*आश्विन कृष्ण पक्ष में अपने दिवङ्गत पितरों के निमित्त श्रद्धा से किए जाने वाले प्रायः सभी श्राद्ध-कर्म ""पार्वण श्राद्ध"" कहलाते है.*
*जो श्राद्धकर्ता अपने दिवङ्गत पितृयो की मृत्यु की तिथि पर श्रद्धानुसार शालिग्राम जी पर या पीपल पर विधिपूर्वक तिल, शहद, गाय का दूध, गाय का घी, गङ्गा जल, जौं, जल और कुशा के साथ अपनी अञ्जलि से पितृ-तीर्थ से पितरों को, ऋषि तीर्थ से ऋषियों को और देव-तीर्थ से देवताओं को जल दान करता है. तदोपरान्त गौ ग्रास देकर ब्राह्मणों को यथाशक्ति भोजन करवाता है. शास्त्रवचन हैं कि इस क्रिया को श्रद्धा भाव से करने से पितृ संतृप्त होते है, तथा श्राद्धकर्ता को आयु, यश, कीर्ति, ज्ञान, धन, सन्तान, स्वर्ग-मोक्षादि सुखों की प्राप्ति का आशीर्वाद देते है.*
*परन्तु इसके विपरीत जो मनुष्य जान बुझकर अपने पितरों का श्राद्ध नहीं करते वह अपने पितरों के श्राप से ग्रसित होकर अनेक प्रकार के कष्टों एवम् अभावों से पीडित रहते है.*
*_20 सितम्बर 2021 सोमवार को प्रोष्ठपदी-महालय श्राद्ध पूर्णिमा का श्राद्ध है._*
*_21 सितम्बर 2021 मंगलवार को प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध है._*
*_22 सितम्बर 2021 बुधवार को द्वितीया तिथि का श्राद्ध है._*
*_23 सितम्बर 2021 गुरूवार को तृतीया तिथि का श्राद्ध सुबह 6:54 के बाद होगा._*
*_24 सितम्बर 2021 शुक्रवार को चतुर्थी तिथि का श्राद्ध सुबह 8:30 के बाद होगा._*
*_25 सितम्बर 2021 शनिवार को पञ्चमी तिथि का श्राद्ध सुबह 10:37 के बाद होगा_*
*_26 सितम्बर 2021 रविवार को चन्द्र-षष्ठी व्रत है. कोई भी श्राद्ध नही होगा._*
*_27 सितम्बर 2021 सोमवार को षष्ठी तिथि का श्राद्ध होगा_*
*_28 सितम्बर 2021 मंगलवार को सप्तमी तिथि का श्राद्ध होगा और इसिदिन श्री महालक्ष्मी जी का व्रत भी रखा जाएगा._*
*_29 सितम्बर 2021 बुधवार को अष्टमी तिथि का श्राद्ध होगा और इसिदिन जीवित्पुत्रिका व्रत भी रखा जाएगा._*
*_30 सितम्बर 2021 गुरूवार को नवमी तिथि का श्राद्ध होगा. विशेषकर ये श्राद्ध सभी लोगो को परिवार की सभी दिवङ्गत सौभाग्यवती स्त्रियों के निमित्त करना चाहिए इसे सोभाग्यवतीनं
श्राद्ध या मातृ-नवमी श्राद्ध भी कहते है._*
*_1 अक्टूबर 2021 शुक्रवार को दशमी तिथि का श्राद्ध होगा._*
*_2 अक्टूबर 2021 शनिवार को इन्दिरा एकादशी का व्रत एवम् एकादशी तिथि का श्राद्ध है. ध्यान रहें एकादशी तिथि का श्राद्ध दो दिन किया जाता है, एकादशी तिथि को तर्पण आदि के उपरान्त ब्राह्मण को फलाहार करवाया जाता है. और अगले दिन भोजन करवाना चाहिए._*
*_3 अक्टूबर 2021 रविवार को द्वादशी तिथि का श्राद्ध होगा एवम् इसिदिन परिवार में जिन लोगो ने सन्यास धारण किया हो उन दिवङ्गत सन्यासियों का श्राद्ध भी इसिदिन होगा._*
*_4 अक्टूबर 2021 सोमवार को सोम-प्रदोष व्रत, मासशिवरात्रि व्रत एवम् त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध होगा_*
*_5 अक्टूबर 2021 मंगलवार को चतुर्दशी तिथि का श्राद्ध होगा. ध्यान रहे चतुर्दशी तिथि का श्राद्ध विशेषकर उन दिवङ्गत प्राणियों के लिए भी करना चाहिए जो दुर्घटना से, शास्त्र से, विष खाकर, फाँसी लगाकर, अग्नि से जलकर, जल में डूबकर या दुर्घटनादि से अपमृत्यु को प्राप्त हुए हैं._*
*_6 अक्टूबर 2021 बुधवार को आश्विन महालय अमावस्या तिथि का सर्वपितृ श्राद्ध होगा ध्यान रहें कि इसिदिन परिवार में जो दिवङ्गत प्राणियों की अज्ञात मृत्यु हुई हो इसिदिन उन प्राणियों का श्राद्ध किया जाता है. जो श्राद्धकर्ता पितरों की शान्ति के निमित्त ऐसा करता है श्राद्धकर्ता के घर सुखः-समृद्धि एवम् पारिवारिक सौभाग्य में वृद्धि होती है._*
*_6 अक्टूबर 2021 को ही सायं काल गृह द्वार के बाहर दोनो ओर दीप प्रज्वलित करके श्रद्धापूर्वक त्रुटी के लिए क्षमा याचना करनी चाहिए तदोपरान्त पितृ-विसर्जन करना चाहिए_*
*_7 अक्टूबर 2021 गुरुवार को आश्विन शुक्ल प्रतिपदा को श्राद्ध कर्ता को अपने नाना-नानी का श्राद्ध अवश्य करना चाहिए ऐसा शास्त्र आज्ञा है. इसिदिन से नवरात्रे भी आरम्भ होंगे._
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