नई दिल्ली. पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. दरअसल, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बाद अब वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भी पार्टी पर सवाल उठा दिए हैं. संसद के हंगामेदार शीतकालीन सत्र की समाप्ति के बीच उन्होंने सदन की कार्यवाही में व्यवधान नहीं डालने की वकालत करते हुए कहा कि कुछ हद तक विपक्ष खुद के हाशिये पर जाने के लिए स्वयं जिम्मेदार है. हालांकि, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कई बार मुद्दे उठाने की अनुमति नहीं मिलने से निराशा का सामना करना पड़ता है.
शशि थरूर ने कहा कि उनकी पार्टी उनके इस विचार से वाकिफ है कि हमें व्यवधान पैदा नहीं करना चाहिए बल्कि संसद का उपयोग बहस के मंच के तौर पर करना चाहिए. राहुल गांधी की ओर निशाना साधते हुए यहां कार्यक्रम के दौरान थरूर से पूछा गया कि क्या पार्टी का एक चुना हुआ नेता होना चाहिए और ऐसा नहीं जोकि परिवार के चलते पद पर हो.
इस पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, साफ तौर पर कहूं तो जो लोग परिवार के कारण हैं, वे चुने भी जा सकते हैं। यद्यपि, इस बात को लेकर बेहद कम संशय है कि अगर राहुल गांधी चुनाव लड़ने के इच्छुक हों तो वे कांग्रेस में किसी भी अन्य के मुकाबले चुने जाएंगे क्योंकि पार्टी के मतदाताओं में दशकों से गांधी-नेहरू परिवार के प्रति निष्ठा की भावना है, जिसे आसानी से दूर नहीं किया जा सकता है. थरूर ने अपनी हालिया किताब प्राइड, प्रेजुडिस एंड पंडित्री पर चर्चा के दौरान उक्त टिप्पणी की.
थरूर के इस बयान के बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर तिरुवनंतपुरम से सांसद के मन में क्या है? थरूर ने कहा कि उनकी पार्टी उनके इस विचार से वाकिफ है कि हमें व्यवधान पैदा नहीं करना चाहिए बल्कि संसद का उपयोग बहस के मंच के तौर पर करना चाहिए.
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