सूर्य अगर मजबूत हो तो हमें मान- सम्मान, सुख-समृद्धि मिलती है पिता का संग और सहयोग मिलता है. अगर सूर्य कमजोर हो तो पिता से नहीं बनेगी, सरकार से या सरकारी नौकरी में सस्पेंड होना या झूठे आरोप लगना मान सम्मान को ठेस पहुंचना आदि परेशानी रहेगी. सूर्य को बल देने के लिए चौकर वाले आटे कि रोटी खाएं, फल अधिक खाएं. गुड़ खाकर ऊपर से पानी पियें. रोज़ाना व्यायाम करें सूर्य को जल दें.
सूर्य ग्रह को मजबूत करने के लिए उपाय
सूर्य अगर मजबूत हो तो हमें मान- सम्मान, सुख-समृध्धि मिलती है पिता का संग और सहयोग मिलता है. अगर सूर्य कमजोर हो तो पिता से नहीं बनेगी, सरकार से या सरकारी नौकरी में सस्पेंड होना या झूठे आरोप लगना मान सम्मान को ठेस पहुंचना आदि परेशानी रहेगी. सूर्य को बल देने के लिए चौकर वाले आटे कि रोटी खाएं, फल अधिक खाएं. गुड़ खाकर ऊपर से पानी पियें. रोज़ाना व्यायाम करें सूर्य को जल दें.
कमजोर सूर्य की निशानी
* गुरु, देवता और पिता साथ छोड़ देते हैं.
* राज्य की ओर से दंड मिलता है
* नौकरी चली जाती है.
* सोना खो जाता है या चोरी हो जाता है.
* यदि घर पर या घर के आस-पास लाल गाय या भूरी भैंस है तो वह खो जाती है या मर जाती है.
•यदि आपको अधिक आलस आता है तो सूर्य की स्थिति अशुभ हो सकती है
•अगर आपके चेहरे पर तेज का अभाव है और आप हमेशा खुद को थका-थका महसूस करते हैं किसी काम को करने में आप आलस्य महसूस करते हैं
•हृदय के आसपास कमजोरी का आभास होता है
•सूर्य के अशुभ होने पर पेट, आँख, हृदय का रोग हो सकता है
•अहंकार इतना अधिक होना कि स्व,यं का नुकसान करते जाना,
•पिता के घर से अलग होना,
•कानूनी विवादों में फंसना और संपति विवाद होना,
•अपने से बड़ों से विवाद
सूर्य को अच्छा बनाने के तरीके :
•* घर की पूर्व दिशा दूषित होने से.
* विष्णु का अपमान.
* पिता का सम्मान न करना.
* देर से सोकर उठना.
* रात्रि के कर्मकांड करना.
* राजाज्ञा-न्याय का उल्लंघन करना.
* घर की पूर्व दिशा वास्तुशास्त्र अनुसार ठीक करें.
* भगवान विष्णु की उपासना.
* बंदर, पहाड़ी गाय या कपिला गाय को भोजन कराएं.
* सूर्य को अर्घ्य देना.
* रविवार का व्रत रखना.
* मुंह में मीठा डालकर ऊपर से पानी पीकर ही घर से निकलें.
* पिता का सम्मान करें. प्रतिदिन उनके चरण छुएं.
* आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें.
* गायत्री मंत्र का जाप करें.
* तांबा, गेहूं एवं गुड़ का दान करें.
* प्रत्येक कार्य का प्रारंभ मीठा खाकर करें.
* तांबे के एक टुकड़े को काटकर उसके दो भाग करें. एक को पानी में बहा दें तथा दूसरे को जीवनभर साथ रखें.
* ॐ रं रवये नमः या ॐ घृणी सूर्याय नमः 108 बार (1 माला) जाप करें.
Acharya M.K.Mishra
Divya Astrological consultancy
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