कमाल हैं राजनेता! रोजी-रोटी भी नहीं देते और खाने भी पहुंच जाते हैं?

कमाल हैं राजनेता! रोजी-रोटी भी नहीं देते और खाने भी पहुंच जाते हैं?

प्रेषित समय :21:46:06 PM / Thu, Jan 20th, 2022

प्रदीप द्विवेदी (खबरंदाजी). भारत के राजनेता भी कमाल करते हैं? जब सत्ता में होते हैं तो गरीबों की परवाह नहीं करते, उनकी रोजी-रोटी के बारे में नहीं सोचते, लेकिन जब चुनाव आते हैं तो वोट के खातिर गरीब के घर खाने के लिए पहुंच जाते हैं!
काहे भाई? 
दरअसल, चुनाव के वक्त वे बताना चाहते हैं कि उनमें और गरीबों में कोई फर्क नहीं है? वे भी सियासी गरीब हैं! 
ग़रीबों के जेब में नोट नहीं हैं, तो अमीर राजनेताओं के पास वोट नहीं हैं!
इसलिए पहुंच जाते हैं गरीब के घर खाना खाने?
कमाल की बात यह है कि वे गरीब भाई से पूछते भी नहीं कि- भाई! नौकरी है कि नहीं? पैसा है कि नहीं? खाना कहां से आया?
या तो राजनेता समझ नहीं पाते कि उनकी बदौलत ही गरीब की रोजी-रोटी संकट में आ गई है? या फिर राजनेता यह देखने जाते हैं अभी भी गरीब में संघर्ष करने की कितनी ताकत बची है?
वैसे, अब मध्यम वर्ग को शिकायत नहीं होनी चाहिए कि राजनेता केवल मध्यम वर्ग का ही खाते हैं, वे गरीबों का खाने में भी पीछे नहीं हैं?
सियासी सयानों का कहना है कि जिनके घर भोजन करने जाते हैं राजनेता, उनको कम से कम इतना शपथ-पत्र जरूर दे जाए कि जो आटा, दाल, चावल, तेल आदि का आज भाव है, वह कम हो या नहीं, लेकिन अगले चुनाव तक बढ़ेगा नहीं!
देश के प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट शेखर गुरेरा, गरीब के घर खाना खाने की इस सहभोज सियासत को कुछ इस तरह से देखते हैं....

https://twitter.com/GureraShekhar/status/1482791267985928192?t=rg1iQzvuSsngvMYehngAMQ&s=08

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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