काबुल. अमेरिका सेना ने 31 अगस्त की डेडलाइन के 24 घंटे पहले ही अफगानिस्तान छोड़ दिया. अमेरिका वहां भारी मात्रा में हथियार और सैन्य वाहन छोड़कर गया. ताजा खबर यह है कि अमेरिकी सेना बड़ी संख्या में अपने सर्विस डॉग्स को भी छोड़कर गया है. इसको लेकर दुनियाभर में अमेरिका की आलोचना हो रही है. जानकारी सामने आने के बाद पशुओं के लिए काम करने वाले संस्थान आगे आए हैं और कहा जा रहा है कि इन कुत्तों को भी रेस्क्यु किया जाएगा. गैर-सरकारी संगठन वेटरन शीपडॉग्स ऑफ अमेरिका अब अन्य समूहों के साथ इन बेजुबान जानवरों को अफगानिस्तान से निकालने का काम कर रहा है.
पशु कल्याण समूह अमेरिकन ह्यूमेन के अध्यक्ष और सीईओ रॉबिन आर गैंजर्ट ने कहा, ये बहादुर कुत्ते सैनिकों की तरह की खतरनाक काम करते हैं, जिंदगियां बचाने का काम करते हैं. उन्हें इस तरह छोडऩा निंदनीय है. उन्हें बेहतर सेवाएं मिलना चाहिए. हम आलसी होकर नहीं बैठ सकते, क्योंकि इन कुत्तों ने बहादुरी से हमारे देश की सेवा की है.
अपने सर्विस डॉग्स को भारत लेकर आ गया स्वदेश
पूरे मामले में भारत की एक बार फिर तारीफ हो रही है. दरअसल, ऐसे ही तीन इंडियन सर्विस डॉग्स काबुल में भारतीय दूतावास में तैनात थे. उनके नाम थे माया, रूबी और बॉबी. अच्छी बात यह रही कि भारत ने जब वहां तैनात भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) कर्मियों को भारतीय वायु सेना की मदद से रेस्क्यु किया, तब इन डॉग्स को भी भारत ले आए थे.
अब भी काबुल में फंसे कुछ अमेरिकी नागरिक
अमेरिका अपने आखिरी सैनिक को लेकर काबुल से रवाना हो गया हो, लेकिन अब भी 100 से 200 अमेरिकी नागरिक अफगानिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हैं. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने यह जानकारी दी है. संभव है कि आने वाले दिनों में इन्हें अफगानिस्तान से निकालने के लिए तालिबान से वार्ता की जाए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अफगानिस्तान की जमीन से पाकिस्तान पर हमला, PAK आर्मी के दो सैनिकों की मौत
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