नई दिल्ली. रेलयात्रियों के लिए एक खुशखबरी है. दरअसल, ट्रेनों में नियमित खानपान सेवा जल्द शुरू हो सकती है. रेलवे के पैंट्री कार बीते 18 महीनों से वीरान पड़े हैं और इसकी खान-पान सेवा बंद है. फिर मुसाफिरों को प्राइवेट वेंडर्स के पैक्ड फुड ही सप्लाई की जा रहे हैं. लेकिन अब इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि रेलवे की खान-पास सेवा एक बार फिर से प्री-कोविड की तरह बहाल हो सकते हैं.
यह 5 वजहें जो फिर से शुरू करा सकती हैं रेलवे की खान-पान सेवा
1. कोविड से बाद हालात हो रहे हैं सामान्य
पिछले साल कोविड महामारी के दस्तक और लॉकडाउन में ट्रेन सेवाएं भी बंद कर दी गई थीं. उसके बाद रेलवे की सारी सेवाएं धीरे-धीरे बहाल हो चुकी हैं और उसकी तकरीबन सभी 1700 मेल-एक्सप्रेस ट्रेनें पटरी पर लौट चुकी हैं. लेकिन इन ट्रेनों में कैटरिंग सेवा अब भी शुरू नहीं की गई है. देशभर में 100 करोड़ से ज्यादा टीके के डोज ने भी इसके लिए उम्मीदें जगाई हैं.
2. प्राइवेट वेंडर ले रहे हैं ज़्यादा कीमत
रेलवे में फिलहाल प्राइवेट वेंडर से प्री कुक खाना सर्व किया जा रहा है. लेकिन इस तरह के खाने के पैकेट की कीमत बहुत ज्यादा वसूली जा रही है. रेलवे को इसकी लगातार शिकायत मिल रही है. सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय ने इस पर गंभीरता से विचार करने को कहा है. इसके लिए कैटरिंग सेवा का फिर से बहाल कर देना एक बेहतर विकल्प है.
3. आईआरसीटीसी लगातार कर रही है मांग
रेलवे में खान-पास सेवा मुहैया कराने वाले आईआरसीटीसी ने बार-बार इस मांग को दोहराया है कि कोविड के बाद हालात सामान्य हो रहे हैं, ऐसे में कैटरिंग सेवा को भी फिर से बहाल किया जाना चाहिए. रेलवे में खान-पान सेवा आईआरसीटीसी के अधीन आता है. कैटरिंग आईआरसीटीसी का मूल काम है. सूत्रों के मुताबिक आईआरसीटीसी ने यह भी चिंता जताई है कि खान-पान बंद होने से शेयर बाज़ार के सैंटिमेंट पर ग़लत असर पड़ेगा और इससे उसके शेयर वैल्यू पर असर पड़ेगा. आईआरसीटीसी की पैरेंट कंपनी रेलवे और इसमें रेल मंत्रालय की हिस्सेदारी ज्यादा बड़ी है. रेलवे को अपने इस नुकसान से बचने के लिए भी कैटरिंग सेवा को फिर से शुरू करने पर विचार करना होगा.
4. पीएसी लगातार कर रही है निरीक्षण
इस बीच रेलवे के पैसेंजर एमनिटीज कमिटी ने कई रेलवे स्टेशनों का दौरा कर मुसाफिरों और रेलकर्मियों से भी फीडबैक लिए हैं. सूत्रों के मुताबिक, कमिटी ने रेलकर्मियों और मुसाफिरों से भी फीडबैक लिए हैं. लोगों ने इसमें कैटरिंग सेवा को फिर से बहाल करने और ट्रेनों में लिनन-ब्लैंकेट को फिर से दिए जाने की मांग की है. सूत्रों के मुताबिक कमिटी सर्दियों से पहले ट्रेनों में ब्लैंकेट-लिनन पर भी अपना सुझाव दे सकती है.
5.कैटरिंग सेवा से मिलता है लाखों को रोजग़ार
कैटरिंग सेवा बंद होने से लाखों लोगों के रोजगार पर भी असर पड़ा है. एक अनुमान के मुताबिक इससे डायरेक्ट और इनडारेक्ट तौर पर करीब 5 लाख लोग जुड़े हुए हैं. कैटरिंग सेवा को फिर से बहाल करने पर इससे जुड़े लोगों और परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी. कोविड के प्रकोप के बाद सामान्य होते हलात ने कैटरिंग सेवा की बहाली से सकारात्मक संदेश भी जाएगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली में प्रदूषण, पड़ोसी राज्यों के पराली जलाने से बढ़ा है: सीएम केजरीवाल
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