कुंडली में द्वादशेश और बारहवां घर - चन्द्रमा के संभावित परिणाम

कुंडली में द्वादशेश और बारहवां घर - चन्द्रमा के संभावित परिणाम

प्रेषित समय :21:49:57 PM / Fri, Oct 8th, 2021

वैदिक ज्योतिष के अनुसार बारहवें घर से पैर, बायां नेत्र, चुगलखोरी, सीक्रेट प्लान, हॉस्पिटल, एकांत, मोक्ष, एसाइलम ,शयन सुख, गुप्त सम्बन्ध, जेल आदि का विचार किया जाता है. ये घर व्यक्ति की आंतरिक प्रतिभा का भी घर है.  इस घर को व्यय भाव भी कहा जाता है. 

बारहवें घर का स्वामी जिस घर में बैठेगा उससे सम्बंधित वस्तुओं का व्यय होगा ये साधारण नियम है, लेकिन बारहवें घर का मालिक दुःस्थान में हो और अशुभ ग्रहों द्वारा देखा जा रहा हो तो विमल योग होता है ऐसा व्यक्ति खर्चे में कमी कर देता है और धनवान बन सकता है साथ ही ऐसा व्यक्ति अपने कार्यों और आचरण से दूसरे लोगों को आकर्षित करता है एवं सफल और विख्यात हो सकता है. अब सिद्धांत की बात करें तो भावेश का खराब जगह बैठना और दुष्ट ग्रहों द्वारा देखा जाना या भाव में अशुभ ग्रहों का बैठना और अशुभ ग्रहों द्वारा देखा जाना इसमें जितनी बातें कुंडली में होंगी उस भाव से सम्बंधित उतनी ही स्थिति खराब होगी. दुःस्थान का स्वामी दुःस्थान में ही हो तो अच्छा फल दे सकता है बशर्ते कुंडली में दूसरे ग्रहों का साथ मिल रहा हो. 

चन्द्रमा को मन, बुद्धि, माता, धन, खूबसूरती, सफेद रंगो की वस्तुएँ , राजशासन की मोहर,चांदी, मोती, मीठे व्यंजन, जल, सुंदरता, गाय और चतुर्थ भाव का कारक माना जाता है. तीव्र गति से घुमने वाला ये ग्रह सवा दो दिन एक राशी में भ्रमण पूरा करता है. चन्द्रमा वृष राशी में उच्च और वृश्चिक राशी में नीच का माना जाता है. चन्द्रमा से वात , कफ का विचार किया जाता है| कुंडली का बारहवां घर बहुत संवेदनशील होता है , इसलिए इसके विश्लेषण में सावधानी की ज्यादा जरुरत है.

कुंडली में अगर चन्द्रमा बारहवें घर में बलवान होकर बैठा हो तो व्यक्ति को बहुत ही गहराई से सोचने वाला बना सकता है. ऐसे लोगों में अनेक छिपी हुई प्रतिभाएं हो सकती हैं. ऐसे व्यक्ति विदेशों से अनेक फायदे उठा सकते हैं. ऐसे लोग गुप्त विद्याओं और अतीन्द्रिय ज्ञान की तरफ आकर्षित हो सकते हैं. बारहवां घर व्यक्ति में छिपी हुई प्रतिभा के बारे में भी बताता है. यहां बैठा बलवान चन्द्रमा कला के क्षेत्र से महान गायक , महान कलाकार या महान लेखक पैदा कर सकता है. सेवा के क्षेत्र में हो तो चिकित्सा जगत में नाम कमा सकता है. ऐसे लोगों का भाग्योदय दूर देशों में जाकर हो सकता है. ऐसे लोगों का रुझान ज्योतिष या दूसरे गूढ़ विज्ञान में हो सकता है. उनकी रूचि अंतरिक्ष और उससे जुड़े रहस्यों में हो सकती है. ऐसे लोगों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए भीड़ से दूर होना पड़ सकता है या इनकी इच्छा एकांत में रहकर काम करने की हो सकती है. धर्म ,मृत्यु, मोक्ष जैसे विषयों पर बात करना पसंद हो सकता है.

