हनुमान चालीसा की 5 चमत्कारी चौपाइयां, कर सकती हैं आपकी हर इच्छा पूरी

हनुमान चालीसा की 5 चमत्कारी चौपाइयां, कर सकती हैं आपकी हर इच्छा पूरी

प्रेषित समय :20:14:56 PM / Mon, Jan 17th, 2022

धार्मिक उपदेशों, ग्रंथों में वह ताकत है जो हमारे दुखों का निवारण करती है, इस बात में कोई संदेह नहीं है. जब भी हम परेशान होते हैं तो अपनी समस्या का हल पाने के लिए शास्त्रीय उपायों का इस्तेमाल जरूर करते हैं. इसे आप चमत्कार ही कह लीजिए, लेकिन शास्त्रों में हमारी हर समस्या का समाधान है.
यदि हम निर्देशों के अनुसार उपाय करते चले जाएं, तो सफल जरूर होते हैं. इसलिए आज हम आपको हनुमान चालीसा के माध्यम से कुछ ऐसे उपाय बताएंगे जो आपके जीवन को सुखी बना देने में सक्षम सिद्ध होंगे.
भगवान हनुमान को समर्पित हनुमान चालीसा के बारे में कौन नहीं जानता, गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रची गई हनुमान चालीसा में वह चमत्कारी शक्ति है जो हमारे दुखों को हर लेती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस चमत्कार का रहस्य क्या है?
हनुमान चालीसा की शक्ति
परंतु हनुमान चालीसा में तो कोई मंत्र है ही नहीं, फिर मंत्रों के बिना भी वह चमत्कारी प्रभाव देने में सक्षम कैसे है? दरअसल हनुमान चालीसा में मंत्र ना होकर हनुमानजी की पराक्रम की विशेषताएं बताई गईं हैं. कहते हैं इन्हीं का जाप करने से व्यक्ति सुख प्राप्त करता है.
हनुमान चालीसा की पांच चौपाइयां
चलिए आपको बताते हैं हनुमान चालीसा की उन 5 चौपाइयों के बारे में, जिनका यदि नियमित सच्चे मन से वाचन किया जाए तो यह परम फलदायी सिद्ध होती हैं.
इस दिन करें जप
हनुमान चालीसा का वाचन मंगलवार या शनिवार को करना परम शुभ होता है. ध्यान रखें हनुमान चालीसा की इन चौपाइयों को पढ़ते समय उच्चारण में कोई गलती ना हो.
पहली चौपाइ - हनुमान चालीसा
भूत-पिशाच निकट नहीं आवे. महावीर जब नाम सुनावे..
लाभ
इस चौपाइ का निरंतर जाप उस व्यक्ति को करना चाहिए जिसे किसी का भय सताता हो. इस चौपाइ का नित्य रोज प्रातः और सायंकाल में 108 बार जाप किया जाए तो सभी प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है.
दूसरी चौपाइ - हनुमान चालीसा
नासै रोग हरै सब पीरा. जपत निरंतर हनुमत बीरा..
लाभ
यदि कोई व्यक्ति बीमारियों से घिरा रहता है, अनेक इलाज कराने के बाद भी वह सुख नही पा रहा, तो उसे इस चौपाइ का जाप करना चाहिए. इस चौपाइ का जाप निरंतर सुबह-शाम 108 बार करना चाहिए. इसके अलावा मंगलवार को हनुमान जी की मूर्ति के सामने बैठकर पूरी हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए, इससे जल्द ही व्यक्ति रोगमुक्त हो जाता है.
तीसरी चौपाइ - हनुमान चालीसा
अष्ट-सिद्धि नवनिधि के दाता. अस बर दीन जानकी माता..
लाभ
यह चौपाइ व्यक्ति को समस्याओं से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है. यदि किसी को भी जीवन में शक्तियों की प्राप्ति करनी हो, ताकि वह कठिन समय में खुद को कमजोर ना पाए तो नित्य रोज, ब्रह्म मुहूर्त में आधा घंटा इन पंक्तियों का जप करे, लाभ प्राप्त हो जाएगा.
चौथी चौपाइ - हनुमान चालीसा
विद्यावान गुनी अति चातुर. रामकाज करिबे को आतुर..
लाभ
यदि किसी व्यक्ति को विद्या और धन चाहिए तो इन पंक्तियों के जप से हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है. प्रतिदिन 108 बार ध्यानपूर्वक जप करने से व्यक्ति के धन सम्बंधित दुःख दूर हो जाते हैं.
पांचवीं चौपाइ - हनुमान चालीसा
भीम रूप धरि असुर संहारे. रामचंद्रजी के काज संवारे..
लाभ
जीवन में ऐसा कई बार होता है कि तमाम कोशिशों के बावजूद कार्य में विघ्न प्रकट होते हैं. यदि आपके साथ भी कुछ ऐसा हो रहा है तो उपरोक्त दी गई चौपाइ का कम से कम 108 बार जप करें, लाभ होगा.
हनुमान चालीसा का महत्व
किंतु हनुमान चालीसा का महत्व केवल इन पांच चौपाइयों तक सीमित नहीं है. पूर्ण हनुमान चालीसा का भी अपना एक महत्व एवं इस पाठ को पढ़ने का लाभ है, जिससे आम लोग अनजान हैं.
हनुमान चालीसा का पाठ
बहुत कम लोग जानते हैं कि हिन्दू धर्म में हनुमान जी की आराधना हेतु 'हनुमान चालीसा' का पाठ सर्वमान्य साधन है. इसका पाठ सनातन जगत में जितना प्रचलित है, उतना किसी और वंदना या पूजन आदि में नहीं दिखाई देता.
फलदायी - हनुमान चालीसा
'श्री हनुमान चालीसा' के रचनाकार गोस्वामी तुलसीदास जी माने जाते हैं. इसीलिए 'रामचरितमानस' की भाँति यह हनुमान गुणगाथा फलदायी मानी गई है.
भक्तों का अनुभव
यह बात केवल कहने योग्य नहीं है, अपित्य भक्तों का अनुभव है कि हनुमान चालीसा पढ़ने से परेशानियों से लड़ने की शक्ति प्राप्त होती है.
वंदना
तो यदि आप भी दिल से, पवनपुत्र हनुमान जी की भावपूर्ण वंदना करते हैं, तो आपको ना केवल बजरंग बलि का अपितु साथ ही श्रीराम का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा.
Acharya M.K.Mishra 
Divya Astrological consultancy
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी पर जानिए महत्व, पूजा विधि एवं पूजन के शुभ मुहूर्त

शुभ कार्यों में नवग्रहों का पूजन क्यों ?

देहरी पूजन की विधि

तुलसी विवाह एवं शालिग्राम पूजन

Leave a Reply