आज का दिन: गुरुवार 14 अक्टूबर 2021, नवरात्रि में देवी का प्रत्यक्ष पूजन है- कन्या पूजन!

आज का दिन: गुरुवार 14 अक्टूबर 2021, नवरात्रि में देवी का प्रत्यक्ष पूजन है- कन्या पूजन!

प्रेषित समय :19:12:27 PM / Wed, Oct 13th, 2021

-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी
* नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन का विशेष महत्व है.
* कई श्रद्धालु पहले ही दिन से प्रतिदिन कन्या पूजन करते हैं तो ज्यादातर सप्तमी तिथि से दुर्गाष्टमी और नवमी के दिन तक कन्या पूजा करते हैं.
* इन कन्याओं को नौ देवी का स्वरूप मानकर इनका स्वागत किया जाता है, पूजा की जाती है और भोजन कराया जाता है जिससे देवी दुर्गा प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को सुख, समृद्धि और सफलता का वरदान प्रदान करती हैं.
* कन्या पूजन अपनी श्रद्धा और स्थानीय मान्यताओं के अनुसार करें, मन से की गई पूजा देवी सहर्ष स्वीकार करती है.
* इन कन्याओं को स्वच्छ जगह बिठाकर सभी के पैरों को अपने हाथों से धोना चाहिए और पैर छूकर शुभाशीष लेना चाहिए.
* इसके बाद उनके माथे पर तिलक लगाना चाहिए. 
* देवी दुर्गा का ध्यान करके इन्हें देवी स्वरूप मानकर ससम्मान भोजन कराना चाहिए.
* भोजन के बाद कन्याओं को यथाशक्ति दक्षिणा, उपहार आदि प्रदान करके उनके पैर छूकर शुभाशीष लेना चाहिए.
* कन्या पूजन में कन्याओं की आयु दो वर्ष से ऊपर तथा दस वर्ष तक होनी चाहिए. 
* कन्याओं की संख्या कम-से-कम 9 तो होनी ही चाहिए और एक बालक भी होना चाहिए, जिसे हनुमान स्वरूप माना जाता है. 
* यदि 9 से ज्यादा कन्याएं  है तो भी अच्छा है.
* दो वर्ष की कन्या के पूजन से दुख-दरिद्रता दूर होती है. 
* तीन वर्ष की कन्या पूजन से धन-धान्य की वृद्धि होती है.
* चार वर्ष की कन्या की पूजा से परिवार का कल्याण होता है. 
* पांच वर्ष की कन्या को पूजने से व्यक्ति रोगमुक्त हो जाता है.
* छह वर्ष की कन्या की पूजा से जय-विजय और राजयोग प्राप्त होता है. 
* सात वर्ष की कन्या का पूजन करने से ऐश्वर्य प्राप्त होता है.
* आठ वर्ष की कन्या का पूजन करने से विवाद में विजय प्राप्त होती है. 
* नौ वर्ष की कन्या का पूजन करने से शत्रु-नाश होता है, तो असंभव कार्य संभव होते हैं.
* दस वर्ष की कन्या-पूजा तमाम मनोकामनाएं पूरी करती है.
* देवी का नौवां स्वरूप है- सिद्धिदात्री, नवमी तिथि पर इनकी पूजा-अर्चना की जाती है, सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा-अर्चना करें, सिद्धि मिलेगी, पराक्रम बढ़ेगा! 

- आज का राशिफल -

मेष राशि:- आप में आत्मविश्वास रहेगा आपको अपने छोटे भाई बहनों को सहयोग देने का पूरा समय मिलेगा. हालांकि, किसी रिश्ते में दरार आ सकती है

वृष राशि:- आपके लिए संतान सुख प्राप्त होने की संभावनाएं अधिक हैं जीवनसाथी के साथ संबंध पहले से अधिक घनिष्ठ रहेंगे  अधूरे कार्य पूर्ण होने से मन प्रसन्न रहेगा