अगर चन्द्रमा बारहवें घर में बलवान होकर बैठा हो तो ऐसे व्यक्ति बहुत ही ग्रहणशील प्रवृत्ति के होते हैं , कुछ नया सीखना और दूसरों को सीखाना इनको अच्छा लग सकता है. ऐसे लोग अच्छे हीलर हो सकते हैं. अक्सर देखने में आया है कि ऐसे लोगों का कारोबार या नौकरी भी ऐसी जगहों या चीजों की होती हैं जंहा अकेलापन या एकांत हो. ऐसे लोग जेलर बन सकते हैं या हॉस्पिटल में नौकरी हो सकती है. ऐसे लोग गुप्तचर सेवा में भी जा सकते हैं. कई बार देखने में आया है रोमांस के मामले में ऐसे लोगों का जीवन दोहरा हो सकता है. इनके गुप्त प्रेम सम्बन्ध हो सकते हैं. लेकिन इनका रोमांस कल्पनाओं में ज्यादा होता है. कलात्मक और रचनात्मक रूचि के इन व्यक्तियों को डिप्रेशन बहुत जल्दी हो सकता है.

कुंडली में चन्द्रमा बारहवें घर में अगर कमजोर अवस्था में बैठा हो और उसके नेगेटिव इफेक्ट्स की बात करें तो ऐसे लोग किसी असाध्य बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं. मानसिक रूप से कमजोर या अवसादग्रस्त हो सकते हैं. बुरे ग्रहों का साथ हो तो जेल हो सकती है. किसी पापकर्म में लिप्त हो सकता है. काम वासना से ग्रस्त हो सकता है. इच्छा पूरी न होने पर अपराध कर सकता है. किसी की चुगली करके अपमानित हो सकता है. बचपन की कोई घटना अवचेतन मन पर सालों तक पीछा करती है . ऐसा व्यक्ति किसी हीनभावना का शिकार हो सकता है. सार्वजनिक मंच पर अपने आपको प्रकट करने में कठिनाई हो सकती है. अपनी भावनाओं को खुलकर बताने में दिक्कत हो सकती है. चीजों और बातों के साथ साथ विचार और भावनाओं को भी छिपाकर रखने की आदत हो सकती है. इस मनोभावना के पीछे अपने आपको रिजेक्ट हो जाने का भय हो सकता है.

कुंडली में चन्द्रमा बारहवें घर में अगर कमजोर अवस्था में बैठा हो तो ऐसे लोगों के मन में एक भावनात्मक संघर्ष चलता रहता है. एक अनजाना भय बना रहता है. दूसरे ग्रहों का साथ नहीं मिल रहा हो तो हिस्टीरिआ जैसे रोगों का सामना करना पड़ सकता है. कुंडली में ये विश्लेषण था अगर कुंडली में चन्द्रमा बारहवें घर में बैठा हो लेकिन ध्यान रहे कुंडली में चन्द्रमा के अच्छे फल दूसरे ग्रहों का साथ मिलने पर ही मिलते हैं. चन्द्रमा के बुरे फल भी तभी मिलते हैं जब दूसरे ग्रहों का बिलकुल साथ नहीं मिल रहा हो.चन्द्रमा से जुड़ी मानसिक क्रियाओं और उपायों से इसके नेगेटिव इफेक्ट्स को कम किया जा सकता है.

चन्द्रमा जलीय , स्त्री गृह और वायव्य दिशा का स्वामी होता है. चन्द्रमा से कफ संबंधित रोग, गला, छाती, मानसिक रोग के अलावा आँखों की बीमारी, कैल्शियम की कमी, मिरगी के दौरे और आलस का विचार भी किया जाता है. वैदिक ज्योतिष में चन्द्रमा को मन का कारक माना गया है. चन्द्रमा के पीड़ित होने से मन व्याकुल रहता है| अगर चन्द्रमा कमजोर हो तो व्यक्ति को मानसिक तनाव, अवसाद जैसी समस्याएं घेर लेती हैं. अगर चन्द्रमा कुंडली में शुभ अवस्था हो तो जातक का मनोबल बढ़ा हुआ होता है. जन्म के समय चंद्रमा जिस राशि में स्थित होता है वह जातक की चंद्र राशि कहलाती है. 

सबसे महत्वपूर्ण बात होती है कि बारहवें भाव में कौन सी राशि है ,बारहवें भाव में कौन सा ग्रह है उसके साथ कौन से ग्रह हैं उस पर किसकी दृष्टि है, द्वादशेश कंहा है उस पर किसकी दृष्टि है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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