आज का दिन: शनिवार, 11 सितंबर 2021, रजस्वला पाप-दोष निवारणार्थ ऋषि पंचमी व्रत-पूजा...

आज का दिन: शनिवार, 11 सितंबर 2021, रजस्वला पाप-दोष निवारणार्थ ऋषि पंचमी व्रत-पूजा...

प्रेषित समय :21:14:34 PM / Fri, Sep 10th, 2021

- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी  

ऋषि पंचमी का त्यौहार भाद्रपद शुक्ल माह की पंचमी तिथि को मनाते हैं. इस दिन सप्त ऋषियों की पूजा की जाती है. ऋषि पंचमी के दिन महिलाएं ऋषियों की पूजा कर उनसे धन-धान्य, सुख-समृद्धि, संतान-सुख आदि की कामना करती हैं लेकिन इस व्रत का खास महत्व है-  रजस्वला काल में जाने-अनजाने हो गए पाप, दोष आदि से मुक्ति! 

जब इंद्र ने त्वष्टा ऋषि के पुत्र वृत्र का वध किया तो उन्हें ब्रह्महत्या का पाप लगा. पाप मुक्ति के लिए ब्रह्मा ने इन्हें चार स्थानों में बाँटा- अग्नि- धूम मिश्रित प्रथम ज्वाला, नदियों- वर्षाकाल के पंकिल जल, पर्वतों- जहाँ गोंद वाले पेड़ होते हैं और स्त्रियों के रजस्वला काल में. अत: मासिक धर्म के समय जाने-अनजाने लगे पाप, दोष से छुटकारा पाने के लिए यह व्रत स्त्रियों को करना चाहिए. इसके लिए संकल्प इस प्रकार है-

अहं ज्ञानतोऽज्ञानतो वा रजस्वला वस्यायां कृतसंपर्कजनितदोषपरिहारार्थम्ऋषिपञ्चमीव्रतं करिष्ये. 

* ऐसा संकल्प कर के पश्चात अरून्धती के साथ सप्तर्षियों की पूजा करनी चाहिए... 

इस व्रत में केवल फलों आदि का सेवन करना चाहिए तथा हल से उत्पन्न किया हुआ अन्न नहीं खाना चाहिए. इस व्रत-पूजा में पुरुषों को यथासंभव ऋग्वेद का पाठ करना चाहिए.

ऋषि पंचमी के दिन महिलाएं घर में साफ-सफाई के बाद सप्त ऋषियों के साथ देवी अरुंधति की स्थापना करती हैं. सप्त ऋषियों की हल्दी, चंदन, पुष्प, अक्षत आदि से पूजा करके जाने अनजाने हुए अपराधों के लिए क्षमा मांगी जाती है. पूजा के बाद ऋषि पंचमी व्रत कथा सुनी जाती है तथा ब्राह्मण को भोजन करवाकर कर व्रत का उद्यापन किया जाता है.

ऋषि पंचमी की अनेक कथाएं हैं जो अलग अलग जगह पढ़ी-सुनी जाती हैं लेकिन इनका उद्देश्य ऋषि पंचमी का महत्व दर्शाना है इसलिए कोई भी कथा जो स्थानीय स्तर पर पढ़ी-सुनी जाती है उसे श्रद्धापूर्वक सुने, इसी तरह की एक कथा यहां पर दी जा रही है...

* प्राचीन काल में विदर्भ देश में उत्तक नामक ब्राह्मण अपनी पतिव्रता पत्नी के साथ रहता था. उसके परिवार में एक पुत्र और एक पुत्री थी. 

* उसने अपनी पुत्री का विवाह श्रेष्ठ ब्राह्मण के साथ कर दिया था लेकिन वह विधवा हो गयी और धर्म पालन करने के साथ वह अपने पिताश्री के घर ही रहने लगी. 

* अपनी पुत्री को दुखी देखकर वह अपने पुत्र को घर पर छोड़कर अपनी पत्नी और पुत्री को लेकर गंगा किनारे आश्रम बनाकर रहने लगा. 

* एक दिन काम करते-करते थक कर पुत्री वहीं पत्थर की शिला पर सो गई तो रात में उसके शरीर में कीड़े पड़ गये. 

* पुत्री की ऐसी हालत देखकर ब्राह्मणी बहुत दुखी हो गई और पति से पूछने लगी इसकी हालत ऐसी क्यों हो गई? 

* ब्राह्मण ने ध्यान लगाया तो पता चला कि पूर्व जन्म में भी उसकी पुत्री ब्राह्मणी थी और एक बार रजस्वला होने पर उसने रजस्वला काल का धर्म नहीं निभाया था, इसके परिणामस्वरूप वह कष्ट भोग रही है. 

* ऐसे पाप निवारण के लिए श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को जानकारी दी थी और बताया था कि जो स्त्री रजस्वला होकर भी वर्जित कर्म करती है वह पाप की भागी बनती है. ऐसी स्थिति में जाने-अनजाने पाप कर्मों से मुक्ति के लिए हर स्त्री को ऋषि पंचमी का व्रत करना चाहिए.

* ऋषि पंचमी के दिन व्रत रखकर पूरे विधि-विधान से सप्तर्षियों की पूजा करने से व्यक्ति के सभी प्रकार के जाने-अनजाने पाप नष्ट हो जाते हैं. 

* अविवाहित स्त्रियों के लिए यह व्रत अत्यधिक महत्वपूर्ण और फलदायक माना जाता है.

- आज का राशिफल -

मेष राशि:- भविष्य के प्रति चिंतित होंगे. मन में बुरे विचारों को न आने दें. स्वयं पर नियंत्रण रखें. नकारात्मक सोच के कारण ही आप पीछे हैं. पारिवारिक माहौल सामान्य रहेगा. मित्रों के साथ समय व्यतीत होगा. नौकरी में स्थान परिवर्तन संभव है.