मिथुन राशि:- आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और अध्यात्म की तरफ रुचि बड़ेगी नई चीज़ों को लेकर आपके मन में उत्सुकता रहेगी कुछ नया सीखने का प्रयास सकते हैं

कर्क राशि:- स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या आपको घेर सकती है वहीं, आपके खर्चों में भी बढ़ोतरी हो सकती है वाद-विवाद से बचने का प्रयास करें

सिंह राशि:- वाणी द्वारा धन लाभ होगा  कर्ज़ से मुक्ति पाने के लिए उचित समय है आवेश में आकर कोई निर्णय न लें मानसिक संतुष्टि मिलेगी

कन्या राशि:- आर्थिक लाभ की स्थिति आपकी पहले से बेहतर होगी वहीं आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा आपको मित्र द्वारा सहयोग प्राप्त होगा.

तुला राशि:- आज के दिन आपको जीवनसाथी का भरपूर सहयोग और प्रेम मिलेगा साथ ही परिवार के प्रति आपका समर्पण सराहा

वृश्चिक राशि:- घर परिवार के प्रति आपके प्रेम भाव को सब सराहेंगे जीवनसाथी के प्रति कोई उपलब्धि हासिल करना चाहते हैं तो आराम से कर पाएंगे आपका दिन बढ़िया रहेगा

धनु राशि:- घर के प्रति आपकी महत्वाकांक्षाएं पूरी होंगी पारिवारिक चिंताएं कम होंगी कार्यों को पूरा करने में जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा आज तमाम चिंताएं दूर होंगी

मकर राशि:- आपको संबंधों में सुधार महसूस होगा अच्छी वाणी के प्रयोग से कई चीज़ें पहले से बेहतर होंगी. कार्यों के प्रति आपकी रुचि बदलेगी और सफलता प्राप्त करेंगे

कुम्भ राशि:- आप में से कई लोग जो संतान प्राप्ति की इच्छुक हैं, उनके लिए एक खुशखबरी का समय है पारिवारिक संतुलन बनाए रखने में सक्षम रहेंगे  आज निश्चित तौर पर लाभ मिलेगा 

मीन राशि:- आज के दिन आपका पूरा ध्यान घर-परिवार के प्रति लगा रहेगा. किसी पारिवारिक समस्या का समाधान निकलेगा आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने का मौका प्राप्त करेंगे.

* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ)  वाट्सएप नम्बर 9131366453 

* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.

- गुरुवार का चौघडिय़ा -

दिन का चौघडिय़ा               रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- शुभ                          पहला- अमृत
दूसरा- रोग                            दूसरा- चर
तीसरा- उद्वेग                      तीसरा- रोग
चौथा- चर                            चौथा- काल
पांचवां- लाभ                       पांचवां- लाभ
छठा- अमृत                        छठा- उद्वेग
सातवां- काल                       सातवां- शुभ
आठवां- शुभ                        आठवां- अमृत

* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है 
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है! 

- पंचांग-
गुरुवार, 14 अक्टूबर, 2021
महा नवमी
शस्त्र पूजा
शक सम्वत1943   प्लव
विक्रम सम्वत2078
काली सम्वत5122
प्रविष्टा / गत्ते28
मास आश्विन
दिन काल11:32:1
तिथिनवमी - 18:54:40 तक
नक्षत्रउत्तराषाढ़ा - 09:35:59 तक
करणबालव - 07:29:12 तक, कौलव - 18:54:40 तक
पक्षशुक्ल
योगधृति - 25:44:33 तक
सूर्योदय06:20:57
सूर्यास्त17:53:07
चन्द्र राशि मकर
चन्द्रोदय14:24:59
चन्द्रास्त25:02:00
ऋतु शरद
अभिजित मुहूर्त 11:33 ए एम से 12:19 पी एम
अग्निवास पृथ्वी
दिशा शूल दक्षिण
चन्द्र वास दक्षिण
राहु वास दक्षिण
नवरात्रि गरबा....

https://www.youtube.com/watch?v=3s3obXWtJq0

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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