दिल्ली सरकार लागू कर रही है डूंगरपुर जल संचय मॉडल

दिल्ली सरकार लागू कर रही है डूंगरपुर जल संचय मॉडल

प्रेषित समय :21:18:20 PM / Tue, Sep 14th, 2021

नीति गोपेंद्र भट्ट (नई दिल्ली). दक्षिणी राजस्थान के डूंगरपुर नगर में स्थानीय निकाय द्वारा लागू किया गया रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का डूंगरपुर जल संचय मॉडल देश भर में लोकप्रिय हो रहा है और अब दिल्ली सरकार इसे लागू कर रही है.

दिल्ली के जल मंत्री एवं दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष सत्येंद्र जैन ने डूंगरपुर नगर निगम के तत्कालीन अध्यक्ष के के गुप्ता के निमंत्रण पर डूंगरपुर का दौरा किया था. उन्हें रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का डूंगरपुर मोडल इतना अधिक पसन्द आया कि दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बारिश के पानी के संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए लोगों को  वित्तीय सहायता देने का निर्णय ले लिया है.

केजरीवाल सरकार अब रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने वालों को  50 हजार रुपये तक की वित्तीय सहायता देगी. साथ ही पानी के बिलों पर 10 फीसद की छूट भी देगी.

दिल्ली सरकार ने रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अनिवार्य रूप से लगाने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2021 तक के लिए बढ़ा दी है.

सत्येंद्र जैन ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हाल ही एक बैठक कर रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की प्रक्रिया को और सरल बनाने पर चर्चा की और कई अहम फैसले लिए.

उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार ने 100 वर्ग मीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल में बने घरों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाना अनिवार्य किया है. इसके लिए दिल्ली सरकार ने नियमों में काफी ढील दी हुई है. अब लोग दिल्ली जल बोर्ड के बजाय काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर में पंजीकृत किसी भी आर्किटेक्ट से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं.

इसके लिए ध्यान रखना होगा कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए ही बनाया जाए.

दिल्ली सरकार ने भूजल स्तर को बढ़ाने और वर्षा जल का कुशलता पूर्वक उपयोग करने के लिए कई अनोखे प्रयोगों का अध्ययन किया, जिसमें  गुजरात से सटे दक्षिणी राजस्थान के डूंगरपुर नगर के रेन वाटर हार्वेस्टिंग मॉडल और उसे लागू करने वाले निवर्तमान चेयरमैन के के गुप्ता के प्रयासों को बहुत सराहा गया. इस मॉडल को ‘इनलाइन रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के नाम से जाना जाता है. यह मॉडल काफी किफायती है, जिसे सफलता पूर्वक डूंगरपुर जिले में अपनाया गया है.

जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि यह जल संचय करने वाली प्रणाली नई तकनीकों का उपयोग करके बनाई गई है और बारिश के पानी को जल संचयन करने वाले गड्ढे के बजाय सीधा बोरवेल में भेजती है. इस प्रणाली में बारिश का पानी पाइप के अंदर ही फिल्टर हो जाता है और इसे अलग से फिल्टर सिस्टम या हार्वेस्टिंग पिट बनाने की जरूरत नहीं पड़ती.

 ‘इनलाइन’ रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम में बारिश के पानी का पाइप सीधा एक फिल्टर पाइप से जुड़ा होता है. इस फिल्टर पाइप में जियोटेक्सटाइल की झिल्ली, बालू और बजरी-पत्थर होते हैं, जो पानी को उसके प्रवाह के दौरान ही साफ कर देते हैं. इस फिल्टर की कुल लंबाई लगभग 90 सेंटीमीटर होती है. इसके अलावा, यह पारंपरिक रेन वाटर हार्वेस्टिंग मॉडल की तुलना में काफी सस्ता होता है.

जल मंत्री  ने कहा कि  इस प्रणाली के लागत प्रभावी होने का यह कारण है कि इसके लिए बड़ी संरचनाओं की आवश्यकता नहीं होती है. एक तरफ जहां पारंपरिक रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए दिल्ली में कई मंज़िला मकान होने से 75 हजार से एक लाख रुपये तक का खर्च आता है. वहीं दूसरी तरफ इनलाइन रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने में सिर्फ 16 हजार रुपए की लागत ही आती है.

अब दिल्ली सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए जो लोग अपने घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम  लगाएंगे. दिल्ली सरकार इसे बनवाने में आने वाली लागत पर 50 फीसद की वित्तीय सहायता देगी जो अधिकतम 50 हजार रुपये निर्धारित की गई है.इसके अलावा दिल्ली की जनता को पानी के बिलों पर 10 फीसद की छूट भी दी जाएगी.

उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सहायता 100 से 199.99 वर्ग मीटर की जमीन पर बने मकानों के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की कुल लागत का 50 फीसद अथवा 10 हजार रुपये की वित्तीय सहायता  दी जाएगी,  200 से 299.99 वर्ग मीटर की जमीन पर बने मकानों के लिए  कुल लागत का 50 फीसद या 20,000 रुपये,  300 से 399.99 वर्ग मीटर की जमीन पर बने मकानों के लिए 30 हजार रुपये, 400 से 499.99 वर्ग मीटर की जमीन पर बने मकानों के लिए  40 हजार रुपये तथा 500 वर्ग मीटर और उससे अधिक जमीन पर बने मकानों के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की कुल लागत का 50 फीसद या 50 हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी.

जैन ने बताया कि दिल्ली में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की इस महत्वाकांक्षी  परियोजना को सक्रिय रूप से लागू करने के लिए दिल्ली सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है, जिसमें लोगों को वित्तीय सहायता और अनुपालन मानदंडों में छूट देना शामिल हैं. इन दिशा-निर्देशों की अधिक जानकारी दिल्ली जल बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर भी मौजूद है.

सत्येंद्र जैन ने कहा कि लोगों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड के कार्यालय में आने की आवश्यकता नहीं होगी. वे इसे काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर में पंजीकृत किसी भी आर्किटेक्ट से प्राप्त कर सकते हैं. इससे बहुत से लोगों का समय बचेगा और उन्हें बड़ी राहत मिलेगी.

सिस्टम को कुशलता पूर्वक लागू करने करने के लिए डीजेबी ने दिल्ली के सभी जिलों में 12 जल शक्ति केंद्र स्थापित किए हैं. यह केंद्र लोगों को तकनीकी सहायता प्रदान करके रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लगाने में सहायता करेंगे.

उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का यह डूंगरपुर मॉडल  नवाचार राजधानी दिल्ली वासियों की प्यास बुझाने में मददगार बन जल संरक्षण और पानी संकट को दूर करने में वरदान साबित होगा. उन्होंने डूंगरपुर नगर निगम के निवर्तमान अध्यक्ष के के गुप्ता को इसके लिए साधुवाद दिया.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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