आज का दिनः सोमवार 13 सितम्बर 2021, देवी श्रीमहालक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए सोलह दिवसीय व्रत आज से...

आज का दिनः सोमवार 13 सितम्बर 2021, देवी श्रीमहालक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए सोलह दिवसीय व्रत आज से...

प्रेषित समय :20:12:15 PM / Sun, Sep 12th, 2021

- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी  

जो श्रद्धालु देवी महालक्ष्मी की श्रीकृपा प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें सोलह दिवसीय श्रीमहालक्ष्मी व्रत करना चाहिए. श्रीमहालक्ष्मी व्रत भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन से शुरू होता है. इस वर्ष 2021 में यह व्रत सोमवार, सितम्बर 13, 2021 से प्रारंभ होगा तथा मंगलवार, सितम्बर 28, 2021 तक रहेगा. यह व्रत श्रीराधा अष्टमी के दिन से किया जाता है तथा श्रीकृष्ण अष्टमी पर संपूर्ण होता है. इस व्रत में प्रतिदिन देवी श्रीमहालक्ष्मी का पूजन किया जाता है.

ऐसे करें व्रत-पूजा...
* प्रात:काल पवित्र स्नान के बाद देवी श्री महालक्ष्मी की पूजा की तैयारी करें.
* श्रीगणेश पूजा के बाद देवी श्रीमहालक्ष्मी के समक्ष व्रत-पूजा का संकल्प लिया जाता है.
* पूजा में सोलह गांठ वाली डोरी ली जाती है और वह हाथ की कलाई पर बांधी जाती है.
* प्रयास रहे कि जो भी पूजन सामग्री आदि लें वह सोलह की संख्या में हो. पूजन सामग्री में- चन्दन, पुष्प, अक्षत, दूर्वा, श्रीफल नारियल आदि लेते हैं तो सोलह दिन अलग-अलग तरह के नैवेद्य लिए जाते हैं.
*  श्रीमहालक्ष्मी व्रत पूरा हो जाने पर वस्त्र से एक मंडप बनाया जाता है और उसमें देवी श्रीमहालक्ष्मी की प्रतिमा रखी जाती है. श्रीमहालक्ष्मी को पंचामृत से पवित्र स्नान कराया जाता है और फिर उसका सोलह प्रकार से पूजन-श्रंगार किया जाता है.
* संभव हो तो सोलह ब्राह्मण पति-पत्नी को भोजन कराया जाता है और दान-दक्षिणा प्रदान की जाती है. यदि संभव न हो तो यथाशक्ति सोलह पवित्र भक्तों को प्रसाद प्रदान किया जा सकता है.
* याद रहे, दिल से पूजा का संपूर्ण लाभ मिलता है, दर्द से पूजा का अधुरा लाभ मिलता है और डर से पूजा का कोई लाभ नहीं मिलता है, इसलिए जो भी पूजा-नैवेद्य-दान सामग्री उपलब्ध हो उससे पवित्र मन से व्रत-पूजा-उद्यापन करें. देवी श्रीमहालक्ष्मी का आशीर्वाद अवश्य मिलेगा.
* यदि संभव हो तो ही सोलह वर्ष के व्रत का संकल्प लें.
* इस व्रत में अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए, फल, दूध, मिठाई आदि का सेवन किया जा सकता है.

