शिमला. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एक सरकारी कर्मचारी ठगी का शिकार हो गया. डीसी ऑफिस में तैनात एक कर्मचारी ने मोबाइल टावर लगवाने के चक्कर में 11 लाख 42 हजार 300 गंवा दिए. पीड़ित ने ठगी करने वालों के खिलाफ सदर थाने में शिकायत दर्ज करवाई है. पुलिस अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर तफ्तीश में जुट गई है. डीएसपी कमल वर्मा ने मामले की पुष्टि की है.
पीड़ित कर्मचारी ने बताया कि उसे जनवरी में पहला फोन आया था. कर्मचारी को उसके गांव में उसकी जमीन पर मोबाइल टावर लगाने का ऑफर दिया गया. एक निजी कम्पनी का हवाला देकर ठगों ने उसको फोन किया और उसे मोबाइल टावर लगाने के साथ साथ कम्पनी की ओर से उसे 25 लाख रुपये देने का भी वादा किया गया, कर्मचारी उनके झांसे में आ गया. अलग-अलग लोगों ने टेलीकॉम सर्विस की एक नामी कम्पनी के कर्मचारी होने का दावा किया और कई बार फोन किए. ठगों ने मोबाइल टावर लगवाने की औपचारिकताओं के नाम पर कई दस्तावेज़ भी मांगे.
जनवरी माह में पीड़ित ने साढ़े 6 हजार रू. ठगों के बताए अकाउंट में जमा किए. उसके बाद कभी टावर लगाने की रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर तो कभी इनकम टैक्स तो कभी जीएसटी तो कभी बीमे के नाम पर कई तरह की औपचारिकताएं पूरा करने के नाम पर पैसे जमा करवाए. कर्मचारी को कई महीनों तक इसका अहसास तक नहीं हुआ कि उसके साथ ठगी की जा रही है. जब उसे शक हुआ और वो नंबर बंद आने लगे तो कर्मचारी के होश उड़ गए, अब कर्मचारी ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है. पीड़ित का कहना है कि वह अब तक 11 लाख 42 हज़ार 300 रुपये ठगों के खाते में जमा करवा चुका है.
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