नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट टीम के लिए इंग्लैंड का दौरा अभी तक उतार-चढ़ाव भरा रहा है. जून में शुरू हुए इस दौरे की शुरुआत भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड के खिलाफ आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल से की थी. इस फाइनल में उसे हार का सामना करना पड़ा था. इस हार की हताशा से उबरते हुए भारतीय टीम ने टेस्ट चैंपियनशिप के दूसरे चक्र की शुरुआत इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज से की, जिसमें भारत का आगाज अच्छा रहा, लेकिन लीड्स टेस्ट की हार ने एक झटका जरूर दिया है. इंग्लैंड ने सीरीज के तीसरे मुकाबले में भारत को हराकर सीरीज के साथ ही टेस्ट चैंपियनशिप टेबल में भी बराबरी हासिल की है और भारतीय टीम को बड़ा नुकसान पहुंचाया है, जो पहले स्थान से लुढ़ककर तीसरे स्थान पर आ गई है.
लीड्स टेस्ट से पहले भारतीय टीम 14 पॉइंट्स के साथ शीर्ष पर थी, जबकि पाकिस्तान और वेस्टइंडीज 12-12 पॉइंट्स के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर थे. वहीं इंग्लैंड सिर्फ 2 पॉइंट्स के साथ चौथे स्थान पर था. लीड्स में भारत की एक पारी और 76 रनों की हार से इंग्लैंड के भी भारत के बराबर 14 पॉइंट्स हो गए हैं. इस जीत के बाद पॉइंट्स टेबल में इंग्लैंड की जगह में तो कोई बदलाव नहीं आया, लेकिन भारत पहले से गिरकर तीसरे स्थान पर आ गया है. इसका फायदा मिला है पाकिस्तान को, जो अब पहले स्थान पर पहुंच गया है, जबकि वेस्टइंडीज दूसरे स्थान पर है.
इस वजह से पाकिस्तान सबसे ऊपर
अब ये सवाल उठेगा कि भारत और इंग्लैंड के 14-14 पॉइंट्स हैं, जबकि पाकिस्तान और वेस्टइंडीज के 12-12 पॉइंट्स हैं, लेकिन फिर भी वो ऊपर कैसे हैं? इसका जवाब है टेस्ट चैंपियनशिप के नए पॉइंट्स सिस्टम में. पिछले सीजन के सिस्टम में बदलाव करते हुए आईसीसी ने इस बार हर टेस्ट के लिए बराबर 12-12 पॉइंट्स निर्धारित किए थे. यानी जीतने वाली टीम को 12 पॉइंट्स.
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