व्यक्ति की सभी समस्याओं को हेरम्ब गणेश चतुर्थी दूर कर देती है!

व्यक्ति की सभी समस्याओं को हेरम्ब गणेश चतुर्थी दूर कर देती है!

प्रेषित समय :20:25:32 PM / Tue, Aug 24th, 2021

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को बड़ी आस्था के साथ हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है. इस व्रत को माघ, श्रावण, मार्गशीर्ष और भाद्रपद में करने का विशेष महत्व है . भविष्य पुराण में कहा गया है कि जब कोई भी जातक संकटों से घिरा महसूस करता है तो श्रावण माह की गणेश चतुर्थी व्रत का उपवास करना शुभ माना गया है . इससे  जातक के सभी कष्ट दूर होते हैं और धर्म, अर्थ, काम,मोक्ष, विद्या,धन व आरोग्य की प्राप्ति होती है और जातक के जीवन में हर जगह से खुशियों की बहार बरसती रहती है

समस्त रोग शोक एवं और संकटों से मुक्ति के लिए  व गणेश जी को प्रसन्न रखने के लिए मैं संकष्ट चतुर्थी का व्रत उपवास रखने से पूर्व संकल्प लेना चाहिए उसके बाद दिनभर मौन व्रत या उपवास रखना चाहिए . फिर सामर्थ्य के हिसाब से गणेश जी की मूर्ति को कोरे कलश में जल भर कर कलश की स्थापना करनी चाहिए  कलश को स्थापित करने के बाद भगवान गजानन का आह्वान कर सायंकाल में गणेश जी को धूप-दीप, गंध, फूल, अक्षत, रोली आदि से पूजन  करे . पूजा के अंत में बेसन के लड्डुओं का भोग लगा कर भक्तों  को प्रसाद के रूप बांट दे . उपवासी के हाथों से उस दिन ब्राह्मण को भोजन व दक्षिणा सहित विदाई करना बहुत ही फल दायी माना जाता है.

समस्त रोग शोक एवं और संकटों से मुक्ति के लिए  व गणेश जी को प्रसन्न रखने के लिए मैं संकष्ट चतुर्थी का व्रत उपवास रखने से पूर्व संकल्प लेना चाहिए उसके बाद दिनभर मौन व्रत या उपवास रखना चाहिए . फिर सामर्थ्य के हिसाब से गणेश जी की मूर्ति को कोरे कलश में जल भर कर कलश की स्थापना करनी चाहिए  कलश को स्थापित करने के बाद भगवान गजानन का आह्वान कर सायंकाल में गणेश जी को धूप-दीप, गंध, फूल, अक्षत, रोली आदि से पूजन  करे . पूजा के अंत में बेसन के लड्डुओं का भोग लगा कर भक्तों  को प्रसाद के रूप बांट दे . उपवासी के हाथों से उस दिन ब्राह्मण को भोजन व दक्षिणा सहित विदाई करना बहुत ही फल दायी माना जाता है.

क्यों माना जाता है हेरम्ब चतुर्थी के दिन चाँद को अर्घ्य देना शुभ–

पौराणिक कथाओं के अनुसार श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को निसंतान जातक संतान प्राप्ति के लिए  चांद निकलने पर चंद्रमा का पूजन कर क्षीरसागर आदि मंत्रों से चाँद को अर्ध्य दान करना अत्ति शुभ माना जाता है.  गणपति को अर्ध्य देते हुए नमन कि ‘हे देव मेरे संकट दूर करें और मन में अपनी मनोकामना को  स्मरण ध्यान कर फूल और दक्षिणा सहित मोदक चढ़ाएं और  वस्त्र से ढका पूजित कलस, दक्षिणा और गणेश जी की प्रतिमा पंडित को दे दें, फिर भोजन करें.  ऐसा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूर्ण व भौतिक जीवन से जुड़े सभी शुभ फलों को प्राप्त करने में सफल रहता है
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Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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