आज का दिनः शुक्रवार 17 सितंबर 2021, रियल एस्टेट में कामयाबी के लिए वामन अवतार की पूजा-अर्चना करें...

आज का दिनः शुक्रवार 17 सितंबर 2021, रियल एस्टेट में कामयाबी के लिए वामन अवतार की पूजा-अर्चना करें...

प्रेषित समय :21:06:18 PM / Thu, Sep 16th, 2021

- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी  

* भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी जलझूलनी एकादशी कहलाती है जिसे परिवर्तिनी एकादशी, डोल ग्यारस आदि से भी जाना जाता है. 
* इस दिन भगवान श्रीविष्णु करवट बदलते हैं इसीलिए यह परिवर्तनी एकादशी कहलाती है जिसके व्रत से वाजपेय यज्ञ के तुल्य शुभफल की प्राप्ति होती है. 
* इस दिन भगवान श्रीविष्णु के वामन स्वरूप की पूजा की जाती है तो कई जगहों पर भगवान श्रीकृष्ण के सूरज पूजा के स्मरणार्थ विविध धार्मिक आयोजन- शोभायात्रा, पवित्र सरोवर में प्रतिमा स्नान, भजन-कीर्तन आदि होते हैं. 
* इस दिन भगवान श्रीकृष्ण सहित देवी-देवताओं को नौका विहार कराया जाता है और जलझूलनी उत्सव मनाया जाता है.
* श्रद्धालु जलझूलनी शोभायात्रा के दर्शन करते हैं, चढ़ावा चढ़ाते हैं और दान-धर्म करते हैं.
* एकादशी के दिन प्रात:काल पवित्र स्नान आदि करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहनकर भगवान वामन की प्रतिमा के सामने बैठकर व्रत का संकल्प लें, उनकी पूजा-अर्चना करें और भगवान वामन की कथा सुनें.
* इस दिन यथासंभव उपवास करें, उपवास में अन्न ग्रहण नहीं करें. 
* धर्मग्रंथों के अनुसार इस व्रत के बारे में भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर से कहा था कि जो इस दिन भगवान का कमल से पूजन करते हैं, वे अवश्य भगवान को प्रिय होते हैं और जिसने व्रत-पूजन किया वे तीनों लोकों में सम्मान पाते हैं! 
* राजा बलि कथा...त्रेतायुग में बलि नामक एक दानव राजा था. वह श्रीविष्णुदेव का परम भक्त था. उसने इंद्रलोक तथा सभी देवताओं को जीत लिया. 
* सभी देवता एकत्र होकर भगवान श्रीविष्णुदेव के पास गए तब भगवान ने वामन स्वरूप पांचवां अवतार लिया. 
* भगवान ने वामन स्वरूप में राजा बलि से तीन पग भूमि की याचना की जिस पर राजा बलि ने तीन पग भूमि प्रदान कर दी.
* एक पग से पृथ्वी तो दूसरे से स्वर्गलोक पूर्ण हो गए तो भगवान ने पूछा कि अब तीसरा पग कहां रखूं?
* राजा बलि ने अपना सिर झुका लिया और भगवान ने अपना पैर उसके मस्तक पर रख दिया जिससे वह पाताल को चला गया. 
* राजा बलि की विनती और नम्रता को देखकर भगवान वामनदेव ने   कहा कि- हे बलि! मैं सदैव तुम्हारे पास ही रहूंगा. 
* भाद्रपद शुक्ल एकादशी के दिन बलि के आश्रम पर भगवान श्रीविष्णुदेव की प्रतिमा स्थापित हुई.
* एकादशी के अवसर पर तांबा, चांदी, चावल, दही आदि का यथाशक्ति दान करना चाहिए और रात्रि को जागरण, भजन-कीर्तन करना चाहिए.
* रियल एस्टेट के कारोबार में कामयाबी के लिए नियमितरूप से श्रीविष्णु देव के वामन स्वरूप की पूजा-अर्चना करें!

-आज का राशिफल -

मेष राशि:- आज  मन में दुविधा रहेगी जिसके कारण कोई भी निर्णय नहीं ले सकेंगे. आज आवश्यक कार्य के प्रारंभ के लिए भी दिन उचित नहीं है. अगर आप अपने व्यवहार में हठीलेपन को छोड़ देंगे तो सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं. परिवारजनों से वाद-विवाद न करें.

वृष राशि:- आज आप शारीरिक और मानसिक रूप से प्रसन्नता का भाव अनुभव करेंगे. परिवार में सुख-शांति का माहौल रहेगा. मित्रों और रिस्तेदारों के साथ मुलाकात हो सकती है. किसी रमणीय स्थल पर जा सकते हैं.

मिथुन राशि:- आज क्रोध पर संयम बरतें अन्यथा वाद-विवाद हो सकता है. मानसिक रूप से चिंता रहेगी. आय की अपेक्षा व्यय अधिक होगा. परिवार के साथ मनमुटाव बढ़ेगा. स्वास्थ्य खराब हो सकता है. शांति के लिए ईश्वर की आराधना और आध्यात्मिकता करें.

