पल-पल इंडिया (व्हाट्सएप-7597335007). केंद्र सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद दस माह से किसान आंदोलन जारी है.
सोमवार को किसान संगठनों की ओर आयोजित रेल रोको आंदोलन के कारण उत्तर भारत के ज्यादातर राज्यों, खासकर चुनावी राज्यों में रेल सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हुईं. इस आंदोलन के चलते प्रदर्शनकारी किसानों ने रेलवे ट्रैक पर बैठकर विरोध जताया. खबरों की मानें तो इसके कारण डेढ़ से ज्यादा जगहों पर आंदोलन का असर नजर आया, तो पांच दर्जन से ज्यादा ट्रेनें प्रभावित भी हुईं.
खास बात यह है कि किसान आंदोलन पंजाब, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में ज्यादा प्रभावी है, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव हैं और यदि किसान आंदोलन को अब भी नजरअंदाज किया गया तो बीजेपी को बड़ी सियासी कीमत चुकानी पड़ेगी.
सियासी सयानों का मानना है कि पंजाब में तो बीजेपी के लिए कोई खास सियासी संभावनाएं नहीं हैं, परन्तु यदि किसान आंदोलन को इसी तरह नजरअंदाज किया जाता रहा, तो उत्तर प्रदेश में बीजेपी को तगड़ा सियासी झटका लग सकता है!
Abhimanyu Poonia @AbhimanyuP00NIA लखीमपुर हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त कर गिरफ्तार करने की मांग को लेकर आज संयुक्त किसान मोर्चा का राष्ट्रव्यापी रेल रोको अभियान है. जब तक न्याय नहीं मिलेगा किसान ना रुकेंगे ना पीछे हटेंगे!
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली-एनसीआर में बिगड़ा मौसम का मिजाज, लगातार बारिश से तापमान में गिरावट
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