क्रिसमस पर्व के 12 दिनों का अपना अलग महत्व, जानें हर दिन की खासियत

क्रिसमस पर्व के 12 दिनों का अपना अलग महत्व, जानें हर दिन की खासियत

प्रेषित समय :19:43:56 PM / Thu, Dec 23rd, 2021

हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन ईसा मसीह के जन्म हुआ था. भारत में अब अन्य धर्मों के लोग भी इस त्यौहार को बड़ी धूम-धाम से मनाते हैं. क्रिसमस के मौके पर चारों तरफ खुशी माहौल होता है और लोग एक-दूसरे को गिफ्ट देते हैं. इस दिन गिरिजा घरों की रौनक देखने लायक होती है. क्रिसमस के दो-चार दिन पहले से ही चर्चों और घरों को सजाया जाता है. इस दिन स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं और लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ मौज-मस्ती करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्रिसमस का त्यौहार सिर्फ एक दिन का नहीं होता है बल्कि पूरी दुनिया में 12 दिनों तक यह पर्व बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है. क्रिसमस पर्व के 12 दिनों  का अपना अलग महत्व और हर दिन कुछ न कुछ खास होता है. 

क्रिसमस डे का इतिहास कई सदियों पुराना है. प्राचीन कथा के अनुसार क्रिसमस के दिन ईसाई धर्म की स्थापना करने वाले प्रभु यीशु का जन्म हुआ था. यही कारण है कि इस दिन को पूरी दुनिया में क्रिसमस-डे कहकर सेलेब्रेट किया जाता है. प्रभु यीशु ने मरीयम के यहां जन्म लिया था. एक प्राचीन कथा के अनुसार, एक बार ईश्वर ने अपने दूत ग्रैबियल को मैरी नामक युवती के पास भेजा. ग्रैबियल ने मैरी को जाकर कहा कि उसे ईश्वर के पुत्र को जन्म देना होगा. यह बात सुनकर मैरी चौंक गई क्योंकि वह कुंवारी थी. हालाँकि, धीरे-धीरे समय बीता और मैरी की शादी जोसेफ नाम के युवक के साथ हो गई. इसके बाद एक दिन एक मरीयम को एक सपना आया कि बहुत जल्द यीशु उनके गर्भ से जन्म लेंगे. कुछ दिन बाद मरियम गर्भवती हुईं. इस दौरान किसी कारण से जोसेफ और मरियम को बेथलहम जाना पड़ा. जब रात ज्यादा हो गई तो उन्होंने वही रुकने के बारे में सोचा. लेकिन सभी धर्मशालाएँ और शरणालय भरे होने के कारण उन्हें वहां रुकने के लिए कोई ठीक जगह नहीं मिल पाई. ऐसे में उन्हें एक अस्तबल में जगह मिली और उन दोनों ने वहीं रुकने का फैसला किया. उसी के अगले दिन माता मरियम ने प्रभु यीशु को जन्म दिया था.

क्रिसमस शब्द की उत्पत्ति क्राइस्ट शब्द से हुई है. इतिहास के जानकारों के मुताबिक, दुनिया में सबसे पहली बार यह त्यौहार रोम में 336 ई. में मनाया गया था.

12 दिनों तक चलता है क्रिसमस पर्व  

पहला दिन (25 दिसबंर) - इस दिन को क्रिसमस डे को रूप में मनाया जाता है. इसी दिन से ही क्रिसमस का जश्न शुरू हो जाता है. क्रिसमस पर्व के पहले दिन को ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाते हैं.

दूसरा दिन (26 दिसंबर) - इस दिन को बॉक्सिंग डे के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को सेंट स्टीफन डे के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि  ईसाई धर्म के लिए सबसे पहले कुर्बानी देने वाले व्यक्ति सेंट स्टीफन थे.

तीसरा दिन (27 दिसंबर) - क्रिसमस पर्व का तीसरा दिन सेंट जॉन को समर्पित होता है. सेंट जॉन के बारे में कहा जाता है कि वे ईसा मसीह से प्रेरित और उनके मित्र माने जाते हैं.

चौथा दिन (28 दिसंबर) - क्रिसमस पर्व के चौथे दिन के बारे में कहा जाता है कि इस दिन किंग हीरोद ने ईसा मसीह को ढूंढते समय कई मासूम लोगों का कत्ल कर दिया था. उन्हीं मासूम लोगों की याद में इस दिन उनके लिए प्राथना का आयोजन किया जाता है.

पांचवां दिन (29 दिसंबर) - क्रिसमस पर्व के पाँचवा दिन सेंट थॉमस को समर्पित होता है. 12वीं सदी में चर्च पर राजा के अधिकार को चुनौती देने पर आज ही के दिन उनका कत्ल कर दिया गया था.

छठा दिन (30 दिसंबर) - यह दिन सेंट ईगविन ऑफ वर्सेस्टर को समर्पित होता है. इस दिन ईसाई धर्म के लोग सेंट ईगविन ऑफ वर्सेस्टर को याद करते हैं.

सातवां दिन (31 दिसंबर) - इस दिन के बारे में ऐसा कहा जाता है कि पॉप सिलवेस्टर ने इस दिन को मनाया था. कई यूरोपियन देशों में नए साल से पहले की शाम को सिलवेस्टर कहा जाता है. इस दिन खेल-कूद आयोजित किए जाते हैं.

आठवां दिन (1 जनवरी) - क्रिसमस का आंठवां दिन ईसा मसीह की मां मदर मैरी को समर्पित होता है.

नौवां दिन (2 जनवरी) - क्रिसमस पर्व का नौवां दिन, चौथी सदी के सबसे पहले ईसाई ‘सेंट बसिल द ग्रेट’ और ‘सेंट ग्रेगरी नाजियाजेन’ को समर्पित होता है. इस दिन उन्हें याद किया जाता है.

दसवां दिन (3 जनवरी) - मान्यताओं के अनुसार आज के दिन ईसा मसीह का नाम रखा गया था. इस दिन चर्च को सजाया जाता है और गीत गाए जाते हैं.

ग्यारहवां दिन (4 जनवरी) - यह दिन 18वीं और 19वीं सदी की संत सेंट एलिजाबेथ को समर्पित है. वे अमेरिका की पहली संत थीं. इस दिन उन्हें याद किया जाता है.

बारहवां दिन (5 जनवरी) - क्रिसमस पर्व का आखिरी दिन अमेरिका के पहले बिशप सेंट जॉन न्यूमन को समर्पित है.इस दिन को एपीफेनी भी कहा जाता है.
astropanchang.in

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

दिल्ली सरकार का बड़ा निर्णय: क्रिसमस-नए साल पर भीड़ पर लगाई रोक, 50% क्षमता के साथ खुलेंगे रेस्टोरेंट, सिनेमाघर और बार

सर्दियों में शराब पीने के होते हैं ये साइड इफेक्ट, क्रिसमस और न्यू ईयर पर रखें खुद पर काबू

नीदरलैंड में ओमिक्रॉन का बढ़ा खतरा, क्रिसमस से पहले लगा लॉकडाउन

क्रिसमस घर पर बनाएं टेस्टी चॉकलेट केक

क्रिसमस के मौके पर घर पर बनाएं प्लम केक, ये रही बनाने की आसान रेसिपी

अब युवराज सिंह लेकर आ रहे हैं अपना NFT, क्रिसमस के मौके पर किया जाएगा लॉन्च

Leave a Reply