चेन्नई. तमिलनाडु के तंजावुर जिले में एक नाबालिग लड़की की मौत के मामले को मद्रास हाई कोर्ट ने गंभीरता से लिया है और कोर्ट की मदुरै पीठ ने मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो को ट्रांसफर करने का आदेश दिया है. मद्रास हाई कोर्ट ने इससे पहले 24 जनवरी को मौत से पहले पीड़िता का वीडियो बनाने वाले को पुलिस अधिकारियों के सामने पेश होने का आदेश दिया था. वीडियो में छात्रा ने आरोप लगाया था कि हॉस्टल में उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की जा रही थी. 19 जनवरी को उसकी मौत हो गई थी.
यह किशोरी तमिलनाडु के तंजावुर जिले के क्रिश्चियन मिशनरी स्कूल में पढ़ती थी. वहां उसका कथित तौर पर उत्पीड़न किया गया और हॉस्टल वॉर्डन उससे जबरन घरेलू काम करवाती थी. सोशल मीडिया पर आए एक वीडियो में किशोरी ने आरोप लगाया था कि उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है. इसके बाद नाबालिग ने अपनी जान देने की कोशिश की. उसे तंजावुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन 19 जनवरी को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी.
इस मामले में पुलिस ने हॉस्टल के वार्डन को गिरफ्तार कर लिया है. बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय आयोग (एनसीपीसीआर) ने इस घटना को लेकर कहा था कि आयोग की एक टीम तंजावुर जिले का दौरा करेगी और नाबालिग छात्रा की मौत की जांच करेगी. इसके लिए संबंधित पुलिस अधीक्षक से मौजूद रहने के लिए कहा गया है. आयोग की टीम छात्रा के माता-पिता और स्कूल अधिकारियों से मुलाकात करेगी, क्योंकि मामले में तमिलनाडु सरकार की ओर से आयोग का सहयोग नहीं किया जा रहा है.
एसपी रावली प्रिया ने गुरुवार को कहा कि यहां धर्मांतरण का कोई मुद्दा नहीं है, जैसा कि भाजपा नेता आरोप लगा रहे हैं. अरियालुर के रहने वाले लावण्या के पिता मुरुगनंदम को 10 जनवरी को बताया कि उनकी बेटी को 9 जनवरी को उल्टी होने और पेट में तेज दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मुरुगनंदम ने लावण्या को तंजौर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शिफ्ट कर दिया था जहां 19 जनवरी को उसकी मौत हो गई.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
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