सुख समृद्धि प्राप्त करने के ज्योतिषीय उपाय

सुख समृद्धि प्राप्त करने के ज्योतिषीय उपाय

प्रेषित समय :20:17:36 PM / Thu, Aug 5th, 2021

हमारे जीवन में ज्योतिष शास्त्र का बहुत अधिक महत्व होता है हमारे हिंदू धर्म में चार वेद छह शास्त्र 12 उपनिषद व 18 पुराण प्रमुख रूप से माने जाते हैं जिसमें छह शास्त्रों में ज्योतिष शास्त्र एक प्रमुख शास्त्र होता है जिसे वेदों का नेत्र माना जाता है ज्योतिष शास्त्र में प्रमुख रूप से अंतरिक्ष पिंडों की गति की गणना की जाती है जिसके आधार पर हमारे ऋषि-मुनियों ने हमारे जीवन में आने वाले बदलाव की भविष्यवाणी के सूत्र दिए हैं क्योंकि प्रकृति की हलचल से हमारा जीवन भी प्रभावित होता है इस प्रकार भारतीय ज्योतिष शास्त्र में 12 राशियां 27 नक्षत्र व नौ ग्रहों का वर्णन प्रमुख रूप से होता है जिसके द्वारा हम हमारे जीवन में आने वाले दुख सुख का पता कर सकते हैं व हमारे जीवन में आने वाले दुखों के कारणों को जानकर के उनको दूर करने के ज्योतिषी उपाय कर सकते हैं और हमारे जीवन को खुशहाल व सुखमय बना सकते हैं तो आइए आज हम इसी प्रसंग पर बात करते हैं कि किन ज्योतिषीय उपायों को करके हम हमारे जीवन में आने वाले कल दुखों कठिनाइयों को दूर करने का सफल प्रयास कर सकते हैं.

1. हनुमत उपासना

कलयुग में सभी दुखों को दूर करने के लिए हनुमत उपासना सर्वश्रेष्ठ बताई गई है क्योंकि कलयुग में हनुमान जी महाराज का स्थान प्रमुख है अतः हम हनुमत उपासना करके हमारे जीवन में आने वाले समूल दुखों का नाश कर सकते हैं व हनुमान जी महाराज की कृपा से सुख शांति व मंगल प्राप्त कर सकते हैं इसके लिए हमें नित्य हनुमान जी के समक्ष घी का दीपक प्रज्वलित करना चाहिए तथा हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए तथा इसी क्रम में हमें मंगलवार या शनिवार के दिन हनुमान जी के मंदिर जाकर हनुमान जी को चोला चढ़ाएं बनारसी पान का बेड़ा व गुड चने का भोग लगाएं और तेल का दीपक जलाएं जिससे हमारे जीवन में पितृदोष ,शनि दोष ,मंगल दोष, कालसर्प दोष व अन्य क्रूर ग्रहों का दोष के साथ-साथ किसी भी प्रकार की ऊपरी हवा या जादू टोने का प्रभाव नष्ट हो जाता है और हनुमान जी महाराज की कृपा हम पर होती है जिससे हमारा जीवन सुखमय हो कर हम हमारे मनोवांछित कार्यों में सफलता प्राप्त करते हैं.

भगवान हनुमान जी महाराज को अपना बल याद दिलाने के लिए हमें नित्य निम्न चौपाइयों का पाठ करना चाहिए.
पवन तनय बल पवन समाना, बुद्धि विवेक विज्ञान निदाना
कवन सो काज कठिन जग माही, जो नहीं होय तात तुम पायी!!

