गोरखपुर. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में न्यूज 18 के एजेंडा पूर्वांचल कार्यक्रम में आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोरखपुर और लखनऊ में कोई तुलना नहीं की जा सकती है. लखनऊ प्रदेश की व्यवस्था के संचालन का केंद्र है और गोरखपुर मेरी आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र बिंदु है. हमने पूरी ईमानदारी से दमदार तरीके से प्रदेश सरकार की उपस्थिति गांव-गांव में और घर-घर पहुंचाई. सीएम ने कहा कि बीजेपी ने चुनाव के ठीक पहले चुनाव घोषणापत्र को लोक कल्याण संकल्प पत्र रखा था. हमें खुशी है कि बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र को अक्षरश: लागू किया है. प्रदेश ने फिर से अपने खोए हुए गौरव को प्राप्त किया है.
लखीमपुर खीरी हिंसा पर सीएम योगी ने कहा कि ये घटना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार इसकी तह तक जा रही है. लोकतंत्र में हिंसा की जगह नहीं है. चाहे वह कोई भी हो कानून सबके लिए समान है, कानून सबके साथ समान रूप से व्यवहार भी करेगा. लेकिन हाईकोर्ट की ये रूलिंग भी है कि गिरफ्तारी से पहले पर्याप्त साक्ष्य भी होने चाहिए. हम किसी के खिलाफ सिर्फ आरोप पर गिरफ़्तारी नहीं करेंगे. हमने साक्ष्य मिलने के बाद सभी की गिरफ्तारी की है चाहे वह बीजेपी का विधायक हो या विपक्ष का नेता.
कांग्रेस सहित विपक्ष के तमाम नेताओं का आरोप है कि उन्हें लखीमपुर जाने से रोका गया, क्योंकि ये कुछ गलत कर रहे थे. सीएम योगी ने कहा कि हमने तहरीर के आधार पर एफआईआर दर्ज की. हमारे विपक्ष के जो लोग थे ये कोई सद्भावना के दूत नहीं थे. एक बार पूरी जांच हो जाने दीजिए, दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा.
त्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री अपना प्रदेश तो संभाल नहीं पा रहे हैं. छत्तीसगढ़ में कुछ किसान पुलिस की गोली से मारे गए, उनके प्रति उनकी कोई सहानुभूति नहीं है. लेकिन चाकरी करनी है तो लखीमपुर चले आए. इसी तरह पंजाब के मुख्मयंत्री अपना डीजीपी, मुख्य सचिव तय नहीं कर पा रहे हैं. आतंरिक झगड़ों से त्रस्त है, इसलिए ये अपनी कमी छिपाने के लिए ये ऐसी सियासत कर रहे हैं.
सीएम योगी ने कहा कि राहुल और प्रियंका से मैं पूछना चाहता हूं. मार्च 2020 से देश कोरोना से त्रस्त है. 24 से 25 करोड़ की आबादी उत्तर प्रदेश में रहती है. मैं पूछना चाहता हूं कांग्रेस, सपा, बसपा के नेता जो आज पॉलिटिकल टूर कर रहे हैं, इनमें से कितने नेता उस समय बाहर निकले थे. कोरोना कालखंड में इनमें से किसी के दर्शन नहीं हुए. यूपी में जब हर व्यक्ति जूझ रहा था तब केंद्र और प्रदेश की सरकार उनके साथ थी. ये मार्च 2020 से अक्टूबर 2021 तक यही स्थिति थी. अचानक उनको लगा लखीमपुर एक बहाना है. लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे.
ये दुर्भावना के चलते वहां आपसी वर्ग संघर्ष पैदा करना चाहते थे, हम ऐसा नहीं होने देंगे. पीड़ित परिवारों ने स्वयं कहा कि वे सरकार से संतुष्ट हैं. सीएम योगी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कवर्धा क्यों नहीं गए. जिन किसानों को गोलियों से भूना गया, उनके परिवार मिलने भी जा सकते थे. सीएम ने कहा कि कोरोना काल में हमें कांग्रेस ने 1000 बसों की लिस्ट दी थी. हमने जांच कराई तो स्कूटर के नंबर हमें बस के नाम पर दिए थे. इतना भद्दा मजाक कांग्रेस कर रही थी और कोई नहीं कर रहा था. ये कांग्रेस के नेतृत्व की बहुत शर्मनाक हरकत थी.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी और उनके बेटे के विषय में सीएम योगी ने कहा कि कानून अपना काम करेगा. लेकिन किसी के दबाव में कोई काम नहीं होगा. पुलिस की ओर से एक एसआईटी और ज्यूडिशियल कमीशन गठित किया गया है. मामले की तह तक जाएंगे. सभी वांछितों की गिरफ्तारी शुरू हो गई है. कल कई गिरफ्तारियां हुई हैं, आज भी कार्रवाई जारी है. पूरे मामले में निष्पक्ष और सख्त कार्रवाई होगी.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के भड़काऊ भाषण को लेकर सीएम योगी ने कहा कि पॉलिटिकल भाषण और धमकी दोनों में अंतर होता है. पॉलिटिकल भाषण सिर्फ बीजेपी ही नहीं तमाम नेता देते हैं. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप किसी की हत्या कर दें. आप तमाम मंचों पर शिकायत कर सकते हैं लेकिन कानून हाथ में नहीं ले सकते. प्रयास होना चाहिए कि ऐसे भाषण न हो लेकिन अगर आता है तो आप इसका खंडन कर दीजिए लेकिन इसकी आड़ में आप हिंसा नहीं कर सकते. एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी के यूपी पर बोलने पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, ओवैसी साहब को कश्मीर के बारे में भी कुछ कहना चाहिए. ये वहीं लोग हैं, जो काबुल में हुई हत्याओं पर तालिबान का समर्थन करते हैं और कश्मीर पर मौन रहते हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-यूपी: केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र के घर नोटिस चस्पा, बेटे को क्राइम ब्रांच ने बुलाया
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