वृष राशि:- कार्यस्थल पर सहकर्मियों से मन मुटाव होगा. क्रोध की अधिकता रहेगी. आय के नए स्त्रोत स्थापित होंगे. अपने कर्मचारियों के कारण परेशान होंगे. आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. धार्मिक कार्यों में धन लगेगा.

मिथुन राशि:- स्वास्थ में सुधार होगा. अपने आगामी भविष्य को लेकर चिंतित रहेंगे. मन में कई विचार आयेंगे. व्यवसाय में उन्नति होगी. भूमि भवन संबंधित मामले पक्ष में हल होंगे. प्रशासन से जुड़े कार्य सहज हो जायेंगे. यात्रा संभव है.

कर्क राशि:- अपनी संतान से विवाद हो सकता है. आजीविका को लेकर आप चिंतित हैं. विवाह योग्य जातकों के लिए समय उपयुक्त है. कारोबार विस्तार करने का मन होगा. वाहन सुख की प्राप्ति संभव है.

सिंह राशि:- अपने मन की बात हर किसी को बताने से नुकसान आप का ही है. सुख-सुविधा की वस्तुओं और धन खर्च होगा. आप की उन्नति से विरोधी नाखुश होंगे. अपने वाक् चातुर्य से अधिकारी प्रभावित होंगे. विदेश जाने के योग बन रहे हैं.

कन्या राशि:- दोस्तों के सहयोग से कोई जरूरी कार्य होगा. अपनों से संबंधों में मजबूती आयेगी. आलस की अधिकता से कार्य में रूचि नहीं रहेगी. आर्थिक मामले आज पक्ष में हल होंगे. राजीनति से जुड़े लोग सम्मान प्राप्त करेंगे.

तुला राशि:- किसी विशेष व्यक्ति का जीवन में प्रवेश आप के तोर तरीके बदल देगा. आकस्मिक धन लाभ होगा. विरोधी आप को निचा दिखाने के हर संभव प्रयास करेंगे. मन की बात अपनों को बता दें, रास्ता मिल जायेगा.

वृश्चिक राशि:- जरूरत से ज्यादा किसी घनिष्ठता संबंधों को कमजोर कर देगी. आप सहने की शक्ति रखें. जल्द ही आप क्रोध से भर जाते हैं. स्वयं पर काबू रखें. व्यवसाय स्थल पर विवाद हो सकता है. उधार दिया पैसा न आने से मुश्किलें बढ़ेगी.

धनु राशि:- समय के साथ स्वयं को भी बदलें. अपने व्यवहार में नम्रता लाएं. कारोबार विस्तार के लिए धन एकत्रित करने में लगे रहेंगे. भूमि संबंधित विवाद के चलते चिंता रहेगी.

मकर राशि:- अपने विवेक से हर कार्य सफल कर लेंगे. निजी जीवन में दूसरों को प्रवेश न दें. मित्रों के साथ यात्रा आनंदप्रद रहेगी. आजीविका के लिए भटकना पड़ेगा. माता-पिता के स्वास्थ में सुधार होगा. किसी विशेष जन से संबंध बनेंगे.

कुम्भ राशि:- व्यवसाय में नई योजना लाभदायक रहेगी. जीवनसाथी का साथ आप को आगे बढ़ने में मदद करेगा. संतान के विवाह संबंधित समस्या से परेशान रहेंगे. भवन परिवर्तन के योग है. वाहन का प्रयोग सावधानी से करें.

मीन राशि:- अपनों से धोखा मिलेगा. राजनीति से जुड़े लोगों को पद मिल सकता है. पारिवारिकजनों की सहायता करनी होगी. आजीविका के स्त्रोत में वृद्धि होगी. पिता के साथ ताल मेल स्थापित न होने से तनाव हो सकता है.

* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 9131366453 

*यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.

 शनिवार का चौघडिय़ा 

दिन का चौघडिय़ा       रात्रि का चौघडिय़ा

पहला- काल              पहला- लाभ

दूसरा- शुभ              दूसरा- उद्वेग

तीसरा- रोग              तीसरा- शुभ

चौथा- उद्वेग             चौथा- अमृ

पांचवां- चर               पांचवां- चर

छठा- लाभ                छठा- रोग

सातवां- अमृत            सातवां- काल

आठवां- काल             आठवां- लाभ

* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है 

* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.

* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.

* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.

* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.

* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है! 

पंचांग 

शनिवार, 11 सितंबर , 2021

ऋषि पञ्चमी

शक सम्वत1943   प्लव

विक्रम सम्वत2078

काली सम्वत5122

प्रविष्टा / गत्ते26

मास भाद्रपद

दिन काल12:27:52

तिथिपंचमी - 19:39:09 तक

नक्षत्रस्वाति - 11:23:07 तक

करणबव - 08:49:08 तक, बालव - 19:39:09 तक

पक्ष शुक्ल

योगएन्द्र - 14:40:30 तक

सूर्योदय06:03:43

सूर्यास्त18:31:36

चन्द्र राशितुला - 28:13:21 तक

चन्द्रोदय10:18:00

चन्द्रास्त21:32:00

ऋतु शरद

अभिजित मुहूर्त 11:42 ए एम से 12:31 पी एम

अग्निवास आकाश - 07:37 पी एम तक, पाताल

चन्द्र वास पश्चिम - 04:13 ए एम, सितम्बर 12 तक

उत्तर - 04:13 ए एम, सितम्बर 12 से पूर्ण रात्रि तक

राहु वास पूर्व

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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