नई दिल्ली. तालिबान की डेडलाइन खत्म होने से 24 घंटे पहले ही अमेरिकी सैनिकों ने अफगानिस्तान की धरती छोड़ दी. 31 अगस्त यानी आज की डेडलाइन थी. मगर, आधी रात को ही अमेरिका ने अपने सैनिकों को अफगानिस्तान से वापस बुलाने का फैसला किया. अफगानिस्तान को उसके हाल पर छो़ड़ कर अमेरिका ने तो अपने हाथ खींच लिए, लेकिन अफगानिस्तान के बाद से जो हालात हैं, उससे दुनिया भर में चिंता है.
अमेरिकी सेना की वापसी हो गई है लेकिन वापसी से पहले अमेरिकी सेना ने कई उन विमानों को किसी काम के लायक नहीं छोड़ा है जो अफगानिस्तान में तैनात किए थे, हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ऐसे तीहतर विमानों को बेकार कर दिया गया है, अब वो विमान कभी नहीं उड़ पाएंगे.
इसके अलावा अफगानिस्तान में मौजूद रॉकेट डिफेंस सिस्टम को भी अमेरिकी सेना ने नष्ट कर दिया है. अब इनका इस्तेमाल नहीं हो पाएगा, इसके अलावा उन गाड़ियों को भी अमेरिकी सेना ने नष्ट कर दिया है जो हथियारों से लैस थीं.
जानकारों की मानें तो अमेरिका ने अफगानिस्तान में जो हथियार छोड़ दिए हैं उन्हें बड़ी संख्या में ऐसे ही बेकर कर दिया है. इसके अलावा एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिका ने अफगानिस्तान में जिन हथियारों की तैनाती की थी, वो सभी देश के अंदर की परिस्थितियों से निपटने के लिए इस्तेमाल होने वाले हथियार हैं. यानी इन हथियारों तालिबान चाह कर भी किसी दूसरे देश को नुकसान नहीं पहुंचा सकता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-तालिबान का बड़ा बयान, कहा, भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर लड़ लें, हमें दूर ही रखें
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