राजस्थान के जैसलमेर के थार वाले इलाके में किसान ने अपनी सफलता से साबित किया है कि यदि परंपरागत खेती के साथ फलों की खेती करें तो अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं.
रेगिस्तान की धरा पर कई किसान अनार, खजूर और एप्पल बेर की खेती कर रहे हैं. किसानों का ही दावा है कि इस खेती से उनकी अच्छी आय हाे रही है.
जैसलमेर जिले के सोडाकोर स्थित एक कृषि फार्म में अनार की खेती की जा रही है. 300 बीघा के इस फार्म में करीब 15 हजार पौधे अनार के लगाए हुए हैं. सुपर भगवा किस्म के ये अनार किसानों की आय का बेहतरीन जरिया बन रहे हैं. रेगिस्तान की धरती पर अनार की पैदावार से पूरा फार्म हरा भरा नजर आ रहा है.
फलों की यह खेती जैविक गुरु भंवर सिंह पीलीबंगा की देखरेख में हो रही है. किसान बताते हैं कि तेज गर्मी में यहां अनार की पैदावार बहुत अच्छी होती है. ड्रिप के जरिये बूंद बूंद सिचाई से बहुत कम पानी में भी अच्छी पैदावार प्राप्त की जा सकती है. किसान श्रवण चौधरी के मुताबिक थार के किसान परंपरागत खेती के साथ अगर फलों की खेती करें तो अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं.
किसान श्रवण चौधरी कहते हैं कि अनार के साथ ही यहां खजूर के 2 हजार पेड़ भी लगा रखे हैं. तीन साल पहले लगे ये पेड़ मई 2022 तक फल देने लगेंगे. यहां चार वैरायटी के खजूर लगे हैं. मेडजूल, खुनेजी, बरई और खलास किस्म के ये खजूर उत्तम किस्म के खजूर माने जाते हैं. किसानों के मुताबिक खजूर की खेती किसानों के लिए मुनाफे का बड़ा सौदा है. क्योंकि खजूर का एक पेड़ एक सीजन में ही 50 हजार रुपये से अधिक की इनकम देता है. हालांकि खजूर की खेती में किसानों को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, लेकिन इस मेहनत का फल भी बड़ा मीठा होता है.
श्रवण चौधरी के जैसे ही कई और किसान भी अनार और खजूर के साथ ही एप्पल बेर की खेती भी कर रहे हैं. रेगिस्तान के बीच हरे-भरे ये फार्म सुखद अहसास दे रहे हैं. कम पानी में खेती की तकनीक से थार के मरुस्थल में किसान बागवानी कर अच्छी आमदनी हासिल करने लगे हैं. किसानों का कहना है कि एक सीजन में फलों के एक पेड़ से ही कम से कम 30 से 50 हजार रुपये की कमाई हो जाती है. एक सीजन में एक फल के 500 से ज्यादा पेड़ फल देते हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
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