पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के जबलपुर में आय से अधिक संपत्ति के मामले में फंसे आदिम जाति कल्याण विभाग से रिटायर्ड सीईओ नागेंद्र यादव के मंडला स्थित तीन बैंक लॉकर खोले गए, दो तो खाली मिले लेकिन तीसरे लॉकर में 414 ग्राम सोने के जेवर मिले है. ईओडब्ल्यू की जांच में अभी तक एक करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति का खुलासा हो चुका है.
ईओडब्ल्यू की टीम ने मंडला महाराजपुर स्थित एसबीआई व इलाहाबाद बैंक पहुंची, जहां पर लॉकरों को खोलने की प्रकिया शुरु की गई, दो लॉकर तो खाली मिले लेकिन तीसरे इलाहाबाद बैंक के लॉकर से 414 ग्राम सोने के जेवर मिले है, इसके पहले नागेन्द्र यादव के मंडला महाराजपुर स्थित पैतृक घर से 20 लाख रुपए से ज्यादा का घरेलू सामान मिल चुका है, जिसमें टीवी, सोफा, फ्रि ज, सहित अन्य सामान है, इसी तरह जबलपुर के तिलहरी स्थित थीम पार्क में एक फ्लैट भी मिला है. अधिकारियों की माने तो नागेंद्र यादव की भर्ती आदिम जाति कल्याण विभाग में मंडल संयोजक के पद पर वर्ष 1990 में हुई थी, वर्ष 2005 में वे प्रति नियुक्ति पर जनपद पंचायत घुघरी जिला मंडला, फिर घुंसौर जिला सिवनी व शहडोल में सीईओ के पद पर पदस्थ रहे. वर्ष 2015 में नागेन्द्र यादव के खिलाफ मंडला में धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया गया, दो साल तक वे निलम्बित रहे, इसके बाद बहाल हुए तो आदिम जाति कल्याण विभाग में अटैच कर दिया गया, इसके बाद वे मार्च 2020 में सेवानिवृति हुए.
11 साल से चल रही जांच के बाद अब खुलासा-
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार नागेन्द्र यादव के खिलाफ वर्ष 2010 में ईओडब्ल्यू में आय से अधिक संपत्ति होने की शिकायत की गई, 11 साल से चल रही जांच के बाद अब कार्रवाई की गई है, अभी तक नागेन्द्र यादव के पास से एक करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति का खुलासा हो चुका है. जांच जारी है अभी और भी खुलासा होने की संभावना है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
Leave a Reply