कर्क राशि:- आज का दिन लाभदायक है. संबंधियों और मित्रों से भेंट होगी. विवाह के योग्य जातकों को इच्छित पात्र मिलने से आनंद में वृद्धि होगी. व्यापार की दृष्टि से भी आज का दिन लाभ देने वाला है.

सिंह राशि:- आज आपका दिन शुभ है. आज आपको हर कार्य में आसानी से सफलता प्राप्त होगी. जिससे आपको प्रसन्नता का अनुभव होगा. नौकरी में उच्चाधिकारियों की प्रसन्नता के कारण पदोन्नति हो सकती है. बड़ों का आशीर्वाद मिलेगा. धनप्राप्ति के योग बन रहे हैं.
 
कन्या राशि:- आज मन की अस्वस्थता के कारण आप आज व्यग्र रहेंगे शारीरिक थकान और आलस्य का अनुभव होगा. उच्चाधिकारियों से सावधान रहे. संतान के विषय में चिंता सतायेगी. व्यापारी वर्ग को व्यापार में कुछ रुकावट आ सकती है.

तुला राशि:- आज आप आध्यात्मिक कार्यों में व्यस्त रहेंगे. गहन चिंतनशक्ति इस कार्य में आपकी सहायता करेगी.  शत्रुओं से संभलकर चलें. आज नए कार्य का प्रारंभ न करें. अचानक धन लाभ के योग बन रहे हैं.

वृश्चिक राशि:- आज आपके व्यापार में वृद्धि होने की संभावना है. सामाजिक क्षेत्र में सफलता और यश-कीर्ति प्राप्त होगा.  आज आपको धन लाभ होने की भी संभावना है.

धनु राशि:- आज आपको कार्य में सफलता और यश-कीर्ति प्राप्त होगी, जिससे आज का दिन आपके लिए शुभ होगा. परिवार के साथ सुखपूर्वक समय बिताएंगे. आर्थिक लाभ के योग बन रहे हैं. आवश्यक चीजों के लिए खर्च बढ़ेगा. वाणी और क्रोध पर संयम रखें, नहीं तो मनमुटाव हो सकता है.

मकर राशि:- आज का दिन शारीरिक शिथिलता और मानसिक व्यग्रता में बीतेगा. मित्रों और संतानों के बारे में चिंता रहेगी. अचानक धन खर्च हो सकता है. विवादजनक प्रसंगो से दूर रहें. कहीं और प्रवास न करें. अजीर्ण व अरुचि जैसे रोग कष्ट दे सकते हैं.

कुम्भ राशि:- आज सावधान रहे. वाणी पर संयम बरतें और वाद-विवाद से दूर रहें. माता से विवाद हो सकता है. आपके मन पर वैचारिक रूप से नकारात्मकता आ सकती है. संपत्ति संबंधी दस्तावेजों पर सावधानीपूर्वक हस्ताक्षर करें.

मीन राशि:- आज आपको मानसिक प्रसन्नता रहेगी और मन शांत रहेगा. कार्य में भी सफलता प्राप्त होगी. परिवारजनों और स्नेहीजनों के साथ संबंधों में मधुरता रहेगी. उनका सहयोग मिलेगा. आध्यात्मिक विषय की बातों में सिद्धि मिल सकती है.

* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 9131366453   

* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.

- शुक्रवार का चौघडिय़ा -

दिन का चौघडिय़ा      रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- चर                   पहला- रोग
दूसरा- लाभ                 दूसरा- काल
तीसरा- अमृत             तीसरा- लाभ
चौथा- काल                चौथा- उद्वेग
पांचवां- शुभ                पांचवां- शुभ
छठा- रोग                  छठा- अमृत
सातवां- उद्वेग            सातवां- चर
आठवां- चर                आठवां- रोग

* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है 
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!

पंचांग 
शुक्रवार, 17 सितंबर, 2021
विश्वकर्मा पूजा
वामन जयन्ती
परिवर्तिनी एकादशी
कन्या संक्रान्ति
शक सम्वत1943   प्लव
विक्रम सम्वत2078
काली सम्वत5122
प्रविष्टा / गत्ते1
मास भाद्रपद
दिन काल12:17:45
तिथिएकादशी - 08:09:45 तक
नक्षत्रश्रवण - 27:36:19 तक
करणविष्टि - 08:09:45 तक, बव - 19:30:58 तक
पक्षशुक्ल
योगअतिगंड - 20:19:55 तक
सूर्योदय06:06:39
सूर्यास्त18:24:25
चन्द्र राशिमकर
चन्द्रोदय16:26:00
चन्द्रास्त27:10:00
ऋतु शरद
अभिजित मुहूर्त 11:40 ए एम से 12:29 पी एम
अग्निवास पाताल - 08:07 ए एम तक , पृथ्वी
दिशा शूल पश्चिम
चन्द्र वास दक्षिण
राहु वास दक्षिण-पूर्व

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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