जबलपुर/सिंगरौली. सिंगरौली जिले में अब लोग वैक्सीन के दोनों डोज से बच नहीं सकते. अगर वो ऐसा करते हैं तो उनके खिलाफ सामान्य कार्रवाई के साथ-साथ FIR भी होगी. जिला कलेक्टर राजीव रंजन मीना ने इसके लिए सख्त आदेश पारित किया है. आदेश के मुताबिक, 15 दिसंबर तक दोनों ही डोज नहीं लगवाए गए तो इसके बाद सार्वजनिक कार्यक्रम, होटल, निजी संस्थानों या कंपनियों में नौकरी करने वालों पर आपराधिक केस दर्ज किया जाएगा.
कलेक्टर के आदेश के मुताबिक, दोनों डोज नहीं लगाने पर परियोजनाओं, होटलों, निजी कंपनियों जैसे अन्य संस्थानों में काम करने की अनुमति नहीं होगी. 15 दिसंबर के बाद सिर्फ उन्हें इससे छूट होगी, जिन्हें मेडिकल एडवाइस के जरिए इससे राहत देने के लिए कहा गया होगा. गौरतलब है कि कलेक्टर के आदेश से पहले खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने भी इसी तरह का आदेश पारित किया था. विभाग ने कहा था कि राशन उसी परिवार को दिया जाएगा, जिसके सदस्यों ने वैक्सीन के दोनों डोज लगवा लिए हों.
दौर के लोग भी वैक्सीन के दोनों डोज जल्दी लगवा लें, वर्ना 30 नवंबर के बाद आपको ना तो दूध मिलेगा ना राशन ना ही कोई जरूरी सामान. इतना ही नहीं आप अपने इष्ट देव के दर्शन करने किसी मंदिर की चौखट भी नहीं लांघ पाएंगे. यह फ़ैसला इंदौर के सभी व्यापारी एसोसिएशन और मंदिर प्रबंधकों ने लिया है. दरअसल कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को दूर करने के लिए इंदौर प्रशासन ने वैक्सीन के दोनों डोज़ पूरे कर मुहिम छेड़ दी है जिसके तहत सभी व्यापारी एसोसिएशन सामाजिक संगठन, मंदिर प्रबंधन और कई संगठनों को कोरोना योद्धा बनाकर मैदान में उतारा है.
इसी के चलते व्यापारी एसोसिएशन ने निर्णय लिया है कि 30 नवम्बर के बाद वैक्सीन के दोनों डोज़ का सर्टिफिकेट दिखाये बिना ना तो ग्राहक को प्रवेश दिया जाएगा और ना ही माल बेचने वालों को. साथ ही मंदिरों में भी ऐसे लोगों को दाखिला नहीं मिलेगा जिन्होंने वैक्सीन के दोनों डोज़ कंप्लीट नहीं किए हैं. इंदौर में सौ फीसदी आबादी को कोरोना वैक्सीन का पहला डोज़ लग चुका है और साठ फीसदी आबादी को दूसरा डोज़ लग चुका हैं. इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह का कहना है, ‘सभी संगठनों ने फैसला लिया है कि तीस नवंबर तक उनसे जुड़े सभी लोग कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज़ लगवा लें. नहीं तो तीस नवंबर के बाद वो खुद ही प्रतिबंध लगाएंगे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अब एमपी में आदिवासियों को मिलेगी गैर लायसेंसी साहूकारों से लिए ऋण से मुक्ति, राष्ट्रपति ने दी अनुमति
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