आज का दिन: बुधवार 29 सितंबर 2021, संतान की सकुशलता के लिए जीवित्पुत्रिका व्रत

आज का दिन: बुधवार 29 सितंबर 2021, संतान की सकुशलता के लिए जीवित्पुत्रिका व्रत

प्रेषित समय :19:14:43 PM / Tue, Sep 28th, 2021

-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी

* हर वर्ष आश्विन मास के कृष्ण पक्ष अष्टमी को किया जाने वाला  व्रत है...जीवित्पुत्रिका व्रत. 

* यह व्रत संतान की दीर्घायु और सकुशलता की मनोकामना के लिए महिलाओं द्वारा किया जाता है. 

* महिलाएं प्रात:काल पवित्रस्नान के बाद व्रत संकल्प लेती हैं, संपूर्ण दिवस निर्जला रहकर जीवित्पुत्रिका व्रत करती हैं और व्रतकथा सुनती हैं. 

* यह व्रत अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग नामों- जीतिया, जीउतिया, जिमूतवाहन व्रत आदि, से पुकारा जाता है. 

* विभिन्न क्षेत्रों में इस व्रत की विविध कथाएं हैं जिनका उद्देश्य व्रत का महत्व बताना है. एक कथा इस प्रकार है...

* प्राचीन समय में उदार और परोपकारी जीमूतवाहन गन्धर्व राजकुमार थे जिन्हें अल्पायु में ही राज्य का सिंहासन प्राप्त हो गया था, लेकिन उन्हें वह स्वीकार नहीं था. 

* वे राज्य का कार्यभार अपने भाइयों पर छोड़कर स्वयं वन में पिताश्री की सेवा करने चले गए.

* वहां मलयवती राजकन्या से उनका शुभ विवाह हो गया.

* एक दिन वन में भ्रमण के दौरान जीमूतवाहन ने देखा कि एक वृद्ध औरत विलाप कर रही है. 

* जीमूतवाहन ने वृद्धा की इस परेशानी का कारण पूछा.

* वृद्धा ने रोते हुए बताया कि- मैं नागवंश की औरत हूं और मेरा एक ही पुत्र है. 

* नागवंश ने पक्षीराज गरुड़ के समक्ष प्रतिदिन भक्षण के लिए एक नाग संतान सौंपने की सहमति दी हुई है, जिसके अनुसार आज मेरी ही संतान शंखचूड़ का दिन है. 

* यदि मेरी इकलौती संतान नहीं रही तो मैं किसके सहारे अपना जीवन गुजारूंगी?

* वृद्धा का दर्द सुनकर जीमूतवाहन का दिल भर आया ओर उसने कहा कि- हे माता! तुम्हारी संतान की जगह मैं स्वयं को समर्पित करूंगा.

* अपने वचन के अनुसार जीमूतवाहन ने शंखचूड़ से रक्त वस्त्र ले लिया और उसे लपेटकर गरुड़ के समक्ष प्रस्तुत हो गया.

* पक्षीराज गरुड़ रक्त वस्त्र में ढके जीमूतवाहन को अपने पंजे में दबा कर अपने निवास पर्वत पर ले गया.

* इस बार पक्षीराज गरुड़ की मजबूत पकड़ के दर्द से अप्रभावित प्राणी ने उसे आश्चर्य में डाल दिया और उसने पूछा-  सच सच बताओ तुम कौन हो?

* जीमूतवाहन ने सारा घटनाक्रम पक्षीराज गरुड़ को सुनाया तो वे इस त्याग से बड़े प्रसन्न हुए और उसने जीमूतवाहन को जीवनदान देते हुए कहा कि वह भविष्य में नागवंश की बलि नहीं लेगा.

* इस तरह जीमूतवाहन के साहस से नागवंश की रक्षा हुई. 

* इसी कारण से संतान की सुरक्षा के लिए यह व्रत और पूजा की जाती है. 

* कहते हैं...कैलाश पर्वत पर भगवान भोलेनाथ जब माता पार्वती को यह कथा सुना रहे थे तब उन्होंने कहा कि- इस अष्टमी के दिन व्रत रखकर जो महिला प्रदोषकाल में जीमूतवाहन की पूजा-व्रत करती है वह संतान का संपूर्ण सुख प्राप्त करती है.

- आज का राशिफल- 

मेष राशि:- आज  विवाह की बात आगे बढ़ सकती है. अनावश्‍यक क्रोध से बचें. चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहेंगे. नए वस्‍त्र, आभूषण खरीदने का मन बनेगा. प्रवास संभव.

वृष राशि:- आज साथी से वैचारिक मतभेद उत्‍पन्‍न होगा. प्रेम में असफलता प्राप्‍त हो सकती है. अपनी व्‍यापारिक योजनाअों को गुप्‍त रखें. धोखे की आशंका है. पत्‍नी की सलाह काम आ सकती है. वाणी माधुर्य का लाभ लें.

