काबुल. अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों की वापसी के बाद तालिबान का कब्जा तेजी से बढ़ता जा रहा है, जिसे रोकने के लिए अमेरिका ने पूरी तैयारी कर ली है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने तालिबान के आतंकियों पर बमबारी करने के लिए बी-52 बमवर्षक विमान और स्पेक्टर गनशिप को अफगानिस्तान भेजने का आदेश दिया. शीतयुद्ध के समय के बी-52 बमवर्षक विमान ने पहली बार 1950 के दशक में उड़ान भरी थी लेकिन यह अपने 70,000 पाउंड पेलोड और 8000 मील से ज्यादा रेंज के कारण अब भी इस्तेमाल किया जाता है.
वहीं एस-130 स्पेक्टर गनशिप की बात करें तो इसमें 25मिमी की गन, 40मिमी बोफोर्स तोप और 105मिमी की एम102 तोप लगी है, जिनकी मदद से हवा में रहते हुए धरती पर सटीक निशाना साधा जा सकता है. अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन के युद्धग्रस्त देश अफगानिस्तान से बाहर निकलते ही तालिबान पूरे देश में आगे बढ़ रहा है, जिससे निपटने के लिए अफगान सुरक्षा बलों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. महज 24 घंटे के भीतर ही तालिबान ने देश की दो प्रांतीय राजधानियों को अपने कब्जे में ले लिया है.
अफगान वायु सेना अमेरिका द्वारा आपूर्ति किए गए विमानों और हेलीकॉप्टरों पर निर्भर है. अमेरिकी डिफेंस सूत्रों ने कहा है कि बी-52 और एस-130 विमान हेलमंद प्रांत में कंधार, हेरात और लश्कर गाह के आसपास आतंकियों को निशाना बना रहे हैं. बी-52 को कतर के बाहर भी संचालित किया जा रहा है, जबकि विमानवाहक पोत यूएसएस रोनाल्ड रीगन अरब सागर में तैनाती पर है. परमाणु शक्ति वाले इस युद्धपोत में F/A-18 सुपर हॉर्नेट का बेड़ा है. अफगानिस्तान की वायु सेना कुछ टर्बो-प्रोप लाइट अटैक एयरक्राफ्ट जैसे ए-29 सुपर ट्यूकानो से लैस है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-तेलंगाना के काकतीय रामप्पा मंदिर को यूनेस्को ने घोषित किया विश्व धरोहर
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