श्रीमहालक्ष्मी व्रत कथा...
* प्राचीन समय में एक गांव में एक गरीब ब्राह्मण रहता था जो नियमित रूप से भगवान श्रीविष्णु का पूजन किया करता था.
* उसकी श्रद्धा-भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान श्रीविष्णु ने दर्शन दिये और ब्राह्मण से वर मांगने के लिये कहा.
* ब्राह्मण ने माता श्रीमहालक्ष्मी का स्थाई निवास उसके घर में होने की इच्छा प्रकट की.
* ब्राह्मण की इच्छा जानकर भगवान श्रीविष्णु ने बताया कि प्रतिदिन मंदिर के पास एक स्त्री आती है, जो उपले थापती है.
* हे ब्राह्मण! तुम उसे अपने घर आने का निमंत्रण देना क्योंकि वह स्त्री ही देवी श्रीमहालक्ष्मी हैं.
* ब्राह्मण ने ऐसा ही किया.
* देवी श्रीमहालक्ष्मी ने ब्राह्मण से कहा की तुम श्रीमहालक्ष्मी व्रत करो, सोलह दिनों तक व्रत करने के पश्चात चन्द्रदेव को अर्घ्य देने से तुम्हारी मनोकामना पूर्ण होगी.
* ब्राह्मण ने देवी के कहे अनुसार व्रत-पूजन किया और परिणाम स्वरूप देवी श्रीमहालक्ष्मी ने ब्राह्मण के घर में स्थाई निवास किया.
* घर में देवी लक्ष्मी के स्थाई निवास के लिए यह व्रत उत्तम है.

- आज का राशिफल -

मेष राशि:- भूमि व भवन की खरीद-फरोख्त लाभदायक रहेगी. उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे. कुसंगति से बचें. कारोबार में वृद्धि होगी. निवेशादि शुभ रहेंगे. रोजगार में वृद्धि होगी. लाभ के अवसर हाथ आएंगे. घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी. जोखिम व जमानत के कार्य टालें. किसी बड़े काम में हाथ डाल पाएंगे.

वृष राशि:- राजकीय सहयोग से कार्य पूर्ण होंगे. व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा. वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है. आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से खिन्नता रहेगी. निवेश शुभ रहेगा. नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा. आय में वृद्धि होगी. समय की अनुकूलता मिलेगी. आलस्य हावी रहेगा. घर में सुख-शांति रहेगी. लाभ होगा.

मिथुन राशि:- रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे. किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा. प्रसन्नता तथा मनोरंजन के साधन उपलब्ध होंगे. कारोबार लाभदायक रहेगा. भाइयों से सहयोग मिलेगा. कुसंगति से हानि होगी. नौकरी में प्रशंसा प्राप्त होगी. जल्दबाजी न करें. जोखिम व जमानत के कार्य बि‍लकुल न करें.

कर्क राशि:- धन नहीं मिलने से निराशा रहेगी. हल्की हंसी-मजाक करने से बचें. नौकरी में अधिकारी अधिक की अपेक्षा करेंगे. मातहतों का साथ नहीं मिलेगा. थकान रहेगी. व्यवसाय-व्यापार से मनोनुकूल लाभ होगा. बुरी खबर प्राप्त हो सकती है. मेहनत अधिक होगी. लाभ के अवसर टलेंगे.

सिंह राशि:- पुराने साथियों तथा रिश्तेदारों से मुलाकात सुखद रहेगी. अच्‍छे समाचार प्राप्त होंगे. मान बढ़ेगा. किसी नए उपक्रम को प्रारंभ करने पर विचार होगा. लंबी यात्रा की इच्छा रहेगी. व्यापार-व्यवसाय से मनोनुकूल लाभ होगा. जोखिम व जमानत के कार्य टालें. जल्दबाजी न करें.

कन्या राशि:- सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी. घर-बाहर पूछ-परख रहेगी. व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा. धन प्राप्ति सु्गम होगी. लाभ के अवसर हाथ आएंगे. नौकरी में सभी काम समय पर होने से प्रशंसा प्राप्त होगी. समय की अनुकूलता का लाभ लें. पारिवारिक चिंताओं में कमी होगी.

तुला राशि:- योजना फलीभूत होगी. कार्यपद्धति में सुधार होगा. कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी. मेहनत सफल रहेगी. लाभ के अवसर हाथ आएंगे. मान-सम्मान मिलेगा. कारोबार मनोनुकूल लाभ देगा. शेयर मार्केट में जल्दबाजी से बचें. विवेक का प्रयोग करें. भाग्य का साथ मिलेगा. वरिष्ठ व्यक्तियों का मार्गदर्शन मिलेगा.

