गुरु पुष्य या रवि पुष्य योग में हल्दी से स्वास्तिक बनाकर घर में रखें

गुरु पुष्य या रवि पुष्य योग में हल्दी से स्वास्तिक बनाकर घर में रखें

प्रेषित समय :19:02:33 PM / Wed, Sep 29th, 2021

30 सितम्बर 2021 गुरुवार को  (रात्रि 01:33 (अर्थात 01:33AM से 01 अक्टूबर सूर्योदय तक) गुरुपुष्यामृत योग है .
108 मोती की माला लेकर जो गुरुमंत्र का जप करता है, श्रद्धापूर्वक तो 27  नक्षत्र के देवता उस पर खुश होते हैं और नक्षत्रों में मुख्य हैं पुष्य नक्षत्र, और पुष्य नक्षत्र के स्वामी हैं देवगुरु ब्रहस्पति | पुष्य नक्षत्र समृद्धि देनेवाला है, सम्पति बढ़ानेवाला है | उस दिन ब्रहस्पति का पूजन करना चाहिये | ब्रहस्पति को तो हमने देखा नहीं तो सद्गुरु को ही देखकर उनका पूजन करें और मन ही मन ये मंत्र बोले –
*ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |...... ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |

कैसे बदले दुर्भाग्य को सौभाग्य में 
 *बरगद के पत्ते पर गुरु पुष्य या रवि पुष्य योग में हल्दी से स्वास्तिक बनाकर घर में रखें |
रविपुष्यामृत योग
 *‘शिव पुराण’ में पुष्य नक्षत्र को भगवान शिव की विभूति बताया गया है | पुष्य नक्षत्र के प्रभाव से अनिष्ट-से-अनिष्टकर दोष भी समाप्त और निष्फल-से हो जाते हैं, वे हमारे लिए पुष्य नक्षत्र के पूरक बनकर अनुकूल फलदायी हो जाते हैं | ‘सर्वसिद्धिकर: पुष्य: |’ इस शास्त्रवचन के अनुसार पुष्य नक्षत्र सर्वसिद्धिकर है | पुष्य नक्षत्र में किये गए श्राद्ध से पितरों को अक्षय तृप्ति होती है तथा कर्ता को धन, पुत्रादि की प्राप्ति होती है |*
 *इस योग में किया गया जप, ध्यान, दान, पुण्य महा फलदायी होता है परंतु पुष्य में विवाह व उससे संबधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं | (शिव पुराण, विद्येश्वर संहिताः अध्याय 1

Astro nirmal

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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