काबुल. तालिबान ने बल्ख प्रांत की राजधानी मजार-ए-शरीफ पर कब्जा कर लिया है. अफगान सांसद ने इस बात की जानकारी दी. सांसद ने बताया कि विद्रोहियों की ओर से शुरू किए गए बहुपक्षीय हमले के बाद अफगानिस्तान के चौथे सबसे बड़े शहर मजार-ए-शरीफ तालिबान ने अपना कब्जा जमा लिया. बल्ख के सांसद अबास इब्राहिमजादा ने कहा कि सबसे पहले प्रांत की राष्ट्रीय सेना ने सरेंडर किया, जिसके बाद सरकार के समर्थन वाली सेना और अन्य बलों का मनोबल टूट गया और उन्होंने भी आत्मसमर्पण कर दिया.
सांसद ने बताया कि प्रांत की सभी इमारतों खासकर कि राजभवन को भी तालिबान ने अपने कब्जे में ले लिया है. वहीं, तालिबान अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के निकट पहुंच गया है. उसने उत्तरी फरयाब प्रांत की राजधानी मैमाना पर भी कब्जा कर लिया है. प्रांत की एक सांसद फौजिया रऊफी ने यह जानकारी दी.. मैमाना का तालिबान ने एक महीने से घेरा डाल रखा था और तालिबान लड़ाके कुछ दिन पहले शहर में घुसे थे. उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने विरोध किया लेकिन आखिरकार शनिवार को आत्मसमर्पण कर दिया.
20 साल की उपलब्धियों को बेकार नहीं जाने देंगे गनी
इस बीच, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा है कि वह 20 वर्षों की “उपलब्धियों” को बेकार नहीं जाने देंगे. उन्होंने कहा कि तालिबान के हमले के बीच ‘विचार-विमर्श’ जारी है. उन्होंने शनिवार को टेलीविजन के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित किया. हाल के दिनों में तालिबान द्वारा प्रमुख क्षेत्रों पर कब्जा जमाए जाने के बाद से यह उनकी पहली सार्वजनिक टिप्पणी है.
अमेरिका ने इस हफ्ते कतर में सरकार और तालिबान के बीच शांति वार्ता जारी रखी है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चेतावनी दी है कि बलपूर्वक स्थापित तालिबान सरकार को स्वीकार नहीं किया जाएगा.
गनी ने कहा, ‘‘हमने सरकार के अनुभवी नेताओं, समुदाय के विभिन्न स्तरों के प्रतिनिधियों और हमारे अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श शुरू कर दिया है.’’ उन्होंने विस्तार से जानकारी नहीं दी, लेकिन कहा, ‘‘जल्द ही आपको इसके परिणाम के बारे में बताया जाएगा.’’
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
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