नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को त्रिपुरा निकाय चुनाव स्थगित करने से इनकार कर दिया है. त्रिपुरा राज्य में निकाय चुनाव से पहले हुई हिंसा के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और चुनाव प्रचार मंगलवार 23 नवंबर को 4:30 बजे समाप्त होगा.
वहीं मतदान 28 नवंबर को है और मतगणना 4 दिसंबर को है. अदालत ने कहा कि चुनाव स्थगित करना अंतिम विकल्प होता है. कोर्ट ने कहा, ‘हमारा विचार है कि चुनाव स्थगित करने से पहले, टीएमसी द्वारा व्यक्त की गई आशंका के मद्देनजर त्रिपुरा सरकार को निर्देश जारी करें, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नगरपालिका चुनाव के शेष चरण शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से हों.’
सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा के डीजीपी और गृह सचिव से राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष नगरपालिका चुनाव सुनिश्चित करने के लिए, की गई व्यवस्थाओं पर अपना बयान देने को कहा है. उन्होंने कहा कि राज्य में शांति और सुरक्षा के लिए पुलिस सहित अतिरिक्त बल की तैनाती पर विचार करें. वहीं, राज्य सरकार से पूछा है कि क्या मुख्यमंत्री की उपस्थिति में किसी विधायक ने भड़काऊ बयान दिया है. इस बारे में टीएमसी के आरोप लगाए थे, अब राज्य सरकार से जवाब तलब किया गया है.
इससे पहले के घटनाक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को दिल्ली के अपने आवास में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी. प्रतिनिधिमंडल ने बताया था कि त्रिपुरा पुलिस पार्टी कार्यकर्ताओं पर क्रूरता और बर्बरता से कार्रवाई कर रही है. त्रिपुरा में हुई घटना के बाद पार्टी का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय राजधानी पहुंचा था और गृह मंत्रालय (एमएचए) के बाहर धरने पर बैठ गया था. सांसदों ने गृह मंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी की और अमित शाह से मिलने का समय मांगा था. टीएमसी नेता सुखेंदु शेखर रे ने पीटीआई के हवाले से कहा कि हम चाहते हैं कि गृह मंत्री हमारी बात सुनें. त्रिपुरा में हो रही हिंसा के लिए शाह और मोदी दोनों को जवाब देने की जरूरत है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-स्किन टू स्किन केस: सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया हाईकोर्ट का फैसला, कहा- हम इसे गलत मानते हैं
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