त्रिपुरा हिंसा में दिल्‍ली की दो महिला पत्रकारों पर FIR, राज्य छोड़ने से रोका

त्रिपुरा हिंसा में दिल्‍ली की दो महिला पत्रकारों पर FIR, राज्य छोड़ने से रोका

प्रेषित समय :11:16:12 AM / Mon, Nov 15th, 2021

अगरतला  सांप्रदायिक तनाव भड़काने के आरोप में FIR दर्ज होने के बाद त्रिपुरा पुलिस ने रविवार को दिल्ली की दो महिला पत्रकारों को राज्य छोड़ने से रोक दिया. पत्रकारों की पहचान समृद्धि के. सकुनिया और स्वर्णा झा के रूप में हुई है. पुलिस ने उन्हें बयान दर्ज करने के लिए नोटिस दिया है. वे कथित सांप्रदायिक तनाव को कवर करने के लिए गुरुवार को वहां पहुंचीं थीं.

इन्‍होंने त्रिपुरा पहुंचकर गोमती जिले में उदयपुर के काकराबन का दौरा किया, उसके बाद पश्चिम त्रिपुरा और सिपाहीजाला जिलों के अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में गईं. वे शनिवार को उनोकोटी जिले के फातिक्रोय गईं, जहां एक निर्माणाधीन मस्जिद में कथित रूप से तोड़फोड़ की जानकारी मिली थी.

पुलिस शिकायत में क्या कहा गया

फातिक्रोय पुलिस स्टेशन ने स्थानीय मुसलमानों को उकसाने और उन्हें विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के खिलाफ बयान देने के लिए मजबूर करने की शिकायतों के बाद शनिवार रात समृद्धि और स्वर्णा पर प्राथमिकी दर्ज की है. आरोप है कि इन्होंने मुस्लिमों को कथित तौर पर यह बयान देने के लिए कहा कि बीते 23 अक्टूबर को पाल बाजार मस्जिद को विहिप ने ‘जय श्री राम’ का नारा लगाते हुए आग के हवाले कर दिया.

पुलिस ने आईपीसी के दो मामलों में थमाया नोटिस

इसके बाद दोनों पत्रकार जिला छोड़कर उत्तरी त्रिपुरा जिला मुख्यालय धर्मनगर के एक होटल में ठहरीं, जहां धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और आपराधिक साजिश रचने का एक हिस्सा होने के लिए आईपीसी की धारा 153-ए और 120 (बी) के तहत नोटिस देने के लिए पुलिस रात में उनके होटल पहुंची.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “उन्होंने कपिल सिब्बल से बात करने का दावा करते हुए दिल्ली में एक वकील को फोन किया. वे दिल्ली की अपनी आगे की यात्रा के लिए अगरतला के लिए सुबह-सुबह एक लोकल ट्रेन पकड़ने की योजना बना रही थीं लेकिन पुलिस ने उन्हें होटल में रोक दिया. कुछ समय बाद एक वकील आया और फिर उन्हें नोटिस मिला और हमने उन्हें अगरतला की यात्रा करने की अनुमति दी, जहां उन्हें 21 नवंबर को अपना बयान दर्ज करना होगा.”

आरोप पत्रकारों ने मस्जिद में कुरान जलाने की कहानी गढ़ी

आरोपी पत्रकारों ने कथित तौर पर गोमती जिले के काकराबन में एक मस्जिद में कुरान जलाने की कहानी गढ़ी थी, जिसके चलते महाराष्ट्र में पिछले दो दिनों से हिंसा हो रही थी. पुलिस ने दावा किया कि ये पत्रकार भी उस टीम का हिस्सा हैं जो पिछले दो सप्ताह से राज्य का दौरा कर रही है और सांप्रदायिक हिंसा के बारे में गलत जानकारी फैला रही है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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