आचार्य तुलसी द्वारा चलाए गए अणुव्रत आंदोलन के तहत वर्ष 2020 के अणुव्रत लेखक पुरस्कार प्रदान किए गए. इस बार वरिष्ठ पत्रकार वेदप्रताप वैदिक और वरिष्ठ साहित्यकार फारुख आफरीदी को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
राजस्थान के भीलवाड़ा में आयोजित ‘राष्ट्रीय अणुव्रत लेखक पुरस्कार’ सम्मान समारोह में साहित्यकार, पत्रकार और विभिन्न क्षेत्रों के विद्वानों की उपस्थिति में ये पुरस्कार प्रदान किए गए.
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार वेदप्रताप वैदिक ने कहा कि अणुव्रत के सिद्धान्त मनुष्य मात्र के सिद्धान्त हैं. अराकान से लेकर खुरासान तक म्यामार से लेकर ईरान तक और तिब्बत से लेकर मालद्वीप तक का इलाका हमारे आर्यवर्त का क्षेत्र है. यूरोपियन यूनियन की तरह हम आर्यावत के सोलह देशों को एक कर इनको आपस में जोड़कर निशस्त्रीकरण की दिशा में प्रयास कर सकते हैं. इनका एक साझा बाजार, साझा संसद और एक साझा मुद्दा होगा और यह काम अणुवर्त के माध्यम से बखूबी किया जा सकता है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी फारूक आफरीदी ने अपने संबोधन में कहा कि अणुव्रत के सिद्धान्तों को दुनिया के कोने-कोने में पहुंचाने की जरूरत है ताकि विश्व में शांति स्थापित की जा सके.
आचार्य महाश्रमणजी ने दोनों विद्वानों को सम्मानित करते हुए कहा कि व्यक्ति के जीवन में संकल्प की भी एक शक्ति होती है. अणुव्रत को अच्छी तरह से स्वीकार करने का मतलब कि एक त्याग के संयम के संकल्प की शक्ति से युक्त बन जाना.
वर्तमान में फारुख आफरीदी राजस्थान के मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी हैं. इनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. आफरीदी की व्यंग्य पुस्तक-‘मीनमेख’, ‘बुद्धि का बफर स्टॉक’, काव्य कृति- ‘शब्द कभी बांझ नहीं होते’, ‘कस्तूरबा और आधी दुनिया’, राष्ट्रीय एकता पर कहानी ‘हम सब एक हैं’ तथा ‘सूचना का अधिकार’ जैसी कृतियां शामिल हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-प्रसिद्ध साहित्यकार पद्मश्री मंजूर एहतेशाम नहीं रहे
कला-संस्कृति और साहित्य की प्रतिभाओं को मिलेगा मंच!
लखनऊ पुस्तक मेला: जुटेंगे पाठक और साहित्यकार, प्रकाशकों में काफी उत्साह
Leave a Reply