जबलपुर. पश्चिम मध्य रेल कोविड-19 संक्रमण के बचाव के लिए नई तकनीक की सुविधाओं को उपलब्ध कराने में आत्मनिर्भर रहा है. पमरे द्वारा कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए केन्द्रीय चिकित्सालयों जबलपुर, भोपाल एवं कोटा में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किये गये. इन सभी ऑक्सीजन प्लांट को दिनाँक 15 अगस्त 2021 को पमरे महाप्रबंधक शैलेन्द्र कुमार सिंह एवं पमरे महिला कल्याण संगठन की अध्यक्षा श्रीमती अर्चना सिंह द्वारा केन्द्रीय चिकित्सालय जबलपुर में उपस्थित और भोपाल एवं कोटा में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के साथ शुभारम्भ किये गए हैं.
पश्चिम मध्य रेल के केंद्रीय चिकित्सालय जबलपुर में 600 लीटर प्रति मिनट, भोपाल में 500 लीटर प्रति मिनट एवं कोटा में 500 लीटर प्रति मिनट के ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए हैं. रेलवे ने केंद्रीय चिकित्सालय जबलपुर का ऑक्सीजन प्लांट पूरे महाकौशल क्षेत्र का पहला ऑक्सीजन प्लांट स्थापित कर मध्यप्रदेश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है. यह ऑक्सीजन प्लांट आपातकालीन स्थिति में विशेषकर कोविड-19 संक्रमण के मरीजों को तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति और उनके जीवन रक्षण में उपयोगी साबित होंगे. यह सभी ऑक्सीजन प्लांट PSA (Pressure Swaing Adsorption) मेडिकल ऑक्सीजन गैस की पद्धति से कार्य करते हैं. जिसमें 3 मुख्य यूनिट होते हैं जैसे रेफ्रिजरेटर एयर ड्राइंग यूनिट, ट्विन टावर और ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक इत्यादि. ऑक्सीजन का उपयोग पाइपलाइन द्वारा मरीजों के उपचार में उपयोग किया जायेगा.
उल्लेखनीय है कि पश्चिम मध्य रेल ने इस ऑक्सीजन प्लांट को कम से कम अवधि में तैयार किया गया है. कोरोना की तीसरी लहर कि संभावना के मद्देनजर पश्चिम मध्य रेल के तीनों चिकित्सालयों में अल्प अवधि में तैयार इस प्लांट से हम मरीजों के लिए ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित कर आत्मनिर्भर हो गए हैं. इससे प्रदेश ने आत्मनिर्भर भारत बनाने में कदम बढ़ाया है. तीनों मण्डलों में उपरोक्त प्लांट स्थापित होने से भविष्य में यदि आवश्यकता पड़ी तो ऑक्सीजन प्रचुर मात्रा में रेलवे चिकित्सालयों में उपलब्ध रहेगी. पमरे महाप्रबंधक ने कोविड मरीजों के उपचार एवं चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने में चिकित्सालयों के सभी डॉक्टर्स व स्टॉफ के कर्तब्यनिष्ठा तथा समर्पण भावना की सराहना की.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
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