2. सूर्य देव उपासना

भगवान सूर्य देव ज्योतिष शास्त्र में एक सबसे प्रमुख ग्रह हैसूर्य ऊर्जा का प्रमुख स्रोत होता है सूर्य भगवान की उपासना से हमें ऊर्जा शक्ति यस सुख समृद्धि व अनेक प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलती है अतः हमें नित्य भगवान सूर्य देव को जल अर्पण करना चाहिए जिससे हम अनेक प्रकार के दुखों से मुक्त होकर के अपने जीवन को सुख समृद्धि व खुशहाल बना सकते हैं तो आइए हम जानते हैं कि किस प्रकार से भगवान सूर्य देव को जल अर्पण करना चाहिए इसके लिए हमें प्रातकाल ब्रह्म बेला में उठकर अपनी दैनिक क्रिया से निवृत्त होकर स्नान करना चाहिए और पूर्व दिशा में भगवान सूर्य की तरफ मुंह करके कुशा का आसन लगाना चाहिए और फिर तांबे के लोठे में जल भरकर उसमें कुछ शक्कर के दाने मिलाने चाहिए फिर अपने दोनों हाथों से लोठे को उठा कर सूर्य देव का दर्शन करते हुए उन्हें जल अर्पण करना चाहिए जल अर्पण इस प्रकार करें कि जब हम जल अर्पण कर रहे होते हैं तो उस जल की धार से भगवान सूर्य देव का हमें दर्शन प्राप्त हो और जल की धार का संपूर्ण जल हमारे आसन पर गिरता रहे ध्यान रहे आसन से नीचे जल नहीं गिरे क्योंकि यदि जल आसन से नीचे गिरता है तो भगवान सूर्य देव की जो शक्ति ऊर्जा हमें प्राप्त होने वाली होती है वह पृथ्वी के अंदर समा जाती है फिर अपने आसन पर तीन परिकृमा करके भगवान सूर्य देव को नमस्कार करें और अपने दाहिने हाथ की अंजली में थोड़ा जल ले और अपने सारे शरीर पर छिड़क कर के भगवान सूर्य देव को प्रणाम करें और सुख समृद्धि की कामना करें

ओम सूर्य देवाय नमः

उपरोक्त मंत्र का 108 बार नित्य जाप करें जिससे भगवान सूर्य देव की कृपा हम पर सदैव बनी रहेगी और मंगल ग्रह यदि हमारी कुंडली में वक्री है तो वह भी हमें सकारात्मक परिणाम प्रदान करेगा तथा हमें हमारे जीवन में सुख समृद्धि व यस प्राप्त होगा.

3. कुछ आवश्यक उपाय

हमारा घर एक मंदिर के समान होता है अतः हमें घर को भगवान का मंदिर मान करके उसे स्वच्छ व सुंदर बनाए रखना चाहिए जिससे घर में रहने वाले सभी सदस्यों का मन प्रसन्न चित्त रहता है और सभी परिवारिक सदस्य आपस में प्रेम से हिल मिलकर रहते हैं और घर में सुख समृद्धि व आनंद की प्राप्ति होती है तो आइए हम जानते हैं कि घर को किस प्रकार से हम स्वच्छ व सुंदर बना कर हमारे जीवन को सुखमय व खुशहाल बना सकते हैं.

1. घर को स्वच्छ बनाए रखने के लिए हमें सबसे पहले हमारे घर में नित्य साफ-सफाई बनाए रखना चाहिए और घर के किसी भी कोने में जाला नहीं होना चाहिए.
2. घर के चौक में झूठे बर्तन कभी भी भूलकर साफ नहीं करना चाहिए.
3. घर के अंदर झाड़ू को कभी भी खड़ा नहीं रखे और ऐसे स्थान पर नहीं रखना चाहिए जिससे झाड़ू पर किसी का पेर लगे.
4. नित्य जल रखने के स्थान पर घी का दीपक थोड़े चीनी के दाने डाल के संध्या के समय जलाना चाहिए.
5. घर में सुबह व संध्या के समय भजन, आरती अवश्य बजनी चाहिए.
6. भोजन सदैव नीचे आसन लगाकर के (डाइनिंग टेबल ) पर करना चाहिए बेड (बिस्तर ) पर कभी भी भोजन नहीं करना चाहिए.
7. घर में भोजन की पहली रोटी नित्य गौ माता के लिए निकाल कर गौमाता को खिलानी चाहिए.
8. पूजा स्थल पर सदैव कलश अवश्य होना चाहिए
9.भवन के दरवाजे पर शुभ .लाभ , रिद्धि-सिद्धि व ,स्वस्ति का चिन्ह अवश्य रूप से बनाने चाहिए.
10. घर के अंदर चप्पल जूते अस्त-व्यस्त नहीं होने चाहिए अपितु जूते चप्पलों को व्यवस्थित रूप से खोलने चाहिए
11. घर के अंदर तुलसी व केली का पौधा अवश्य लगाना चाहिए
12. संध्या के समय कभी भी घर के दरवाजे बंद नहीं रखना चाहिए कम से कम घर का मुख्य दरवाजे को संध्या के समय खुले रखना चाहिए
13. गुरुवार के दिन घर में कभी भी पौचा (कच्चे मे लीपना ) नहीं लगाना चाहिए
14. रात्रि के समय घर में कभी भी झाड़ू नहीं लगाना चाहिए
15. घर के पुरुष सदस्यों को भूलकर भी गुरुवार के दिन सेव नहीं बनवानी चाहिए.

*ॐ नमो भगवते वासुदेवाय*
Astro nirmal

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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