जेनेवा. इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी ने यूक्रेन पर हमला करने के लिए रूस को अलग-थलग करने और उसकी निंदा करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. उसने सोमवार को सभी स्पोर्ट्स फेडरेशन से रूसी खिलाड़ियों और अधिकारियों को इंटरनेशनल इवेंट से बाहर करने का आग्रह किया. आईओसी ने कहा कि वैश्विक खेल प्रतियोगिताओं की अखंडता की रक्षा और सभी प्रतिभागियों की सुरक्षा के लिए ऐसा करना आवश्यक है. इस फैसले से वर्ल्ड फुटबॉल की सर्वोच्च संस्था फीफा के लिए रूस को 24 मार्च को होने वाली वर्ल्ड कप क्वालिफाइंग मैच से बाहर करने का रास्ता खुल गया है. पोलैंड ने पहले ही इस पूर्व निर्धारित मैच में रूस से खेलने से इनकार कर दिया था.
आईओसी की अपील बेलारूस के खिलाड़ियों और अधिकारियों पर भी लागू होती है, जो रूस से हमले का समर्थन कर रहा है. आईओसी ने कहा कि उसने भारी मन से यह फैसला किया, लेकिन युद्ध के कारण यूक्रेन के खेलों पर पड़ने वाला प्रभाव रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों को होने वाले नुकसान से कहीं अधिक है. आईओसी ने पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया है. उसने कहा है कि जहां संगठनात्मक या कानूनी कारणों से इतनी जल्दी खिलाड़ियों और अधिकारियों को बाहर करना संभव नहीं है.
राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग नहीं कर सकेंगे
रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों को तटस्थ खिलाड़ियों के रूप में भाग लेना चाहिए और वे अपने राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रगान या प्रतीक चिन्ह का उपयोग नहीं कर सकते हैं. इनमें बीजिंग में होने वाले आगामी विंटर पैरालंपिक गेम्स भी शामिल हैं. ओलंपिक कमेटी ने व्लादीमीर पुतिन को 2011 में दिए गए ओलंपिक ऑर्डर को भी वापस ले लिया है. उसके बाद अन्य रूसी अधिकारियों को दिया गया, यह सम्मान भी वापस ले लिया गया है.
आइस हॉकी से भी बाहर होने का खतरा
यूरोप की कई खेल संस्थाएं पहले ही रूस का विरोध कर चुकी हैं. उन्होंने रूसी टीम की मेजबानी करने या उनके खिलाफ खेलने से इनकार कर दिया है. फिनलैंड चाहता है कि रूसी आइस हॉकी टीम को पुरुष वर्ल्ड चैंपियनशिप में भाग लेने से रोका जाना चाहिए. फिनलैंड मई में इस प्रतियोगिता की मेजबानी करेगा. स्विट्जरलैंड के फुटबॉल महासंघ ने कहा कि उनकी महिला टीम जुलाई में यूरोपीय चैंपियनशिप में रूस से नहीं खेलेगी.
जर्मन फुटबॉल क्लब शाल्के ने कहा कि उसने रूस की सरकार नियंत्रित ऊर्जा कंपनी गाजप्रोम से लंबे समय से चला आ रहा रिश्ता तोड़ने का फैसला किया है. फीफा ने रूस को वर्ल्ड कप क्वालिफाइंग से तुरंत बाहर नहीं करने और देश को सिर्फ तटस्थ स्थलों पर उसके ध्वज और राष्ट्रगान के बिना अपने महासंघ फुटबॉल यूनियन आफ रूस के नाम से खेलने का आदेश दिया, जिसको लेकर यूरोपीय देशों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की. पोलैंड के अलावा स्वीडन और चेक गणराज्य ने भी कहा कि वह रूस के खिलाफ अपनी टीम नहीं उतारेंगे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ खुलासा, कीव की तरफ बढ़ रहा रूसी सेना का 64 KM लंबा काफिला
गजब कर दिया : यूक्रेन के किसान ने ट्रैक्टर से चुराया रूसी सेना का टैंक, वीडियो वायरल
रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग से भारत चिंतित, निर्मला सीतारमण बोलीं- निर्यात पर पड़ सकता है असर
रूस-यूक्रेन जंग पर UNGA में आयोजित होगा आपातकालीन विशेष सत्र, UNSC में फिर वोटिंग से बाहर रहा भारत
Leave a Reply