उडुपी. कर्नाटक में हिजाब विवाद का मामला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. वहीं इस बीच खबर है कि इस विवाद के चलते हो रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर उडुपी जिले में 14 फरवरी की सुबह 6 बजे से 19 फरवरी की शाम 6 बजे तक सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई है. दरअसल, स्कूलों के सोमवार से फिर से खुलने के साथ इस कदम को एहतियाती उपाय के तौर पर देखा जा रहा है. राज्य सरकार ने हिजाब-भगवा शॉल विवाद के मद्देनजर स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया था.
यह आदेश 14 फरवरी को सुबह छह बजे से 19 फरवरी की शाम छह बजे तक लागू रहेगा. जिला पुलिस अधीक्षक ने उपायुक्त एम कुर्मा राव से हाईस्कूलों के आसपास के 200 मीटर के दायरे में धारा 144 लगाने का अनुरोध किया था. आदेश के अनुसार, स्कूलों के इस दायरे के भीतर पांच या इससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर रोक रहेगी. प्रदर्शन तथा रैलियों पर प्रतिबंध रहेगा. नारेबाजी करने, गीत गाने या भाषण देने पर सख्त पाबंदी रहेगी. उधर उडुपी से बीजेपी विधायक रघुपति भट ने कहा है कि मैंने एनआईए जांच की मांग की है क्योंकि यह एक अंतरराष्ट्रीय साजिश है. पाक के अलावा कोई मुस्लिम देश हमारे खिलाफ नहीं है. उडुपी में हिजाब पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है. यह उनका धार्मिक अधिकार है लेकिन स्कूलों में वर्दी का पालन करना चाहिए.
कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में ‘हिजाब’ को लेकर उठे विवाद के बीच सोशल मीडिया पर दो वीडियो सामने आए हैं, जिनमें दक्षिण कन्नड़ और बागलकोट जिलों में कुछ छात्र सरकारी विद्यालयों में शुक्रवार के दिन कथित तौर पर नमाज अदा करते दिखाई दिए. दक्षिण कन्नड़ जिले के सरकारी प्राथमिक स्कूल में कथित तौर पर नमाज अदा करने वाले छात्रों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवाद हो गया. यह घटना चार फरवरी को हुई थी और लोगों ने इस पर आपत्ति जताई थी. शिकायत के बाद शुक्रवार को शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूल पहुंचे. वहां के शिक्षकों ने कहा कि उन्होंने छात्रों को कक्षा में धार्मिक गतिविधियों में शामिल नहीं होने का आदेश दिया है. खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) सी लोकेश ने कहा कि विभाग ने अपने अधिकारियों से स्कूल का दौरा करने और घटना पर तुरंत एक रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है. बाद में, लोकेश ने कहा कि आज स्कूल अधिकारियों, छात्रों और उनके अभिभावकों के बीच एक बैठक में इस मुद्दे को सुलझा लिया गया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट की टिप्पणी- अगली सुनवाई तक धार्मिक पोशाक पहनने पर रोक
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