वृश्चिक राशि:- अध्यात्म में रुचि रहेगी. किसी धार्मिक आयोजन में भाग लेने का मौका हाथ आएगा. सुख-शांति बने रहेंगे. कारोबार मनोनुकूल चलेगा. मित्रों का सहयोग लाभ में वृद्धि करेगा. लंबित कार्य पूर्ण होंगे. निवेश शुभ रहेगा. प्रसन्नता का वातावरण रहेगा. जोखिम व जमानत के कार्य टालें. प्रमाद न करें.

धनु राशि:- वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में सावधानी रखें. वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें. किसी भी व्यक्ति के उकसाने में न आएं. कारोबार से लाभ होगा. निवेश में जल्दबाजी न करें. आय बनी रहेगी. थकान व कमजोरी रह सकती है. अज्ञात भय रहेगा. अनहोनी की आशंका रहेगी.

मकर राशि:- काम में मन नहीं लगेगा. व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा. आय में निश्चितता रहेगी. परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी. इच्‍छाशक्ति प्रबल करें. फालतू खर्च होगा. शत्रुओं से सावधानी आवश्यक है. स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा. कोई भी निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें. वाणी पर नियंत्रण रखें.

कुम्भ राशि:- डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है. यात्रा मनोनुकूल रहेगी. नए काम हाथ में आएंगे. कारोबारी वृद्धि से प्रसन्नता रहेगी. समय की अनुकूलता का लाभ लें. मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा. लाभ के अवसर हाथ आएंगे. अज्ञात भय रहेगा. पारिवारिक सहयोग से प्रसन्नता रहेगी. जल्दबाजी न करें.

मीन राशि:- नवीन वस्त्राभूषण पर व्यय होगा. परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी. यात्रा मनोनुकूल लाभ देगी. नए काम मिल सकते हैं. कार्य से संतुष्टि रहेगी. प्रसन्नता तथा उत्साह का वातावरण बनेगा. कारोबार लाभदायक रहेगा. निवेश व नौकरी मनोनुकूल लाभ देंगे. जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें. प्रमाद से बचें.

*आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 9131366453 

* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें. 

- सोमवार का चौघडिय़ा -

दिन का चौघडिय़ा               रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- अमृत                          पहला- चर
दूसरा- काल                           दूसरा- रोग
तीसरा- शुभ                         तीसरा- काल
चौथा- रोग                            चौथा- लाभ
पांचवां- उद्वेग                    पांचवां- उद्वेग
छठा- चर                              छठा- शुभ
सातवां- लाभ                       सातवां- अमृत
आठवां- अमृत                       आठवां- चर

* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है. 
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!   

पंचांग  
सोमवार, 13 सितंबर, 2021
दुर्वा अष्टमी पूजा
महालक्ष्मी व्रत
ज्येष्ठ गौरी पूजा
शक सम्वत1943   प्लव
विक्रम सम्वत2078
काली सम्वत5122
प्रविष्टा / गत्ते28
मास भाद्रपद
दिन काल12:24:30
तिथि सप्तमी - 15:12:51 तक
नक्षत्र अनुराधा - 08:24:06 तक
करण वणिज - 15:12:51 तक, विष्टि - 26:11:01 तक
पक्ष शुक्ल
योग विश्कुम्भ - 08:49:15 तक, प्रीति - 30:02:30 तक
सूर्योदय 06:04:42
सूर्यास्त 18:29:13
चन्द्र राशि वृश्चिक
चन्द्रोदय 12:31:59
चन्द्रास्त 23:04:59
ऋतु शरद
अभिजित मुहूर्त 11:41 ए एम से 12:31 पी एम
अग्निवास पाताल - 03:10 पी एम तक , पृथ्वी
दिशा शूल पूर्व
नक्षत्र शूल पूर्व - 08:24 ए एम से पूर्ण रात्रि तक
चन्द्र वास उत्तर
राहु वास उत्तर-पश्चिम

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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संपूर्ण समृद्धि प्रदाता वरलक्ष्मी व्रत!

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