पौष मास में सूर्य की नियमित उपासना करने से व्यक्ति स्वस्थ और संपन्न रहता

पौष मास में सूर्य की नियमित उपासना करने से व्यक्ति स्वस्थ और संपन्न रहता

प्रेषित समय :20:56:22 PM / Sat, Dec 18th, 2021

20 दिसंबर 2021 से पौष मास का आरंभ हो रहा है. पौष का महीना पंचांग के अनुसार दसवां महीना कहलाता है. पौष मास की पूर्णिमा पर चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में रहता है. चंद्रमा के पुष्य नक्षत्र में रहने के कारण इस महीने को पौष का महीना कहते हैं. 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस महीने में उत्तम स्वास्थ्य और मान-सम्मान की प्राप्ति के लिए भगवान सूर्यनारायण की पूजा का विधान है. इस महीने में भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और उपवास भी रखा जाता है.

हिन्दू पंचांग के दसवें महीने को पौष कहते हैं. इस महीने सूर्य 11,000 रश्मियों के साथ व्यक्ति को उर्जा और स्वास्थ्य प्रदान करता है. पौष मास में अगर सूर्य की नियमित उपासना की जाए तो सालभर व्यक्ति स्वस्थ और संपन्न रहता है. 

इस बार पौष मास 20 दिसंबर 2021 से शुरू हो रहा है. 

पौष मास विवाह चर्चा या विवाह से जुड़े कार्यक्रम करने के लिए शुभ नहीं माना जाता है. इसके अलावा गृह प्रवेश, भूमि पूजन, हवन, गृह प्रवेश, व्यापार मुहूर्त, देव पूजन, मुंडन और जनेऊ संस्कार जैसे कार्यों पर भी रोक लग जाती है. 

क्या खाएं

पौष के महीने में खान-पान को लेकर भी काफी सावधानी बरतनी पड़ती है. इस महीने में मेवे और स्निग्ध चीजों का इस्तेमाल करने के लिए कहा जाता है. 

चीनी की बजाय गुड़ का सेवन करें. अजवाइन, लौंग और अदरक का सेवन लाभकारी होता है. गेहूं, चावल और जौ का सेवन करना भी अच्छा होता है. 

पौष के महीने में आपको खाने में सेंधा नमक का इस्तेमाल करना चाहिए. तिल का सेवन करने से भी आपको स्वास्थ्य लाभ मिलता है. 

पौष के महीने में क्या न खाएं

इस महीने में ठंडे पानी का प्रयोग, स्नान में गड़बड़ी और अत्यधिक खाना खतरनाक हो सकता है. इस महीने में बहुत ज्यादा तेल घी का प्रयोग भी उत्तम नहीं होगा. 

इस महीने में तामसिक भोजन करने से बचना चाहिए. तामसिक भोजन को पचाने के लिए बहुत ज्यादा मेहनत करना पड़ती है. उड़द या मसूर की दाल से भी परहेज करना चाहिए. 

मदिरा-मास के निषेध के अलावा बैंगन, फूल गोभी और मूली का भी कम सेवन करना चाहिए. 

पौष माह में करें सूर्यदेव की पूजा

1. रोज़ सुबह उठकर स्‍नान के बाद तांबे के लोटे से सूर्य को अर्घ्‍य दें. 
2. जल में रोली और लाल रंग के पुष्‍प जरूर डालें. 
3. जल चढ़ाते समय ‘ऊं आदित्‍याय नम:’ मंत्र का जाप करें.
4. इस माह में गर्म कपड़े और अनाज का दान करें.
5. इस माह में लाल रंग के वस्‍त्रों का प्रयोग करने से भाग्‍य में वृद्धि होती है. 
6. इस माह में नमक का सेवन कम या ना के बराबर करना चाहिए. 
7. चीनी की जगह गुड़ का सेवन करें.
8. मेवे और स्निग्‍ध चीज़ों का प्रयोग करें. 
9. अजवायन, लौंग और अदरक का इस्‍तेमाल हितकारी है. 
10. इस महीने में ठंडे पानी का प्रयोग बिलकुल ना करें. 
11. बासी खाने से दूर रहें. 

अन्य उपाय 

इस महीने में सूर्य उदय होने से पहले उठकर स्नान स्नान कर लें और हो सके तो हल्के लाल रंग के कपड़े पहनने चाहिए.
सूर्य मंत्र- 'ॐ घृणि सूर्याय नम:' का 108 बार रुद्राक्ष की माला से जाप करें. 
सुबह 1 तांबे के लोटे में जल भरकर रखें और इस लोटे को हाथ में रखकर ॐ मंत्र का 27 बार ऊंचे स्वर में जाप करें और फिर इस जल को सारे घर में छिड़क दें.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार लगातार 27 दिन तक इस उपाय को करने से यश, सुख समृद्धि और सौभाग्य का वरदान मिलता है.
सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद भगवान सूर्यदेव को तांबे के लोटे में जल और गुड़ मिलाकर अर्घ्य देना चाहिए और अर्घ्य देने वाले स्थान पर ही 3 बार परिक्रमा करनी चाहिए.
नारंगी और लाल रंग का प्रयोग अधिक से अधिक करना चाहिए.
रविवार के दिन सुबह के समय तांबे के बर्तन, गुड़ और लाल वस्त्र का दान करना चाहिए.
प्रतिदिन अपने माता-पिता के चरण स्पर्श करने चाहिए, ऐसा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
भोजपत्र पर 3 बार गायत्री मंत्र लाल चंदन से लिखकर अपने पर्स में रखें.
लाल चंदन की माला से गायत्री मंत्र का सूर्य के समक्ष जाप करें.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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