चंडीगढ़. पंजाब कांग्रेस में बीते कई महीनों से जारी सियासी घमासान अब शांत होता दिख रहा है. पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने चंडीगढ़ स्थित पार्टी कार्यलय पहुंच कर कामकाज फिर से संभाल लिया है. इस दौरान पार्टी के प्रदेश मामलों के प्रभारी हरीश चौधरी भी मौजूद रहे.
आपको बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू की पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ अनबन की खबरें आम थी. इसके बाद नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से भी मनमुटाव को पंजाब सहित पूरे देश ने महसूस किया. उन्होंने कैप्टन की भांति चन्नी सरकार के कई फैसलों पर भी सवाल खड़े किए.
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के हाद नवजोत सिंह सिद्धू को उम्मीद थी कि उन्हें मुख्यमंत्री की गद्दी मिलेगी. हालाकि, पार्टी ने पंजाब को पहला दलित मुख्यमंत्री देने का निर्णय किया. पार्टी आलाकमान का यह फैसला सिद्धू को नागवार गुजरा. चन्नी के शपथ ग्रहण के कुछ ही दिनों बाद उन्होंने पंजाब कांग्रेस कमेटी के पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने इसे पंजाब के आत्मसम्मान की रक्षा से जोडऩे की कोशिश की.
सिद्धू को एक हद तक मनाने की भी कोशिश की गई. हालांकि, वह अपनी मांगों पर अड़े रहे और चन्नी सरकार के फैसलों पर सवाल उठाते रहे. इसके बाद कांग्रेस आलाकमान के तेवर भी सिद्धू के खिलाफ सख्त हो गए. सिद्धू ने दिल्ली में कांग्रेस के आला नेताओं से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने इस्तीफे वापस लेने की घोषणा की. उत्तराखंड में पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रभारी हरीश रावत और वर्तमाव प्रभारी हरीश चौधरी की मौजूदगी में चन्नी और सिद्धू की बैठक हुई. इस दौरान दोनों के रिश्तों में बनी दरार को कम करने की कोशिश की गई.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ेंगी सोनू सूद की बहन मालविका, पार्टी का ऐलान होना बाकी
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