#व्यक्ति जब प्रगति के पथ पर बढ़ता है तो स्वभाविक रूप से कुछ ऐसे लोगों भी होते हैं जो शत्रुता का भाव रखने लगते हैं. व्यक्ति के जीवन में दो प्रकार के शत्रु होते हैं. पहला दिखाई देने वाले शत्रु और दूसरे शत्रु वे जो दिखाई नहीं देते हैं. आज के दौर में जहां हर चीज में प्रतिस्पर्धा है. ऐसे में शत्रुओं का होना स्वाभाविक है. शत्रु अहित न कर सकें इसके लिए ज्योतिष शास्त्र में कुछ नियम बताए गए हैं. वहीं व्यक्ति की जन्म कुंडली में शत्रुओं को पराजित करने का योग भी होता है.
#ज्योतिष शास्त्र में इस योग को शत्रुहंता योग के नाम से जाना जाता है. जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में शत्रुहंता योग होता है, वह सफल होता है. उसे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है. जॉब और बिजनेस में भी ऐसे लोग कीर्तिमान रचते हैं.
शत्रुहंता योग ऐसे बनता है
किसी भी व्यक्ति की जन्म कुंडली में शत्रुहंता योग का निर्माण जन्म कुंडली के छठवें भाव में बनता है. भगवान श्रीकृष्ण की कुंडली में छठे भाव में शुक्र और शनि के साथ शत्रुहंता योग बना था. उनके अनेक शत्रु थे लेकिन इस योग के निर्माण से शत्रु उनका कुछ भी बिगाड़ नहीं पाए. छठवें भाव में राहु हो तो शत्रु बुरी तरह परास्त होता है.
Astro nirmal
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जानें ज्योतिष आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया से 24 जुलाई 2021 तक का साप्ताहिक राशिफल
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