समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव भी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में चुनाव लड़ेंगे. सूत्रों के मुताबिक, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव आजमगढ़ की गोपालपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. अभी अखिलेश यादव आजमगढ़ से सांसद हैं. हलांकि इससे पहले 1 नवंबर को खुद अखिलेश यादव ने मीडिया के सामने बयान दिया था कि वे इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. अखिलेश यादव के ऐलान ने तब सबको चौंका दिया था.
अब इस बीच एएनआई ने समाजवादी पार्टी सूत्रों के हवाले से बताया है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव आजमगढ़ की गोपालपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे. हालांकि अखिलेश यादव के यूपी विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर समाजवादी पार्टी से अभी आधिकारिक ऐलान होना बाकी है.
उत्तर प्रदेश के मंत्री मोहसिन रज़ा ने अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने को लेकर कहा कि, मुझे नहीं लगता कि वो चुनाव लड़ना पसंद करते हैं क्योंकि मैदान में जाने वाले लोग हमेशा मैदान में दिखते हैं. वो (अखिलेश यादव) मन से चुनाव तो नहीं लड़ने जा रहें बल्कि वो भरे मन से चुनाव लड़ने जा रहे हैं क्योंकि BJP ने CM योगी जी और उपमुख्यमंत्री केशव जी को चुनाव लड़ाने की बात की तो इसे लेकर उनके पार्टी के सदस्य ने जरूर सवाल किया होगा कि आप क्यों नहीं चुनाव लड़ेंगे?
सपा प्रमुख अखिलेश यादव अगर यूपी विधानसभा चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें लोकसभा की सदस्यता छोड़नी पड़ेगी. अखिलेश यादव फिलहाल आजमगढ़ सीट से लोकसभा सांसद हैं. इससे पहले चुनानी मैदान में उतरने के सवाल पर अखिलेश यादव यही कहते आए हैं कि उन्हें पार्टी के निर्णय पर वे चुनावी मैदान में उतरेंगे.
यूपी में सपा को मिला टीएमसी का साथ, कई दल कर चुके हैं गठबंधन
वहीं टीएमसी उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (SP) के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकती है और अखिलेश यादव के समर्थन में सभा कर सकती हैं. विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के तुरंत बाद समाजवादी पार्टी बीजेपी को हराने के लिए अन्य दलों के साथ गठजोड़ की राजनीति में जुट गई है. इस कड़ी के तहत सपा को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का समर्थन मिलने जा रहा है. ममता बनर्जी अखिलेश के समर्थन में सभा कर सकती हैं. दूसरी ओर तृणमूल यूपी में एक सीट पर अपना उम्मीदवार उतारने जा रही है. इससे पहले सपा ने यूपी में कई छोटे दलों से गठबंधन भी किया है. इसमें सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट),राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी),अपना दल (कमेरावादी), प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया), महान दल, टीएमसी शामिल है. वहीं चंद्रशेखर आजाद की पार्टी से गठबंधन फाइनल नहीं हो पाया था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-यूपी विधान सभा में घटता-बढ़ता रहा है मुस्लिम प्रतिनिधित्व
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