बिजनौर. रामलीला मंचन के दौरान दशरथ का किरदार निभा रहे शख्स ने मंच अपने प्राण त्याद दिए. उनके इस अभियन पर जमकर तालियां भी बजीं. दरअसल, लोग इस एक्टिंग समझ रहे थे, लेकिन दशरथ का किरदार निभा रहे राजेंद्र सिंह की सच में मौत हो गई. पर्दा गिरा तो साथी कलाकारों ने राजेंद्र सिंह को उठाने की कोशिश की, लेकिन वो उठे नहीं. जिसके बाद आयोजकों ने डॉक्टरों को बुलाया. हालांकि, डॉक्टरों ने भी राजेंद्र सिंह को मृत घोषित कर दिया.
घटना से गांव क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई. रामलीला का मंचन स्थगित कर दिया गया. माना जा रहा है कि हृदय गति रुकने से उनकी मृत्यु हो गई. यह मामला बिजनौर जिले के गांव हसनपुर का है. गांव निवासी आदेश ने बताया कि उनके गांव में प्रति वर्ष स्थानीय कलाकारों द्वारा रामायण के विशेष प्रसंगों का मंचन किया जाता है. रामलीला मंचन में उसके चाचा पूर्व में प्रधान रहे राजेन्द्र सिंह बीते 20 वर्षों से राजा दशरथ का अभिनय करते आ रहे थे. इस वर्ष भी मंगलवार 12 अक्तूबर को मंचन का शुभारंभ किया गया था.
गुरुवार को रामलीला में राम बनवास का मंचन चल रहा था. मंचन के दौरान पिता की आज्ञा से राम, सीता व लक्ष्मण वन चले गए. रामलीला समिति के अध्यक्ष गजराज चौहान ने बताया कि राजा दशरथ के पुत्र वियोग की लीला मंचन चल रहा था. दशरथ के रूप में राजेंद्र सिंह फूट-फूटकर रो रहे थे और दो बार राम-राम कहते हुए दशरथ का अभिनय कर रहे राजेंद्र सिंह अचानक मंच पर गिर गए. सभी यही समझते रहे कि राजेंद्र सिंह ने जीवंत अभिनय किया और उन्होंने मंचन में प्राण त्याग दिए. पर्दा गिरा तो दर्शक राजेंद्र सिंह के अभिनय पर तालियां बजा रहे थे.
वहीं, पर्दे के पीछे साथी कलाकारों दिग्विजय सिंह, सोनू कुमार, हैप्पी आदि ने उन्हें उठाने का प्रयास किया, लेकिन राजेंद्र सिंह उठे नहीं. कमेटी के लोगों ने तत्काल एक प्राइवेट डॉक्टर को बुलाकर, लेकिन डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. ऐसा माना जा रहा है कि हृदय गति रुकने से उनकी मृत्यु हो गई. इसके बाद रामलीला का मंचन बंद कर दिया गया. शुक्रवार को सैकड़ों लोगों ने राजेंद्र सिंह के अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कितने कुशल इंजीनियर थे भगवान राम? मध्य प्रदेश के कॉलेजों में अब पढ़ेंगे छात्र
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