मिथुन राशि:- आज भाग्‍य का साथ मिलेगा एवं अटके कार्यों में गति आएगी. लाभ में वृद्धि होगी. परिवार में सुख का वातावरण रहेगा. धर्म कर्म के कार्यों में रुचि बढ़ेगी. परिवार के साथ धार्मिक यात्रा सुखद रहेगी.

कर्क राशि:- आज आपसी लड़ाई झगड़ा कोर्ट तक पहुंच सकता है. मित्रों के साथ मनोरंजक यात्रा हो सकती है. सरकारी कार्य गति पकड़ेंगे. परिवार में वृद्धजनों की सेहत की चिंता हो सकती है.

सिंह राशि:- आज दिनचर्या अस्‍तव्‍यस्‍त रहेगी. आलस्‍य व थकान का अनुभव करेंगे. वाहन सावधानीपूर्वक चलाएं. किराएदार से विवाद हो सकता है. परिवार में कोई धार्मिक आयोजन हो सकता है. पूजा पाठ से तनाव दूर होगा.

कन्या राशि:- आज अपने क्रोध व आवेश पर नियंत्रण रखें. कुछ साहसी फैसलों के कारण सफलता मिल सकती है. भाई बहन के मध्‍य प्रेम बढ़ेगा. आय व्‍यय का संतुलन बना रहेगा. सिरदर्द की समस्‍या हो सकती है.

तुला राशि:- आज धन कमाने के उचित अवसर मिलेंगे. वाहन सावधानीपूर्वक चलाएं. निवेश सोच समझकर करें. किसी अप्रिय घटना का सामना करना पड़ेगा. स्‍वभाव चिड़चिड़ा रहेगा. यात्रा टालें.

वृश्चिक राशि:- आज संयमित खानपान रखें. अधिक जल का सेव करें. कोई धार्मिक अनुष्‍ठान या पूजा करने की योजना बनेगी. वाहन सुख मिलेगा. यात्रा से अर्थ लाभ हो सकता है.

धनु राशि:- आज थकावट व चिंता रह सकती है. खानपान का शौक सेहत खराब कर सकता है. दैनिक कार्य आसानी से हो जाएंगे. परिवार का सभी कार्यों में सहयोग मिलेगा. पत्‍नी को उपहार दे सकते हैं.

मकर राशि:- आज बुरी आदतों से दूर रहें. आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी. परिवार के साथ किसी तीर्थस्‍थल पर जा सकते हैं. मेहमानों का आगमन होगा. सरकारी कर्मचारी को लाभ की संभावना है.

कुम्भ राशि:- आज आय की स्थिति बेहतर बनेगी. वैवाहिक जीवन सुखमय होगा. विद्यार्थियों को परीक्षा में सफलता मिलेगी. नए संपर्कों का लाभ मिलेगा. मित्रों के साथ भ्रमण, मनोरंजन में समय बीते

मीन राशि:- आज लंबे समय से रुके कार्य गति पकड़ेंगे. भेंट व मुलाकातों का दौर जारी रहेगा. जीवनसाथी के साथ समस्‍या साझा कर सकते हैं. सरकारी कर्मचारियों को लाभ की संभावना है. यात्रा टालें.

* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 9131366453

* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.

- बुधवार का चौघडिय़ा -

दिन का चौघडिय़ा               रात्रि का चौघडिय़ा

पहला- लाभ                       पहला- उद्वेग

दूसरा- अमृत                         दूसरा- शुभ

तीसरा- काल                      तीसरा- अमृत

चौथा- शुभ                                   चौथा- चर

पांचवां- रोग                    पांचवां- रोग

छठा- उद्वेग                      छठा- काल

सातवां- चर                             सातवां- लाभ

आठवां- लाभ                        आठवां- उद्वेग

* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.

* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.

* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.

* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.

* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है! 

पंचांग  

बुधवार, 29 सितंबर, 2021

जीवित्पुत्रिका व्रत

अष्टमी श्राद्ध

शक सम्वत1943   प्लव

विक्रम सम्वत2078

काली सम्वत5122

प्रविष्टा / गत्ते13

मास आश्विन

दिन काल11:57:22

तिथिअष्टमी - 20:32:23 तक

नक्षत्रआर्द्रा - 23:26:13 तक

करणबालव - 07:29:32 तक, कौलव - 20:32:23 तक

प क्षकृष्ण

योगवरियान - 18:33:05 तक

सूर्योदय06:12:41

सूर्यास्त18:10:03

चन्द्र राशिमिथुन

चन्द्रोदय23:48:00

चन्द्रास्त13:30:00

ऋतु शरद

अभिजित मुहूर्त कोई नहीं

अग्निवास पृथ्वी - 08:29 पी एम तक ,आकाश

दिशा शूल उत्तर

चन्द्र वास पश्चिम

राहु वास दक्षिण-पश्चिम

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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