बालोद. छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में सोमवार सुबह धानखरीदी केंद्र पर चीख-पुकार मच गई. यहां भगदड़ हुई और भीड़ महिलाओं को कुचलती हुई आगे बढ़ गई. हादसे मे करीब 17 महिलाओं को चोट आई. है. यह महिलाएं धान बेचने धान खरीदी केंद्र पर आई थीं और टोकन लेने पहुंची. हादसे के बाद कलेक्टर ने खरीदी केंद्र के समिति प्रबंधक को हटा दिया. मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कांग्रेस पार्टी और सोनिया गांधी पर सवाल खड़ा किया है.
घटना बालोद जिले के पीपरछेड़ी धान खरीदी केंद्र की है. इसके बाद की गई जांच में पता चला कि टोकन जारी करने वाली सेवा सहकारी समिति की गलती से ये हादसा हुआ. समिति ने एक साथ चार गांव के किसानों को बुला लिया. टोकन की जानकारी मिलते ही किसानों का आना शुरू हुआ, जो देर रात तक चलता रहा. इसलिए जैसे ही दरवाजा खुला तो लोग भागने लगे.
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू होनी है. इसके मद्देनजर किसानों को धान खरीदी केंद्र पर टोकन बांटे जा रहे हैं, ताकि वे धान बेच सकें. यही टोकन बांटने के लिए पीपरछेड़ी धान खरीदी केंद्र पर किसानों को बुलाया गया था. टोकन बंटने का काम सोमवार सुबह करीब 10.30 बजे से शुरू होना था. यहां किसान बड़ी संख्या में जमा हो गए. जैस ही गार्ड ने केंद्र का दरवाजा खोला तो वे बेतहाशा भागने लगे. वहां लाइन में लगीं महिलाएं गिर गईं और लोग उन्हें कुचलते हुए अंदर चले गए. जमीन पर गिरते ही महिलाएं चीखने लगीं और भगदड़ मच गई.
जानकारी के मुताबिक, हादसे के बाद 17 महिलाएं घायल हुईं. उन्हें पास के ही अस्पताल भर्ती कराया गया. घटना की जानकारी लगते ही कलेक्टर जन्मेजय महोबे तुरंत मौके पर पहुंचे थे. उन्होंने एसडीएम को निर्देश दिए और समिति प्रबंधक को हटाने के लिए कहा. बताया जा रहा है कि सरकारी निर्देश के अनुसार इस साल किसानों को आधा धान खुद के बारदाने में देना होगा. इसके लिए उन्हें सहमति पत्र भी भरना होगा. यह सहमति पत्र टोकन लेने के समय ही भरना होगा. इसी वजह से इन दिनों खरीदी केंद्र में भारी भीड़ दिखाई दे रही है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पीएम आवास योजना के तहत छत्तीसगढ़ में नहीं बनेंगे मकान, विपक्ष ने बोला सीएम बघेल पर हमला
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