-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी
* जीवन के हर संकट से मुक्ति के लिए संकष्टी चतुर्थी पर श्रीगणेश की पूजा-प्रार्थना-व्रत का विशेष महत्व है.
* संकष्टी चतुर्थी पर पार्वतीपुत्र श्रीगणेश स्वरूप की पूजा-अर्चना विशेष फलदायी है.
* श्रीगणेश भक्त संकष्टी चतुर्थी के दिन सूर्योदय से चन्द्रोदय तक उपवास रखते हैं.
* धर्मधारणा है कि... संकष्टी चतुर्थी पर व्रत-पूजा करने से सभी प्रकार के विघ्नों से मुक्ति मिल जाती है!
॥ श्री गणेशजी की आरती ॥
जय गणेश, जय गणेश,जय गणेश देवा.
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा॥
एकदन्त दयावन्त,चार भुजाधारी.
माथे पर तिलक सोहे,मूसे की सवारी॥
पान चढ़े फूल चढ़े,और चढ़े मेवा.
लड्डुअन का भोग लगे,सन्त करें सेवा॥
जय गणेश, जय गणेश,जय गणेश देवा.
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा॥
अँधे को आँख देत,कोढ़िन को काया.
बाँझन को पुत्र देत,निर्धन को माया॥
सूर श्याम शरण आए,सफल कीजे सेवा.
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा॥
जय गणेश, जय गणेश,जय गणेश देवा.
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा॥
- आज का राशिफल-
मेष राशि:- आसानी से लोगों की मदद मिलने की वजह से आप अपने लिए कोई खतरा न पैदा करते चले जाएँ. अपने खर्चों क व्यर्थ में बढ़ा लेना भी एक तरह की गलती है जिसे बेकाबू न होने दें.
वृष राशि:- कामकाज के क्षेत्र में आपके साथी सहयोगी हों या आपके बॉस, किसी से भी मतभेद में बिलकुल न पड़ें. ऐसा करके आप अपनी दिक्कतों को कहीं इतना न बढ़ा लें की उसका बुरा असर आपके काम की स्थिरता पर पड़े.
मिथुन राशि:- किसी प्यार के रिश्ते को समझने में या उसमे समय लगाने में कोई कमी न रखें. हालात मददगार हैं इसलिए भी अपनी स्तिथि का सही आंकलन करना होगा, ताकि घर-परिवार से जुडी चिन्ताओं को लेकर आप कहीं परेशान न हो जाएँ.
कर्क राशि:- घर-परिवार में किसी छोटी बात को लेकर किसी बात को बिगाड़ें नहीं. ऐसे किसी अहम व्यक्ति को नाराज़ कर लेना ठीक नहीं है जो आपकी मदद करना चाह रहा है.
सिंह राशि:- अपनी मेहनत को और अपनी लगन को इस रूप से बनायें की वो आपको लोगों से जोड़ सके. रिश्तों की अच्छी बनती हुई संभावनाओं से कामकाज के क्षेत्र में भी बढ़ोतरी होगी. अपने साथी सह्योगिओं को किसी भी वजह से शक की नजर से बिलकुल न देखें.
कन्या राशि:- किसी भी तरह की बहस में पैसे को मुद्दा न बनायें. ऐसा करने से पैसे के फंसने का अंदेशा हो जायेगा और यही इस समय ठीक नहीं है.
तुला राशि:- चाहे घर-परिवार के रिश्तों की बात हो या किसी प्यार के रिश्ते की, किसी भी एक रिश्ते को बढ़ावा देने के लिए किसी दुसरे रिश्ते को नाराज़ न कर लें. ऐसा करके आप व्यर्थ में लोगों से फासले न बढाते चले जाएँ.
वृश्चिक राशि:- अपनों के करीब आने के जो भी अच्छे मौके मिल रहे हैं उन्हें अपने हाथ से जाने न दें. ऐसे में अपनी सीमाओं से बढ़कर भी कुछ किसी के लिए कुछ करना पड़े तो भी घबराएँ नहीं.
धनु राशि:- अपने दोस्तों से किसी बहस में बिलकुल न पड़ें और अगर कोई बहस छिड जाये तो उसमे सिर्फ अपने फायदे की बात न करते चले जाएँ, ऐसा करके आप कहीं अपनी छवि न बिगाड़ लें.
मकर राशि:- अपने कामकाज में नियमित हो जाने के जो फायदे हैं उन्हें कम न समझें. अपने पैसे की स्तिथि को अगर बचाए रखना है तो बहुत ज्यादा उदारता भी न दिखाएँ. थोडा सा अपना हाथ खींच लें.
कुम्भ राशि:- अपनी अच्छाई को बनाये रखना है तो किसी भी तरह की गलतफ़हमी में न पड़ें. अपनी बात बहुत स्पष्टता से कहें ताकि कोई दिक्कत पैदा ही न हो.
मीन राशि:- अपने काम या कारोबार को लेकर कोई ऐसा बड़ा कदम न उठायें जो आपको किसी खतरे में डाल दे. ऐसे समय में अपनी बचत को भी किसी खतरे में डालना ठीक नहीं होगा.
* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 9131366453
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.
- बुधवार का चौघडिय़ा -
दिन का चौघडिय़ा रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- लाभ पहला- उद्वेग
दूसरा- अमृत दूसरा- शुभ
तीसरा- काल तीसरा- अमृत
चौथा- शुभ चौथा- चर
पांचवां- रोग पांचवां- रोग
छठा- उद्वेग छठा- काल
सातवां- चर सातवां- लाभ
आठवां- लाभ आठवां- उद्वेग
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
पंचांग
बुधवार, 22 दिसंबर, 2021
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी
शक सम्वत1943 प्लव
विक्रम सम्वत2078
काली सम्वत5122
प्रविष्टे / गत्ते7
मास पौष
दिन काल10:19:10
तिथितृतीया - 16:54:54 तक
नक्षत्रपुष्य - 24:45:16 तक
करणविष्टि - 16:54:54 तक, बव - 29:45:39 तक
पक्ष कृष्ण
योग एन्द्र - 12:01:12 तक
सूर्योदय07:09:52
सूर्यास्त17:29:03
चन्द्र राशि कर्क
चन्द्रोदय20:11:00
चन्द्रास्त09:39:00
ऋतु शिशिर
अभिजित मुहूर्त कोई नहीं
अग्निवास पृथ्वी
दिशा शूल उत्तर
चन्द्र वास उत्तर
राहु वास दक्षिण-पश्चिम
सौभाग्य और सफलता के लिए बुधवार को करें विघ्नहर्ता गणेश जी की पूजा
काल भैरव मंदिर में पीएम मोदी ने की पूजा, थोड़ी देर में करेंगे काशी विश्वनाथ गलियारे का उद्घाटन
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