-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी
* अमावस्या के बाद प्रथम चन्द्र दर्शन का विशेष धार्मिक महत्व है.
* कई श्रद्धालु चन्द्र दर्शन के बाद ही अपना व्रत खोलते हैं.
* क्योंकि अमावस्या के बाद चन्द्र दर्शन का समय सूर्यास्त के बाद बहुत कम समय के लिए होता है, इसलिए अपने क्षेत्र के सापेक्ष चन्द्र दर्शन का समय ज्ञात कर लें तो चन्द्र दर्शन का लाभ मिल सकता है!
- मंगलवार का चौघडिय़ा -
दिन का चौघडिय़ा रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- रोग पहला- काल
दूसरा- उद्वेग दूसरा- लाभ
तीसरा- चर तीसरा- उद्वेग
चौथा- लाभ चौथा- शुभ
पांचवां- अमृत पांचवां- अमृत
छठा- काल छठा- चर
सातवां- शुभ सातवां- रोग
आठवां- रोग आठवां- काल
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
पंचांग
मंगलवार, 4 जनवरी, 2022
चन्द्र दर्शन
शक सम्वत1943 प्लव
विक्रम सम्वत2078
काली सम्वत5122
प्रविष्टे / गत्ते20
मास पौष
दिन काल10:22:46
तिथिद्वितीया - 17:21:23 तक
नक्षत्रउत्तराषाढ़ा - 10:57:15 तक
करणकौलव - 17:21:23 तक, तैतिल - 27:55:03 तक
पक्ष शुक्ल
योगहर्शण - 21:35:56 तक
सूर्योदय07:14:37
सूर्यास्त17:37:24
चन्द्र राशि मकर
चन्द्रोदय 08:48:00
चन्द्रास्त19:22:59
ऋतु शिशिर
अभिजित मुहूर्त 11:54 ए एम से 12:37 पी एम
अग्निवास पाताल - 05:19 पी एम तक ,पृथ्वी
दिशा शूल उत्तर
चन्द्र वास दक्षिण
राहु वास पश्चिम
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